बर्मिंघम में इस चक्कर में मत पड़िए...नवजोत सिंह सिद्धू ने बताया जसप्रीत बुमराह नहीं तो कौन?
पूर्व क्रिकेटर और मशहूर कमेंटेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने बर्मिंघम टेस्ट के लिए भारत की प्लेइंग इलेवन पर अपनी राय रखी है। भारत और इंग्लैंड की दो जुलाई से बर्मिंघम में भिड़ंत होगी। इंग्लैंड सीरीज में 1-0 से आगे है।

भारत और इंग्लैंड के बीच दो जुलाई से बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान पर दूसरा टेस्ट मैच खेला जाएगा। इंग्लैंड पांच टेस्ट की सीरीज में 1-0 से आगे है। शुभमन गिल की अगुवाई वाली भारतीय टीम बर्मिंघम में दमदार वापसी के लिए बेकरार होगी। पूर्व क्रिकेटर और मशहूर कमेंटेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने बर्मिंघम टेस्ट के लिए भारत के कॉम्बिनेशन पर अपनी राय रखी है। उन्होंने कहा कि प्लेइंग इलेवन में पांच गेंदबाजी के विकल्प जरूर होने चाहिए। भारत के धाकड़ तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को वर्कलोड के कारण दूसरे टेस्ट में आराम देने की संभावना है। सिद्धू ने बताया कि अगर बुमराह नहीं खेलते हैं तो उनकी जगह बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह को उतारा जाना चाहिए। अर्शदीप ने टेस्ट डेब्यू नहीं किया है। वह 9 वनडे और 63 टी20 इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं।
सिद्धू ने स्टार स्पोर्ट्स पर कहा, ''भारत ने अब तक एजबेस्टन में टेस्ट मैच नहीं जीता है। आप सात बल्लेबाज खिलाएं ऊपर। सात बल्लेबाजों तक ऑलराउंडर को खिला लीजिए। रविंद्र जडेजा को बतौर बल्लेबाजी खिला लीजिए। करुण नायर को भी खिलाएं। जडेजा के साथ चार बॉलर और हैं। गौतम गंभीर (हेड कोच) भी कहते हैं कि जीतने के लिए पांच बॉलर चाहिए। मेरे हिसाब से कुलदीप यादव और तीन सीमर होने चाहिए। अगर वहां घास छोड़ते हैं और आपने कुलदीप को नहीं खिलाना है या जसप्रीत बुमराह नहीं खेलते हैं तो फिर अर्शदीप सिंह को मौका देने चाहिए। बैटिंग को लंबा करने के चक्कर में बॉलिंग से कॉम्प्रोमाइज मत कीजिए। नौजवान पीठ पर हाथ रखिए। ट्रांजिशन हमेशा एक प्रोसेस है। प्रोसेस तभी है, जब आप अपनी गलतियों से सीखें।''
बता दें कि भारत का बर्मिंघम में रिकॉर्ड बेहद खराब है। भारत ने 1967 में यहां पहला टेस्ट मैच खेला था, तब से लेकर आज तक टीम एक भी मैच नहीं जीत पाई है। पिछले 58 सालों में भारत ने एजबेस्टन में कुल 8 टेस्ट खेले हैं, जिसमें 7 में हार का मुंह देखा जबकि एक मुकाबला ड्रॉ रहा। भारत ने ड्रॉ मैच 1986 में खेला था। टीम इंडिया ने 2001 के बाद से एजबेस्टन में तीन मैच (2011, 2018 और 2022) खेले हैं और तीनों हारे हैं। 2011 में भारत को पारी और 242 रनों से हार का सामना करना पड़ा था। वहीं 2018 और 22 में टीम इंडिया ने 31 रन और 7 विकेट से मैच गंवाया था। भारत यहां कुल तीन मैच पारी के अंतर से हार चुका है।