मिडिल ईस्ट टेंशन के बीच मई में भारत का कच्चा तेल आयात रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा, क्या है तैयारी
सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मई में भारत का कच्चे तेल का आयात रिकॉर्ड 23.32 मिलियन मीट्रिक टन तक पहुंच गया। यह महीने-दर-महीने 9.8% अधिक है।
India's crude oil imports: मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ने के बीच भारत का कच्चे तेल का आयात रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया। भारत का कच्चे तेल का आयात मंथली आधार पर करीब 10% बढ़ गया और यह 23.32 मिलियन मीट्रिक टन के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया। यह जानकारी सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों में दी गई है। बता दें कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और उपभोक्ता है। ऐसे में लेटेस्ट डेटा यह दिखा रहा है कि भारत में कच्चे तेल की डिमांड बढ़ गई है। बता दें कि इस महीने तेल मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मई में भारत की फ्यूल डिमांड बढ़कर 21.32 मिलियन मीट्रिक टन हो गई, जो कि एक साल से अधिक समय में इसका हाई लेवल है।
क्या है डिटेल
ट्रेड और इंडस्ट्री सोर्स से टैंकर डेटा के मुताबिक, मई में भारत के आयात में रूसी तेल की हिस्सेदारी मामूली रूप से घटी, क्योंकि रिफाइनर ने मॉस्को से खरीद 15.7% घटाकर 1.7 मिलियन बैरल प्रति दिन (बीपीडी) कर दी है। पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिस्ट सेल (पीपीएसी) के आंकड़ों के अनुसार, सालाना आधार पर कच्चे तेल का आयात मई 2024 में 22.03 मिलियन मीट्रिक टन से 5.9% बढ़ा है। मई में कच्चे तेल प्रोडक्ट्स का आयात सालाना आधार पर लगभग 3.9% घटकर 4.20 मिलियन टन रह गया, जबकि प्रोडक्ट निर्यात 7% से अधिक बढ़कर 5.63 मिलियन टन हो गया।
रूस से बढ़ा दी है कच्चे तेल की खरीदारी?
बता दें कि एक खबर यह भी है कि इजरायल द्वारा ईरान पर हमले के बाद बाजार में आए उतार-चढ़ाव के बीच भारत ने जून में रूस से कच्चे तेल की खरीद बढ़ा दी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की जून में रूस से तेल खरीद पश्चिम एशिया के आपूर्तिकर्ताओं सऊदी अरब और इराक से आयातित मात्रा से अधिक रही है। ग्लोबल बिजनेस एनालिस्ट कंपनी केपलर के शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय रिफाइनरी कंपनियां जून में रूस से प्रतिदिन 20 से 22 लाख बैरल कच्चा तेल खरीद रही हैं। यह दो साल का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। इसके साथ ही यह इराक, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और कुवैत से खरीदी गई कुल मात्रा से अधिक है। मई में रूस से भारत का तेल आयात 19.6 लाख बैरल प्रति दिन (बीपीडी) था। जून में अमेरिका से भी आयात बढ़कर 4,39,000 बीपीडी हो गया। पिछले महीने यह आंकड़ा 2,80,000 बीपीडी था। केपलर के अनुसार, पश्चिम एशिया से आयात के लिए पूरे महीने का अनुमान लगभग 20 लाख बैरल प्रतिदिन है, जो पिछले महीने की खरीद से कम है।
तेल पर मोदी सरकार ने क्या कहा
तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को कहा कि भारत घरेलू ईंधन आपूर्ति की सुरक्षा के लिए कदम उठाएगा। दुनिया के सबसे बड़े ऊर्जा आपूर्ति क्षेत्रों में बढ़ते तनाव के बीच केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को कहा कि तीसरे सबसे बड़े तेल आयातक और चौथे सबसे बड़े गैस खरीदार भारत के पास कई हफ्तों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा आपूर्ति है और उसे कई मार्गों से आपूर्ति प्राप्त हो रही है। मंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘सरकार पिछले दो सप्ताह से पश्चिम एशिया में बदलती भू-राजनीतिक स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है।’ उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में, हम पिछले कुछ वर्षों में अपनी आपूर्ति में विविधता लेकर आए हैं और अब हमारी आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा होर्मुज जलडमरूमध्य के माध्यम से नहीं आता है।’
बता दें कि होर्मुज जलडमरूमध्य पश्चिम एशिया से आने वाले तेल के लिए एक महत्वपूर्ण पारगमन मार्ग है, जिसे ईरान अपने परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमलों के बाद बंद करने की धमकी दे रहा है। पुरी ने कहा, 'हमारी तेल मार्केटिंग कंपनियों के पास कई सप्ताह के लिए आपूर्ति है तथा उन्हें कई मार्गों से ऊर्जा आपूर्ति प्राप्त होती रहेगी। हम अपने नागरिकों को ईंधन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।' बात दें कि सोमवार को तेल की कीमतें जनवरी के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)