अग्निवीर भर्ती में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए इंडियन आर्मी कर रही एक और इंतजाम, पकड़े जाएंगे दूसरों की जगह दौड़ने वाले
अब तक अग्निवीर भर्ती में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सेना डिजिटल रिस्ट बैंड और बायोमेट्रिक प्रद्धति से अभ्यर्थियों का डाटा तैयार करती थी। लेकिन अब अब आंखों की स्कैनिंग भी होगी। फिजिकल में फर्जीवाड़ा करने वाले पकड़े जाएंगे।

इंडियन आर्मी अग्निवीर भर्ती में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए अब आंखों की स्कैनिंग होगी। इससे अभ्यर्थियों की पहचान तैयार की जाएगी। यह व्यवस्था मुजफ्फरपुर के चक्कर मैदान में अगस्त में प्रस्तावित अग्निवीर बहाली से लागू होगी। अबतक फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सेना डिजिटल रिस्ट बैंड और बायोमेट्रिक प्रद्धति से अभ्यर्थियों का डाटा तैयार करती थी। इसी से मेडिकल जांच के दौरान अभ्यर्थियों की पहचान की जाती थी। शारीरिक दक्षता, शैक्षणिक व आवासीय जांच की प्रक्रिया के बाद मेडिकल से पहले अभ्यर्थियों की आंखों की स्कैनिंग (आइरिस स्कैन) की जाएगी। इसका डिजिटल डाटा तैयार होगा। इसके अलावा पहले की तरह बॉयोमेट्रिक पद्धति से अभ्यर्थियों का डाटा भी तैयार होगा।
शारीरिक दक्षता और मेडिकल के बीच अभ्यर्थी फर्जीवाड़ा की कोशिश करते हैं। एक सैन्यधिकारी ने बताया कि एक अभ्यर्थी दूसरे के लिए दौड़ता है और चयनित हो जाता है। फिर मेडिकल जांच के दौरान मूल अभ्यर्थी शामिल हो जाता है। इसी फर्जीवाड़ा को पकड़ने के लिए नई व्यवस्था की जा रही है, ताकि अभ्यर्थियों की पहचान शत प्रतिशत हो सके। कई तरह की तकनीकी उपकरण बहाली स्थल पर लगाए जाते है। अभ्यर्थियों को इससे गुजरना होता है।
फिर भी जीरो फर्जीवाड़ा के लिए सेना ने यह कदम उठाया है। चक्कर मैदान की बहाली में मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी व पश्चिम चंपारण के युवा शामिल होंगे।
30 जून से 10 जुलाई तक होगी लिखित परीक्षा :
अग्निवीर बहाली के लिए ऑनलाइन परीक्षा 30 जून से 10 जुलाई के बीच होगी। अग्निवीर जीडी श्रेणी के लिए 30 जून से 3 जुलाई तक परीक्षा होगी। इसके लिए एडमिड कार्ड भी सेना ने जारी कर दिया है। अभ्यर्थी अपने रजिस्ट्रेशन आईडी से एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।