PhD : पीजी पढ़ाने वाले ही शिक्षक ही अब करा सकेंगे पीएचडी
PRSU में पीएचडी की प्रवेश प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है। अब राजकीय एवं एडेड कॉलेज में शोध कार्य का निर्देशन केवल वही शिक्षक कर सकेंगे जो पीजी स्तर की कक्षाएं पढ़ा रहे हैं। पीएचडी के लिए आवेदन प्रक्रिया दस तक पूरी हो गई है।

प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) राज्य विश्वविद्यालय के शैक्षिक सत्र 2025-26 में पीएचडी की प्रवेश प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है। अब राजकीय एवं एडेड कॉलेज में शोध कार्य का निर्देशन केवल वही शिक्षक कर सकेंगे जो पीजी स्तर की कक्षाएं पढ़ा रहे हैं। इससे अंडरग्रेजुएट (यूजी) स्तर पर पढ़ाने वाले कॉलेज शिक्षकों को शोध निर्देशन की अनुमति नहीं मिलेगी जबकि इसके पहले मंडल के (प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशाम्बी और फतेहपुर) के 26 राजकीय एडेड कॉलेज के शिक्षकों को शोध गाइड बनाया गया था, जहां पर परास्नातक की कक्षाएं नहीं संचालित हो रही थी।
नई व्यवस्था के तहत मंडल के राजकीय और एडेड कॉलेजों के ऐसे शिक्षक ही पीएचडी स्कॉलर गाइड बना सकेंगे, जिनके पास पीजी पढ़ाने का अनुभव है। इससे शोध की गुणवत्ता में सुधार आने की उम्मीद है। राज्य विश्वविद्यालय एवं मंडल के संबद्ध राजकीय एवं एडेड कॉलेजों में 24 विषयों के सापेक्ष पीएचडी में दाखिला होगा। पीएचडी के लिए आवेदन प्रक्रिया दस तक पूरी हो गई है। इस बार यूजीसी नेट के स्कोर पर छात्रों को पीएचडी में दाखिला मिलेगा। कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार सिंह ने कहा कि इस बार जिन राजकीय एवं एडेड कॉलेजों में पीजी संचालित हो रहा है उन्हीं को शोध गाइड नियुक्त किया जाएगा। शोध गाइड के लिए आवेदन मांगे गए हैं। आवेदन मिलने के बाद पीएचडी की सीटें जय हो सकेंगी।
पीएचडी के लिए 24 विषयों में अवसर
पीएचडी प्रवेश के लिए 24 विषयों में आवेदन मांगे थे, जिनमें पुरातत्व एवं प्राचीन इतिहास, हिंदी, संस्कृत, समाजशास्त्र, राजनीतिक विज्ञान, दर्शनशास्त्र, भूगोल, रसायन, गणित, भौतिकी, वनस्पति विज्ञान, जीवविज्ञान, वाणिज्य, कृषि विस्तार, मृदा विज्ञान, कृषि अर्थशास्त्र, सामाजिक कार्य आदि प्रमुख विषय शामिल हैं।