ITR के लिए फॉर्म 16 क्यों है जरूरी, नोटिस से बचने के लिए 26AS से जरूर मिलाएं
ITR Tips: फॉर्म 16 आपकी कंपनी द्वारा काटे गए टैक्स को दिखाता है, जबकि फॉर्म 26AS सरकार को जमा किए गए असली टैक्स को दिखाता है। दोनों को मिलाने से आप गलतियां पकड़ सकते हैं, नोटिस या जुर्माने से बच सकते हैं और सही रिफंड पा सकते हैं।
ITR Tips: सैलरीड पर्सन यानी वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए आयकर रिटर्न (ITR) भरते समय फॉर्म 16 एक अहम दस्तावेज है। नियमों के मुताबिक, नियोक्ताओं (कंपनियों) को जनवरी-मार्च तिमाही का ई-टीडीएस रिटर्न 31 मई तक दाखिल करना होता है। उसके बाद उन्हें 15 दिनों के भीतर कर्मचारियों को फॉर्म 16 जारी करना होता है। यानी 15 जून फॉर्म 16 जारी करने की आखिरी तारीख है। इसलिए ज्यादातर कर्मचारियों को अब तक उनका फॉर्म 16 मिल गया होगा।
फॉर्म 16 और फॉर्म 26AS में क्या अंतर है?
फॉर्म 16: यह आपका नियोक्ता (कंपनी) जारी करता है। इसमें सिर्फ आपके वेतन पर काटे गए टीडीएस (TDS - स्रोत पर कर कटौती) का ब्यौरा होता है।
फॉर्म 26AS: यह सरकार (आयकर विभाग) की ओर से जारी होता है। इसमें आपके पैन कार्ड से जुड़े सभी स्रोतों से काटे गए टीडीएस और टीसीएस (TCS - स्रोत पर कर संग्रह) का पूरा रिकॉर्ड दिखता है। यानी बैंक ब्याज पर टीडीएस, शेयरों पर टीडीएस, फिक्स्ड डिपॉजिट पर टीडीएस, आदि सब इसमें शामिल हैं।
फॉर्म 16 और फॉर्म 26AS की जांच कैसे करें?
1. पैन नंबर मिलाएं: दोनों दस्तावेजों में आपका पैन नंबर सही और एक जैसा होना चाहिए।
2. वेतन की रकम मिलाएं: फॉर्म 16 में दिखाए गए कुल वेतन और फॉर्म 26AS में दिखाए गए वेतन की रकम बराबर होनी चाहिए।
3. टीडीएस की रकम मिलाएं: फॉर्म 16 में दर्शाया गया टीडीएस, फॉर्म 26AS में दिखाए गए टीडीएस से मेल खाना चाहिए।
फॉर्म 16 में क्या चेक करें?
छूट वाली आय: अगर आपने पुराने टैक्स रिजीम में एचआरए (HRA), एलटीए (LTA), या कोई अन्य छूट वाली सुविधा (जैसे स्वास्थ्य बीमा, बच्चों की ट्यूशन फीस) का दावा किया है, तो सुनिश्चित करें कि वह फॉर्म 16 में ठीक से दिखाई दे रही है।
दस्तावेज जमा किए? अगर आपने किराया समझौता या रसीदें जैसे दस्तावेज कंपनी को नहीं दिए, तो आपके वेतन पर ज्यादा टीडीएस काटा जा सकता है।
नौकरी बदली है? अगर साल में नौकरी बदली है, तो ग्रेच्युटी या Leave Encashment जैसी रकमों पर टैक्स ट्रीटमेंट चेक करें।
फॉर्म 26AS में क्या चेक करें?
सुनिश्चित करें कि नियोक्ता द्वारा काटा गया टीडीएस, बैंक ब्याज पर टीडीएस और आपके द्वारा चुकाए गए अग्रिम कर/सेल्फ-असेसमेंट टैक्स का हिसाब सही दिख रहा है।
अगर फॉर्म 16 और 26AS में अंतर (Mismatch) हो तो क्या करें?
1. नियोक्ता से संपर्क करें: सबसे पहले अपनी कंपनी (नियोक्ता) या जिसने टीडीएस काटा है, उससे बात करें।
2. गलत पैन: अगर कटौतीकर्ता (Deductor) ने आपका गलत पैन डाला है, तो उसे टीडीएस रिटर्न दोबारा दाखिल (Revise) करना होगा।
3. टीडीएस जमा नहीं हुआ: कभी-कभी टीडीएस काट तो लिया जाता है लेकिन सरकार को जमा नहीं किया जाता। ऐसे में कटौतीकर्ता को यह रकम जमा करके रिटर्न अपडेट करना होगा।
4. गलत वेतन दर्शाया गया: अगर नियोक्ता ने वेतन की रकम गलत रिपोर्ट की है, तो फॉर्म 26AS में भी गलत रकम दिखेगी। इसे सुधारने के लिए नियोक्ता से संपर्क करें।
फॉर्म 16 और 26AS मिलाना क्यों जरूरी है?
सही आईटीआर दाखिल करने के लिए: इससे आपकी आय कम या ज्यादा दर्शाने (Under-reporting / Overstating) की गलती नहीं होती।
टीडीएस क्रेडिट पाने के लिए: फॉर्म 26AS में दिखे टीडीएस का ही क्रेडिट आपको रिटर्न में मिलता है। मिसमैच होने पर यह क्रेडिट मिलने में दिक्कत हो सकती है।
नोटिस से बचने के लिए: अगर दोनों फॉर्म्स में अंतर रहता है, तो आयकर विभाग की ओर से दोषपूर्ण रिटर्न (Defective Return) का नोटिस मिल सकता है या आपकी जांच (Scrutiny) हो सकती है।
रिफंड में देरी न हो: गलत जानकारी से आपके रिफंड में भी देरी हो सकती है।