Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Why nifty falling expert says these are 3 big reasons

निफ्टी के कब लौटेंगे अच्छे दिन? 3 कारण जिसकी वजह से घरेलू शेयर बाजार पर आया दबाव

  • पिछले साल सितंबर में जब शेयर बाजार में तेजी देखी जा रही थी, तब ज्यादातर एक्सपर्ट्स निफ्टी50 के 28,000 के मार्क तक पहुंचने की उम्मीद अगले कुछ महीनों में जता रहे थे। लेकिन फिर बाजार ने करवट ली और सारे लक्ष्य दूर दिखने लगा। 27 सितंबर को निफ्टी 26277 अंक पर था।

Tarun Pratap Singh मिंटSat, 15 Feb 2025 01:19 PM
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निफ्टी के कब लौटेंगे अच्छे दिन? 3 कारण जिसकी वजह से घरेलू शेयर बाजार पर आया दबाव

पिछले साल सितंबर में जब शेयर बाजार में तेजी देखी जा रही थी, तब ज्यादातर एक्सपर्ट्स निफ्टी50 के 28,000 के मार्क तक पहुंचने की उम्मीद अगले कुछ महीनों में जता रहे थे। लेकिन फिर बाजार ने करवट ली और सारे लक्ष्य दूर दिखने लगा। 27 सितंबर को निफ्टी 26277 अंक पर था। तब से अबतक निफ्टी 13 प्रतिशत लुढ़क चुका है। निफ्टी इंडेक्स अक्टूबर से हर महीने लुढ़का है। शुक्रवार को निफ्टी 0.44 प्रतिशत की गिरावट के साथ 22,929.25 पर बंद हुआ है। यह लगातार 8वां सत्र था जब निफ्टी में गिरावट देखने को मिली।

उम्मीद जताई जा रही है कि बाजार में अधिक बिकवाली हो गई है जिसकी वजह से नया बुल रन किसी भी वक्त पर शुरू हो सकता है। हालांकि, यह रास्ता इतना आसान नजर नहीं आ रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि शॉर्ट टर्म में अभी भारतीय शेयर बाजार दबाव में होंगे।

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1- ट्रंप के टैरिफ प्लान का डर

डोनाल्ड ट्रंप ने जब से दूसरे कार्यकाल की शपथ ली है हर एक दिन अनिश्चितता से भरा रहा है। उन्होंने ऐलान किया है कि अमेरिका को एक्सपोर्ट करने वाले देशों पर वही चार्ज लगेगा जो वो अपने प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट्स पर लगाते हैं। इस खबर ने भी शेयर बाजार को हिलाकर रखा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे ट्रेड वार बढ़ेगा। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का मानना है कि टैरिफ टेंशन की वजह से बाजार कुछ समय के लिए दबाव में रहेगा।

2- इकनॉमिक स्तर पर मिल रहे झटके

वैश्विक स्तर पर बढ़ीं चुनौतियां और अनिश्चित मानसून ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था पर बुरा असर डाला है। कमजोर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और धीमा कॉरपोरेट इंवेस्टमेंट की वजह से चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.4 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ेगी।

3- FII की बिकवाली और फेड रिजर्व की कटौती

अक्टूबर से अबतक एफआईआई ने 2.94 लाख करोड़ रुपये की बिकवाली भारतीय शेयर बाजार में हुई है। वहीं, फेड रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती का भी बुरा असर घरेलू स्टॉक मार्केट पर पड़ा है।

(यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार जोखिमों के अधीन है। किसी भी निवेश से पहले एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें।)

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