ईरान-इजरायल युद्ध में अमेरिकी एंट्री के बाद चीन में HQ-29 डिफेंस सिस्टम की क्यों हो रही चर्चा, क्या है ये?
जंग के 11वें दिन इजरायल ने कहा है कि सोमवार की सुबह से ही ईरान मिसाइलों की बौछार कर रहा है। इजरायली सेना ने बाद में बताया कि ईरान ने अतिरिक्त बमबारी भी की है। इस वजह से जॉर्डन और मध्य इजराइल में सायरन बजाए गए।

ईरान और इजरायल के बीच छिड़ी जंग 11वें दिन भी जारी है। रविवार को तीन परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमलों से बौखलाया ईरान आज (सोमवार, 23 जून को) इजरायल पर ताबड़तोड़ मिसाइल हमले कर रहा है। इजरायल भी ईरान की राजधानी तेहरान समेत कई शहरों पर हमले कर रहा है। इस बीच, चीन ने अमेरिकी हमले की निंदा की है और युद्ध के वैश्विक प्रभाव को देखते हुए सभी पक्षों सें तनाव खत्म करने की अपील की है। चीन ने अमेरिका को लगे हाथ इस बात की चेतावनी भी दी है कि उसके हमले के गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं। चीन ईरान का समर्थक माना जाता है। इसके अलावा रूस और उत्तर कोरिया भी ईरान के समर्थक देश कहे जाते हैं।
इस बीच, चीन में सोशल मीडिया पर चीनी बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम HQ-29 को लेकर बड़ी अटकलें जारी हैं। माना जा रहा है कि इसे जल्द ही चीन सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शित करेगा। वायरल वीडियो क्लिप के मुताबिक छह चक्कों वाले एक ट्रक पर इस मिसाइल को राजधानी बीजिंग की तरफ ले जाते हुए दिखाया गया है। उस ट्रक को दो बड़े मिसाइल कनस्तरों को ले जाते हुए दिखाया गया है, जिनमें से प्रत्येक का व्यास लगभग 1.5 मीटर (4.9 फीट) है। चर्चा इस बात की भी है कि द्वितीय विश्व युद्ध की बरसी के मौके पर इसे सितंबर में बीजिंग में एक सैन्य परेड में पहली बार पेश किया जा सकता है।
क्या है HQ-29 डिफेंस सिस्टम?
HQ-29 एक एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम (जिसे एचक्यू-26 के नाम से भी जाना जाता है) है। माना जाता है कि यह HQ-19 सहित अन्य चीनी मिसाइल ढालों की तुलना में अधिक उन्नत है। इसकी तुलना अमेरिकी टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) प्रणाली से की गई है। इसकी एंटी-सैटेलाइट कार्यक्षमता इसे बहुत ताकतवर रक्षा प्रणाली प्रणाली बनाती है जो पारंपरिक मिसाइल खतरों और अंतरिक्ष-से आने वाली चुनौतियों यानी दोनों से एक साथ निपटने में सक्षम है।
HQ-29 पृथ्वी की कक्षा से बाहर 500 किलो मीटर से अधिक की ऊँचाई पर भी मिसाइलों और लो ऑरबिट के उपग्रहों को भी इंटरस्पेट करने में सक्षम है। हालांकि, इस प्रणाली के बारे में अभी तक आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन माना जाता है कि HQ-29 अंतरिक्ष और जमीनी रक्षा क्षमताओं को एकीकृत करने के चीन की कोशिशों का बड़ा उदाहरण है।
पृथ्वी के वायुमंडल के बाहर की दुश्मन का काम तमाम
चीनी अधिकारियों ने अभी तक HQ-29 की पुष्टि नहीं की है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह एक ऐसा इंटरस्पेटर है, जिसे पृथ्वी के वायुमंडल से बाहरी कक्ष में ही बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट करने के लिए डिजायन किया गया है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट में पूर्व पीपुल्स लिबरेशन आर्मी प्रशिक्षक सोंग झोंगपिंग के हवाले से कहा गया है कि यह संभवतः चीन की मध्य-मार्ग मिसाइल रक्षा क्षमता का हिस्सा है, जिसे उड़ान पथ के मध्य चरण के दौरान खतरों को रोकने के लिए डिजायन किया गया है।
उन्होंने बताया कि बड़े, दोहरे-कैनिस्टर विन्यास से पता चलता है कि इसमें बड़े आकार की और तेज गति वाली मिसाइलें रखी गई हैं - जो यूएस ग्राउंड-बेस्ड इंटरसेप्टर और रूस के न्यूडोल सिस्टम के समान हैं। सोंग ने बताया कि चीन ने वर्ष 2010 से लगातार मिड कोर्स इंटरस्पेशन क्षमताओं का प्रदर्शन किया है, जो एक स्पष्ट रणनीतिक संदेश देता है। उन्होंने बताया कि इन मिसाइलों को कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों से लेकर एक्सोएटमॉस्फेरिक चरण में मौजूद खतरों का मुकाबला करने के लिए डिजायन किया गया है। यह वायुमंडल के भीतर छोटी और मध्यम दूरी के खतरों को रोकने पर ध्यान केंद्रित करता है।
चीन की मिसाइल रक्षा प्रणाली तीन परतों में कार्यरत
बता दें कि चीन की मिसाइल रक्षा प्रणाली तीन परतों में काम करती है। एक एक्सोएटमॉस्फेरिक परत जिसे डीएन-1 और डीएन-2 जैसे गतिज इंटरसेप्टर द्वारा मैनेज किया जाता है; दूसरा मध्य परत जो एचक्यू-19 और एचक्यू-26 द्वारा मैनेज होता है; और तीसरा एक टर्मिनल इंटरसेप्शन परत है, जिसमें एचक्यू-9बी और एचक्यू-29 जैसी बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल हैं।
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