Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़If Iran does this then people from india to japan will lose their sleep

अगर ईरान ने कर दिया यह काम तो भारत से जापान तक की नींद होगी हराम

गोल्डमैन सैक्स जैसी कंपनी भी मानती है कि ब्रेंट क्रूड 90 डॉलर से ऊपर जा सकता है। सबसे ज्यादा असर एशिया पर पड़ेगा। चीन, भारत, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों को तेल का 70% आयात इसी रास्ते से होता है।

Drigraj Madheshia लाइव हिन्दुस्तानFri, 20 June 2025 11:00 AM
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अगर ईरान ने कर दिया यह काम तो भारत से जापान तक की नींद होगी हराम

तेल बाजार का दिल आज फिर तेजी से धड़क रहा है। ब्रेंट क्रूड का भाव इस वक्त करीब 77 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है, लेकिन एक खतरनाक आशंका मार्केट में हलचल पैदा कर रही है। अगर ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद कर दिया तो इंडिया से जापान तक की नींद हराम हो सकती है। तेल की कीमतें 90 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती हैं। यह अनुमान सिटीग्रुप बैंक के विश्लेषकों ने अपनी नई रिपोर्ट में जताया है।

क्यों इतना महत्वपूर्ण है होर्मुज जलडमरूमध्य?

यह संकरा समुद्री रास्ता ईरान और ओमान के बीच स्थित है, और दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण तेल गलियारा माना जाता है। यहां से हर दिन 2 करोड़ बैरल तेल गुजरता है। यानी दुनिया की कुल तेल खपत का 20% हिस्सा इसी रास्ते जाता है। सऊदी अरब, ईरान, इराक और कतर जैसे देशों का तेल इसी रास्ते एशिया और यूरोप पहुंचता है।

क्या वाकई बंद हो सकता है यह रास्ता?

ब्लूमबर्ग के मुताबिक ईरान ने अतीत में कई बार ऐसी धमकियां दी हैं, खासकर पश्चिमी दबाव या इजरायल से तनाव बढ़ने पर। अभी हाल में इजरायल-ईरान के बीच जंग छिड़ी हुई है, और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भी ईरान पर हमले का इशारा किया है। इससे डर बना हुआ है कि ईरान होर्मुज को बंद कर सकता है।

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अगर बंद हुआ तो क्या होगा?

तेल की सप्लाई झटके से 30 लाख बैरल प्रतिदिन कम हो जाएगी। मार्केट में दहशत फैलने और तेल की कीमतों में 15 से 20% उछाल आने का अनुमान है। गोल्डमैन सैक्स जैसी कंपनी भी मानती है कि ब्रेंट क्रूड 90 डॉलर से ऊपर जा सकता है। सबसे ज्यादा असर एशिया पर पड़ेगा। चीन, भारत, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों को तेल का 70% आयात इसी रास्ते से होता है।

लेकिन एक उम्मीद भी है

विशेषज्ञों का मानना है कि होर्मुज का बंद होना ज्यादा देर टिकने वाली स्थिति नहीं होगी। अमेरिकी नौसेना पांचवां बेड़ा बहरीन में तैनात है जो इस रास्ते को खुला रखने के लिए कार्रवाई कर सकता है। सऊदी अरब और यूएई के पास वैकल्पिक पाइपलाइन हैं, जो होर्मुज से बचकर तेल पहुंचा सकते हैं। मगर उनकी क्षमता सीमित है सिर्फ 26 लाख बैरल प्रतिदिन।

ईरान खुद भी इस रास्ते पर निर्भर है। उसे चीन को तेल बेचने के लिए होर्मुज की ही जरूरत पड़ती है। अगर वह इसे बंद करता है, तो खुद उसकी अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान होगा।

आगे क्या होगा?

सिटीग्रुप के विश्लेषक कहते हैं कि अगर तनाव ज्यादा बढ़ता है तो तेल कुछ हफ्तों के लिए 90 डॉलर तक पहुंच सकता है, लेकिन फिर जल्दी नीचे आ जाएगा। वहीं, गोल्डमैन सैक्स चेतावनी देता है कि अगर ईरान के 2 करोड़ बैरल निर्यात में आधे पर भी रोक लगी तो ब्रेंट क्रूड 85 डॉलर पर पहुंच सकता है।

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