जो परिवार का नहीं, वो किसी का नहीं; मांझी ने बताया कि तेजस्वी ने दामाद का मुद्दा क्यों उठाया
विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की राजनीति में दामाद का मुद्दा गर्माया हुआ है। अब जीतनराम मांझी ने बताया है कि तेजस्वी यादव क्यों दामाद का मुद्दा उठा रहे हैं। उन्होंने तेजस्वी पर हमला बोलते हुए कहा कि जो परिवार का नहीं, वो किसी का नहीं।
केंद्रीय मंत्री एवं हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा (हम) के सुप्रीमो जीतनराम मांझी ने ‘दामाद’ के मुद्दे पर पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का पलटवार किया है। उन्होंने बताया कि तेजस्वी ने क्यों यह मुद्दा उठाया है। मांझी ने तेजस्वी यादव का नाम लिए बिना यह दावा किया कि उन्होंने अपने भाई (तेज प्रताप) को पहले ही घर से बाहर निकाल दिया है। अब वे बहन और बहनोई को बाहर करने के लिए 'दामाद' का मुद्दा उठा रहे हैं। उन्होंने वंशवाद के बचाव में बोलते हुए यह भी कहा कि जो घर-परिवार का नहीं, वो किसी का नहीं हो सकता है।
जीतनराम मांझी ने मंगलवार सुबह सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए ये बातें कहीं। अपने पोस्ट में मांझी ने लिखा, "उन्होंने (तेजस्वी) ने 'दामाद' का मुद्दा इसलिए उठाया, ताकि भविष्य में 'गब्बर सिंह' अगर बेटी-दामाद को कहीं सेट करने की बात कहें, तो यह कहकर मना कर दिया जाए कि हमने तो खुद ही 'दामाद' का मुद्दा उठाकर सरकार को घेरा था। इसलिए बेटी या दामाद को किसी भी कीमत पर एडजस्ट नहीं किया जाएगा।" मांझी का 'गब्बर सिंह' से इशारा तेजस्वी के पिता एवं आरजेडी के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की तरफ है।
दरअसल, इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने कई बोर्ड और आयोगों का पुनर्गठन किया है। इसी क्रम में पिछले दिनों अनुसूचित आयोग का अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के जीजा मृणाल पासवान को बनाया गया था। वहीं, इस आयोग के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के दामाद देवेंद्र कुमार को सौंपी गई। इन नियुक्तियों के बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार पर दामाद आयोग का गठन करने का आरोप लगाया। इस पर आरजेडी और हम के नेताओं के बीच जुबानी जंग हो रही है।
एक दिन पहले जीतनराम मांझी ने तेजस्वी पर निशाना साधते हुए कहा था कि बेटा और दामाद दो तरह के होते हैं- लायक और नालायक। लालू परिवार की ओर इशारा करते हुए मांझी ने कहा कि नालायक बेटा 10वीं पास भी नहीं कर पाता, पिता की कृपा से क्रिकेट खेलता है और जब वहां भी फेल कर जाता है तो वही पिता उस नालायक बेटे को राजनीति में उतार देते हैं। फिर जबरदस्ती उसे पार्टी की कमान सौंप देते हैं।
उन्होंने आगे कहा, "दूसरी ओर नालायक दामाद इंजीनियरिंग करने के बावजूद घर जमाई बनता है और रोजाना सास-ससुर-साले की गाली सुनने के बावजूद सांसद पत्नी का पर्स ढोए फिरता है। मांझी का इशारा तेजस्वी की बड़ी बहन मीसा भारती और उनके पति की ओर था।