Hindi Newsविदेश न्यूज़How to defeat USA and NATO Weapons? Friend Russia will give technical training to China amid Ulraine war what is plan

अमेरिका और NATO को कैसे दें पटखनी? चीन को टेक्निकल ट्रेनिंग देगा दोस्त रूस; क्या है प्लान

डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को नाटो शिखर सम्मेलन के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की से मुलाकात की और कहा कि NATO गठबंधन द्वारा खर्च बढ़ाए जाने से भविष्य में पड़ोसियों के खिलाफ रूस की आक्रामकता को रोकने में मदद मिलेगी।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 26 June 2025 02:57 PM
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अमेरिका और NATO को कैसे दें पटखनी? चीन को टेक्निकल ट्रेनिंग देगा दोस्त रूस; क्या है प्लान

ईरान-इजरायल युद्ध में सीजफायर होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब यूक्रेन-रूस जंग को रोकने की कवायद तेज कर दी है। इसी सिलसिले में ट्रंप ने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन के खिलाफ जंग रोकने का आह्वान किया है। उन्होंने रूस को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर रूस युद्धविराम की ओर आगे नहीं बढ़ता है तो अमेरिका और नाटो सदस्य देश यूक्रेन को और अधिक पैट्रियट और उस जैसी अन्य एंटी मिसाइल सुरक्षा कवच उपलब्ध कराएंगे। ट्रंप के इस बयान को रूस पर दबाव बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

दूसरी तरफ, रूस ने पड़ोसी और दोस्त चीन के सैनिकों को अमेरिका और नाटो से निपटने के लिए सैनिक प्रशिक्षण देने की योजना बनाई है। कीव पोस्ट की एक रिपोर्ट में यूक्रेन के रक्षा खुफिया निदेशालय (HUR) के हवाले से दावा किया गया है कि रूस अपने सशस्त्र बलों के ठिकानों पर 600 चीनी सैनिकों को प्रशिक्षण देने की तैयारी कर रहा है। इस ट्रेनिंग में रूसी सैनिक प्रशिक्षक चीनी सैनिकों को यूक्रेन युद्ध के दौरान के अनुभवों को साझा करेंगे और अमेरिका और नाटो सदस्य देशों की तरफ से यूक्रेन को दिए गए हथियारों से निपटने की तकनीक पर उन्हें ट्रेनिंग देंगे।

ट्रेनिंग का क्या मकसद?

रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रेमलिन ने चीनी सैन्य कर्मियों को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस द्वारा प्राप्त युद्ध अनुभव का अध्ययन करने और उसे अपनाने की अनुमति देने का फैसला किया है। इस ट्रेनिंग के दौरान चीनी सैनिकों को पश्चिमी देशों के हथियारों का मुकाबला करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसमें टैंक संचालकों, तोपखाने के जवानों, इंजीनियरों और वायु रक्षा विशेषज्ञों को प्रशिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

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रिपोर्ट में खुफिया सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि मॉस्को और बीजिंग के बीच इस तरह की सैन्य ट्रेनिंग पर सहमति और सहयोग इस तथ्य को रेखांकित करता है कि भविष्य में अमेरिका और अन्य पश्चिम देशों के साथ वैश्विक टकराव होने की स्थिति में चीन और रूस एक गठबंधन के तहत मुकाबला कर सकते हैं। यह सैन्य सहयोग इसी मंशा को दर्शाता है। यह ट्रेनिंग चीनी सैनिकों को और मजबूत करेगा, जिसने हाल के वर्षों में कई सैन्य अभ्यास किए हैं।

और आक्रामक हो सकता है चीन

विश्लेषकों का मानना है कि इस ट्रेनिंग से चीन को अमेरिकी हथियारों की विशेष जानकारी हासिल हो सकती है और चीन हिन्द-प्रशांत महासागर क्षेत्र में बड़ी शक्ति बनने के लिए अमेरिका से आगे निकलने की कोशिश कर सकता है। जानकार इस बात पर भी चिंता जता रहे हैं कि इस तरह का प्रशिक्षण हासिल कर चीनी सेना ताइवान पर आक्रमण करने के लिए उन तकनीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

कीव को ना, रूस को सप्लाई जारी

बता दें कि पिछले महीने की शुरुआत में राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा था कि चीन ने कीव और अन्य यूरोपीय देशों को ड्रोन बेचना बंद कर दिया है, जबकि रूस को उसकी शिपमेंट निर्बाध रूप से जारी है। यूक्रेन-रूस युद्ध की बड़ी खासियत ड्रोन रहे हैं, जो दोनों पक्षों को अधिक हमलावर बनाए हुए है। हालांकि, यूक्रेन शुरू में पूरी तरह से चीन से आयातित ड्रोन, जैसे डीजेआई माविक पर निर्भर था, लेकिन अब उसके पास घरेलू स्तर पर बड़ी संख्या में ड्रोन बनाने की क्षमता है।

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