इस नए टूल से आयकर रिटर्न भरना पहले से आसान, खुद फाइल कर सकते हैं ITR
ITR 2025: यूटिलिटी टूल से सैलरीड पर्सन और छोटे कारोबारी आसानी से खुद ही वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। अभी यह टूल आईटीआर-1 (सहज) और आईटीआर-4 (सुगम) फॉर्म के लिए उपलब्ध है।

ITR 2025: इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट ने छोटे करदाताओं की मदद के लिए ऑफलाइन यूटिलिटीज टूल जारी किया है। इसकी मदद से सैलरीड पर्सन और छोटे कारोबारी आसानी से खुद ही वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। अभी यह टूल आईटीआर-1 (सहज) और आईटीआर-4 (सुगम) फॉर्म के लिए उपलब्ध है।
यह सुविधा खासकर उन लोगों को राहत देगी, जो ऑनलाइन के बजाय ऑफलाइन तरीके से आईटीआर दाखिल करते हैं। इससे पहले आयकर विभाग ने 30 मई को इन दोनों फॉर्म के लिए एक्सेल आधारित ऑफलाइन यूटिलिटी टूल जारी किया था। इसमें करदाता विभाग की वेबसाइट से एक्सेल फाइल को डाउनलोड कर आईटीआर तैयार कर सकते हैं।
इसके बाद, विभाग ने हाल ही में जावास्क्रिप्ट/जेसन आधारित सामान्य ऑफलाइन सुविधा टूल को भी जारी कर दिया है। यह एक तरह का सॉफ्टवेयर होता है, जिसके जरिए आयकर रिटर्न भरी जा सकती है। इसे भी आयकर पोर्टल से डाउनलोड करना होगा।
क्या है इसकी खासियत
यह यूटिलिटी टूल करदाता को ऑफलाइन तरीके से आयकर रिटर्न तैयार करने में मदद करता है। इनका डिजाइन आयकर विभाग के नए सिस्टम पर आधारित है। यह टूल पहले से भरे हुए डाटा को उपलब्ध कराता है। यह डाटा ई-फाइलिंग पोर्टल से लिया जाता है, जिसके चलते समय की बचत होती है और जानकारियां भरते वक्त त्रुटियों की गुंजाइश लगभग खत्म हो जाती हैं।
इसके अलावा टैक्सपेयर्स आसानी से फॉर्म को सत्यापित कर सकते हैं। यह टूल भरे हुए आईटीआर फॉर्म को जेसन फाइल प्रारूप में बनाता है, जिसे आयकर पोर्टल पर अपलोड करना होता है। यह लगभग एक्सेल टूल जैसा ही काम करता है, बस दोनों का डिजाइन और काम करने का तरीका कुछ अलग है।
क्यों है यह जरूरी
आयकर विभाग के मुताबिक, यह कदम करदाताओं के लिए रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को आसान और सहज बनाने के लिए उठाया गया है। यह टूल कर गणना में कोई गड़बड़ी किए बिना सटीक रिटर्न तैयार करने में मदद सकता है।
कौन से टैक्सपेयर्स कर सकते हैं इस्तेमाल
1. वेतनभोगी व्यक्ति (आईटीआर-1): जिनकी कुल वार्षिक आय 50 लाख रुपये तक है और जिनकी आय का स्रोत वेतन, एक मकान संपत्ति, ब्याज, या अन्य छोटे स्रोत हैं।
2. छोटे व्यवसायी और पेशेवर (आईटीआर-1): छोटे-मोटे कारोबार या पेशे से आय अर्जित करने वाले व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार और फर्म, बशर्ते उनकी कुल आय 50 लाख रुपये से कम हो।
3. निवासी व्यक्ति : यह टूल विशेष रूप से उन निवासी व्यक्तियों के लिए डिजाइन किया गया है, जो सामान्य रूप से भारत में निवास करते हैं और जिनकी आय सीमित स्रोतों से होती है।
4. नई और पुरानी कर व्यवस्था के तहत करदाता : टूल दोनों कर व्यवस्थाओं (नई और पुरानी) के तहत रिटर्न दाखिल करने की सुविधा देता है। नई कर व्यवस्था में छूट और कटौतियाँ सीमित हैं, जबकि पुरानी व्यवस्था में विभिन्न छूट उपलब्ध हैं।
कैसे इस्तेमाल करें
ई-फाइलिंग पोर्टल (www.incometax.gov.in) पर जाकर ‘डाउनलोड’ सेक्शन से आईटीआर-1 या 4 के लिए जरूरी Common Offline Utility टूल डाउनलोड करें।
इसे अपने कंप्यूटर पर इंस्टॉल करें। अगर पहले से इंस्टॉल है, तो इंटरनेट से जुड़ते ही इनका नया संस्करण अपडेट हो जाएगा।
इसे खोलने के बाद करदाता को अपना पैन और आकलन वर्ष (2025-26) चुनना होगा। फिर, पहले से भरे हुए डाटा को जेसन प्रारूप में डाउनलोड या एक्सपोर्ट करना होगा।
इस डाटा में करदाता की आय, टीडीएस और अन्य जानकारी पहले से भरी होगी, जिसे करदाता सत्यापित और सुधार कर सकता है।
डाटा भरने के बाद, यह टूल फॉर्म के सभी अहम हिस्सों को भरने की सुविधा देगा और उन्हें सत्यापित करेगा। जानकारी भरने के बाद करदाता जेसन फाइल बना सकते हैं।
इस फाइल को ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपलोड करके रिटर्न दाखिल की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।