इस कंपनी को दिवालिया होने से बचाएगी सरकार! शेयर पर टूटे निवेशक, ₹7 है भाव
दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि भारत का दूरसंचार क्षेत्र मोनोपोली को बर्दाश्त नहीं कर सकता और सरकार सभी क्षेत्रों में कॉम्पिटिशन का समर्थन करती है। इस बयान के बाद कंपनी के शेयर को लेकर पॉजिटिव सेंटिमेंट और बढ़ गई।

Vodafone Idea shares: वोडाफोन आइडिया के शेयर आज मंगलवार को कारोबार के दौरान फोकस में रहे। कंपनी के शेयर आज 7% तक चढ़ गए और 7.01 रुपये के इंट्रा डे हाई पर पहुंच गए। शेयरों में इस तेजी के पीछे एक खबर है। दरअसल, एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि केंद्र सरकार इस दूरसंचार दिग्गज को रेगुलेटरी बकाये पर महत्वपूर्ण राहत देने पर विचार कर रही है। बता दें कि पिछले एक साल में वोडाफोन आइडिया के शेयरों में करीब 60 प्रतिशत की गिरावट आई है और 2025 में अब तक 13 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है।
क्या है डिटेल
दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि भारत का दूरसंचार क्षेत्र मोनोपोली को बर्दाश्त नहीं कर सकता और सरकार सभी क्षेत्रों में कॉम्पिटिशन का समर्थन करती है। इस बयान के बाद कंपनी के शेयर को लेकर पॉजिटिव सेंटिमेंट और बढ़ गई। बता दें कि केंद्र सरकार वोडाफोन आइडिया की सबसे बड़ी इक्विटी मालिक है। सरकार इस चिंता के बीच कि दूरसंचार ऑपरेटर दिवालिया हो जाएगा, 84,000 करोड़ रुपये के बकाया विनियामक बकाया पर राहत प्रदान करने के लिए कई विकल्पों पर विचार कर रही है। बता दें कि इससे पहले वोडाफोन आइडिया ने कथित तौर पर सरकार को आगाह किया था कि वह उसके समर्थन के बिना वित्त वर्ष 26 से आगे परिचालन नहीं कर पाएगी और उसे दिवालिया होना पड़ सकता है।
सरकार की योजना
ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र कई विकल्पों पर विचार कर रहा है, जो संभावित रूप से कर्ज में डूबी कंपनी को दिवालिया होने से बचा सकते हैं। इनमें मौजूदा 6 वर्षों से पुनर्भुगतान अवधि को बढ़ाकर 20 वर्ष करना और साथ ही बकाया राशि पर चक्रवृद्धि ब्याज के बजाय साधारण ब्याज लगाना शामिल है। मामले से परिचित लोगों ने ईटी को बताया कि एक अन्य विकल्प यह है कि व्यापक समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) मुद्दे पर अंतिम निर्णय लिए जाने तक बकाया राशि के आंशिक भुगतान के लिए सालाना 1,000-1,500 करोड़ रुपये की टोकन राशि ली जाए। रिपोर्ट में सूत्रों का हवाला देते हुए कहा गया है कि यह राहत कई विकल्पों में से एक हो सकती है या कई विकल्पों का संयोजन हो सकता है। बता दें कि कंपनी ने इस साल की शुरुआत में घोषणा की थी कि केंद्र सरकार उसके बकाया स्पेक्ट्रम बकाया को इक्विटी शेयरों में बदल देगी। इक्विटी शेयरों के रूपांतरण के बाद, वोडाफोन आइडिया में भारत सरकार की हिस्सेदारी 22.6 प्रतिशत से बढ़कर 48.99 प्रतिशत हो गई।