अब तानाशाह से दोस्ती का हाथ बढ़ाएंगे ट्रंप? किम जोंग उन से बातचीत पर क्या बोले अमेरिकी राष्ट्रपति
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब उत्तर कोरिया से रिश्ते बेहतर की बात कर रहे हैं। ओवल ऑफिस में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह बात कही। ट्रंप ने कहाकि वह उत्तर कोरिया के साथ संघर्ष का समाधान करेंगे।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब उत्तर कोरिया से रिश्ते बेहतर की बात कर रहे हैं। ओवल ऑफिस में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह बात कही। ट्रंप ने कहाकि वह उत्तर कोरिया के साथ संघर्ष का समाधान करेंगे। इस कार्यक्रम के दौरान ट्रंप दुनिया भर में लड़ाइयां खत्म कराने के अपने प्रयासों की बात कर रहे थे। इस दौरान ट्रंप से पूछा गया कि क्या उन्होंने उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन को लेटर लिखा है? इस महीने एक रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया था। ट्रंप ने इस बात का सीधी तरह से जवाब तो नहीं दिया, लेकिन उन्होंने यह जरूर कहाकि किम जोंग उन के साथ उनके रिश्ते अच्छे हैं।
ट्रंप का पत्र नहीं किया स्वीकार
डोनाल्ड ट्रंप ने आगे कहाकि कि कोई कह रहा है कि एक संभावित संघर्ष हो सकता है, लेकिन मुझे लगता है कि हम इसे सुलझा लेंगे। अगर कोई संघर्ष होता है, तो इसमें हमारा हाथ नहीं होगा। बता दें कि उत्तर कोरिया की निगरानी करने वाली सियोल स्थित एनके न्यूज ने इस महीने एक रिपोर्ट दी थी। इसके मुताबिक संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया के प्रतिनिधिमंडल ने ट्रंप का किम को भेजा हुआ पत्र स्वीकार करने से इनकार कर दिया था।
पहले कार्यकाल में बनने लगी थी बात
ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान, 2017 से 2021 के बीच किम के साथ उनकी तीन बैठकें हुईं। इस दौरान दोनों ने एक-दूसरे को कई पत्र भी भेजे। इन पत्रों को ट्रंप ने सुंदर कहा था। लेकिन यह अभूतपूर्व कूटनीतिक प्रयास उस समय टूट गया जब अमेरिका ने किम से परमाणु हथियार छोड़ने की मांग की। ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में स्वीकार किया है कि उत्तर कोरिया एक परमाणु शक्ति है। व्हाइट हाउस ने 11 जून को कहा कि ट्रंप किम के साथ बातचीत का फिर से स्वागत करेंगे, लेकिन यह पुष्टि नहीं की कि कोई पत्र भेजा गया था।
रूस के करीब है उत्तर कोरिया
उत्तर कोरिया ने 2019 में ट्रंप की कूटनीति खत्म होने के बाद से बातचीत में लौटने में कोई रुचि नहीं दिखाई है। इसके बजाय, इसने अपने परमाणु हथियारों और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों का काफी विस्तार किया है। इसके अलावा यू्क्रेन के खिलाफ लड़ाई में रूस का साथ देकर उसके साथ करीबी संबंध बना लिए हैं। प्योंगयांग ने रूस को सैनिकों और हथियारों की आपूर्ति की है।
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