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UP NEET PG 2025: यूपी नीट पीजी काउंसलिंग में हिस्सा नहीं ले पाएंगे ये अभ्यर्थी, लगा बैन, क्या थी इनकी रैंक

UP NEET PG 2025: पिछले साल स्ट्रे वैकेंसी राउंड में सीट अलॉट होने के बाद दाखिला न लेने वाले और एडमिशन के बाद कोर्स बीच में ही छोड़ने वाले 12 उम्मीदवारों को यूपी नीट पीजी काउंसलिंग में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया है।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तानMon, 23 June 2025 03:15 PM
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UP NEET PG 2025: यूपी नीट पीजी काउंसलिंग में हिस्सा नहीं ले पाएंगे ये अभ्यर्थी, लगा बैन, क्या थी इनकी रैंक

UP NEET PG counselling 2025: उत्तर प्रदेश डीजीएमई ने पिछले वर्ष स्ट्रे वैकेंसी राउंड में सीट अलॉट होने के बाद दाखिला न लेने वाले और एडमिशन के बाद कोर्स बीच में ही छोड़ने वाले 12 उम्मीदवारों को यूपी नीट पीजी काउंसलिंग में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया है। कार्यालय, महानिदेशक,चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण, उत्तर प्रदेश (डीजीएमई, यूपी) ने नोटिस जारी कर कहा है कि ये 12 उम्मीदवार इस साल यूपी नीट पीजी काउंसलिंग में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। नोटिस में कहा गया है कि यदि कोई अभ्यर्थी नीट पीजी काउंसलिंग के स्ट्रे वैकेंसी राउंड से सीट अलॉटमेंट के बाद उस पर दाखिला नहीं लेता है तो ऐसे अभ्यर्थियों की सिक्योरिटी राशि जब्त कर ली जाएगी और यूपी नीट पीजी काउंसलिंग 2025-26 के लिए बैन कर दिया जाएगा। डीजीएमई, यूपी ने ऐसे 9 उम्मीदवारों के नामों की लिस्ट जारी की है।

इसके अलावा उन 3 अभ्यर्थियों के नामों की लिस्ट भी जारी की है जिन्होंने पिछले साल एडमिशन लिया था लेकिन कोर्स बीच में छोड़ दिया था। नियम के मुताबिक राजकीय, प्राइवेट मेडिकल या डेंटल कॉलेजों में अगर कोई अभ्यर्थी अंतिम राउंड की काउंसलिंग के बाद कोर्स पूरा से पहले ही सीट छोड़ देता है तो उसे अगले शैक्षणिक सत्र की प्रवेश परीक्षा से डिबार कर दिया जाएगा।

सत्र 2025-26 के लिए नीट पीजी काउंसलिंग जुलाई के बाद शुरू होगी। डीजीएमई यूपी ने पिछले साल भी उम्मीदवारों को उपरोक्त नियमों की जानकारी दी थी।

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पिछले साल जुलाई में शुरू किए गए इस सख्त नियम का असर इस साल भी देखने को मिला है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'यह प्रावधान इसलिए लाया गया क्योंकि पहले कई छात्रों ने सीट/प्रवेश लिया था, लेकिन बाद में छोड़ दिया। इससे संबंधित कॉलेजों में सीटें खाली हो गईं।' अधिकारी ने बताया, '2024 से पहले ऐसे छात्रों की संख्या अधिक हुआ करती थी और हमें उम्मीद है कि आने वाले सालों में इस तरह की प्रथा खत्म हो जाएगी।' उत्तर प्रदेश में 4000 से अधिक पीजी सीटें हैं। सरकारी क्षेत्र में एमडी/एमएस/डिप्लोमा सीटों की संख्या 1,871 है, जबकि निजी क्षेत्र में 2,100 पीजी सीटें उपलब्ध हैं। सुपर स्पेशियलिटी कोर्स में कुल 250 सीटें भी जोड़ी गई हैं।

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