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ढाका में तोड़ा गया दुर्गा माता का मंदिर, MEA ने यूनुस प्रशासन को बताया जिम्मेदार

Bangladesh: बांग्लादेश की राजधानी ढाका में दुर्गा माता मंदिर तोड़े जाने की विदेश मंत्रालय ने आलोचना की है। मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि यह घटना यूनुस सरकार की अक्षमता को प्रदर्शित करती है। उन्होंने मंदिर को सुरक्षा देने की जगह उसे तोड़ने की अनुमति दी।

Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानFri, 27 June 2025 12:03 AM
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ढाका में तोड़ा गया दुर्गा माता का मंदिर, MEA ने यूनुस प्रशासन को बताया जिम्मेदार

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक दुर्गा माता का मंदिर तोड़े जाने की विदेश मंत्रालय ने आलोचना की है। मंत्रालय ने इसके लिए यूनुस प्रशासन को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि उन्होंने इसे बचाने की जगह इसे अवैध भूमि करार देते हुए इसे तोड़ने पर अपनी सहमति दिखाई है। यह फैसला दिखाता है कि इस बांग्लादेश की अंतरिम सरकार हिंदू अल्पसंख्यकों और उनके धार्मिक संस्थानों की रक्षा करने में कितनी असमर्थ है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस पूरे मामले में विरोधी रुख अपनाने वाले बांग्लादेशी अधिकारियों की आलोचना की। उन्होंने कहा, "हमें पता चला है कि चरमपंथी तत्व काफी पहले से ढाका के खिलखेत में स्थित दुर्गा मंदिर को ध्वस्त करने की मांग कर रहे थे। अंतरिम सरकार के अधिकारियों ने इसे रोकने की जगह इसको अवैध भूमि के रूप में दिखाया और गुरुवार को इसे ध्वस्त हो जाने दिया। यह इतने अपमानजनक रूप से किया गया कि दिव्य मूर्ति को उसके स्थान से हटाया भी नहीं जा सका है, जिससे उसे नुकसान पहुंचा है।"

जायसवाल ने कहा, "हम इस बात से निराश है कि बांग्लादेश में बार-बार ऐसी घटनाएं हो रही हैं।" इसके साथ ही जायसवाल ने यूनुस सरकार के हिंदुओं, उनकी संपत्ति और उनके धार्मिक संस्थानों की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी की तरफ ध्यान देने पर जोर दिया।"

इसके अलावा जायसवाल ने अगले साल समाप्त होने वाली भारत और बांग्लादेश के 1996 की गंगा जल संधि पर भी नई वार्ता करने पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली पारस्परिक रूप से लाभकारी बातचीत के अनुकूल माहौल में ढाका से बातचीत करने को तैयार है।

जायसवाल ने कहा, "भारत और बांग्लादेश गंगा सहित कुल मिलाकर 54 छोटी-बड़ी नदियां साझा करते हैं। ऐसे में इस सहयोग का हिस्सा बनने और इस पर चर्चा करने के लिए दोनों देशों के पास है एक संयुक्त नदी आयोग है। हम अपने नजरिए से कोई प्रस्ताव रखने के लिए आंतरिक परामर्श के साथ-साथ राज्य सरकारों के साथ भी बातचीत कर रहे हैं। हम बांग्लादेश के साथ सभी मुद्दों पर पारस्परिक लाभ के लिए बातचीत करने के लिए तैयार हैं।"

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