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नीतीश के मंत्री अशोक चौधरी 58 की उम्र में बने असिस्टेंट प्रोफेसर, 2020 में निकली थी बहाली

बिहार के ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी अब कॉलेजों में छात्रों के बीच ज्ञान बांटते नजर आएंगे। वह असिस्टेंट प्रोफेसर बन गए हैं। उनका चयन पॉलिटिकल साइंस विषय के लिए हुआ है। कॉलेज का आवंटन होना बाकी है।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान टीम, पटनाWed, 25 June 2025 03:24 PM
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नीतीश के मंत्री अशोक चौधरी 58 की उम्र में बने असिस्टेंट प्रोफेसर, 2020 में निकली थी बहाली

बिहार की नीतीश सरकार में ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी असिस्टेंट प्रोफेसर बनने वाले हैं। अशोक चौधरी असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए चयनित हुए हैं। उनका चयन पॉलिटिकल साइंस के लिए हुआ है। अशोक चौधरी बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं और उन्होंने पीएचडी तक पढ़ाई की है। बताया जा रहा है कि पॉलिटिकल साइंस के लिए आयोग ने 274 उम्मीदवारों का चयन किया है। चौधरी का चयन एससी कैटिगरी में हुआ है।

रिपोर्ट्स के अनुसार अलग-अलग कॉलेजों में प्रोफेसरों के खाली पड़े पदों को भरने के लिए बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने योग्य उम्मीदवारों से आवेदन मांगे थे। साल 2020 में आयोग ने साक्षात्कार आयोजित किया था। इस साक्षात्कार में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों की अधिकतम आयु 55 वर्ष तय थी। हाल ही में इसका फाइनल रिजल्ट घोषित किया गया है।

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58 साल के अशोक चौधरी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी नेताओं में से एक हैं। वह बिहार में कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे महावीर चौधरी के बेटे हैं। अशोक ने कांग्रेस से राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। वे शेखपुरा की बरबीघा सीट से दो बार विधायक रहे। राबड़ी सरकार में मंत्री भी रहे। वे बिहार में कांग्रेस की कमान भी संभाल चुके हैं। 2018 में वे कांग्रेस छोड़कर जेडीयू में आ गए थे। अशोक चौधरी दलित वर्ग से आते हैं। उनकी बेटी लोजपा-रामविलास से समस्तीपुर से सासंद हैं।

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