टीम इंडिया से नाराज हैं सुनील गावस्कर, दूसरे दिन के खेल के बाद यशस्वी जायसवाल को खुलेआम लताड़ा
महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने कैच छोड़ने के लिए टीम इंडिया, खासकर यशस्वी जायसवाल की आलोचना की। उन्होंने कहा कि वह इस चीज से बहुत ही निराशा हैं। अगर पोप का कैच पकड़ा जाता तो स्थिति कुछ और होती।

जिस तरह भारतीय टीम ने लीड्स में जारी पहले टेस्ट मैच के पहले दिन के खेल को डोमिनेट किया, उसी तरह हर कोई उम्मीद कर रहा था कि दूसरे दिन भी भारतीय टीम दमदार प्रदर्शन करेगी। बल्लेबाजी में उतना अच्छा प्रदर्शन भारत ने शुभमन गिल और ऋषभ पंत के विकेट के बाद नहीं किया, जबकि गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह को छोड़कर हर किसी ने निराश किया। इसके अलावा फील्डिंग भी उस स्तर की नहीं हुई, जिससे कि भारतीय टीम दूसरे दिन भी खेल में अपनी पकड़ रखती। इससे पूर्व क्रिकेटर और मौजूदा क्रिकेट कमेंटेटर सुनील गावस्कर नाखुश हैं।
ओपनर यशस्वी जायसवाल, कप्तान शुभमन गिल और उपकप्तान ऋषभ पंत ने शतक जड़े, लेकिन टीम 500 के पार नहीं पहुंच पाई। टीम 471 पर ऑलआउट हो गई। आखिरी 41 रनों में ही टीम ने सात विकेट खो दिए। इसके बाद इंग्लैंड की टीम बल्लेबाजी करने उतरी और दिन का खेल खत्म होने तक 209 रन बनाए और 3 विकेट खोए। ये तीन विकेट जसप्रीत बुमराह को मिले। इंग्लैंड को कुछ और झटके लग सकते थे, लेकिन कई कैच भारतीय खिलाड़ियों ने छोड़े। इसके अलावा बुमराह की एक नौ बॉल भी टीम इंडिया पर भारी पड़ गई।
दिन का खेल खत्म होने के बाद सुनील गावस्कर ने ब्रॉडकास्टर्स से बात करते हुए कहा, "मुझे नहीं लगता कि कोई मेडल (बेस्ट फील्डिंग) दिया जाएगा। टी दिलीप मैच के बाद मेडल देते हैं। यह वाकई बहुत निराशाजनक था। यशस्वी जायसवाल बहुत अच्छे फील्डर हैं, लेकिन इस बार वह कुछ भी नहीं पकड़ पाए।" अगर जायसवाल उस कैच को पकड़ लेते तो ओली पोप शतक नहीं जड़ पाते और कुछ विकेट दिन के खेल के अंत तक भारतीय टीम को और मिल जाते। जसप्रीत बुमराह ने आखिरी ओवर में हैरी ब्रूक को आउट कर दिया था, लेकिन वह गेंद नो बॉल थी। ऐसे में भारत को दिन के आखिर में निराशा ही मिली।