बोले जमुई: वैश्य आयोग का हो गठन, सुरक्षा मुहैया कराए सरकार
वैश्य समाज ने शिक्षा, नौकरी और सामाजिक स्वीकार्यता में सुधार के लिए 27% आरक्षण और आयोग के गठन की मांग की है। जमुई में तीन लाख से अधिक वैश्य समुदाय के लोग आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। छोटे...

प्रस्तुति: सुधांशु लाल
विविधता भरी संस्कृति में वैश्य समाज एक ऐसा वर्ग है, जिसने सदियों से देश की आर्थिक नींव को मजबूती दी है। व्यापार, सेवा, उद्योग और अर्थनीति की हर शाखा में वैश्य समाज का योगदान सराहनीय रहा है। आज जब देश बदल रहा है, तकनीक आगे बढ़ रही है और शिक्षा का क्षेत्र व्यापक होता जा रहा है। ऐसे में वैश्य समाज को शिक्षा, नौकरी और सामाजिक स्वीकार्यता के क्षेत्र में खुद को आगे रखने एवं समाज के महापुरुषों के सम्मान की दरकार है। जमुई शहर में वैश्य समाज की करीब साढ़े तीन लाख आबादी है। यह बातें हिन्दुस्तान के बोले जमुई संवाद के दौरान उभर कर सामने आईं।
जिले में तीन लाख से अधिक आबादी वैश्य समाज के लोगों की है। वहीं करीब जिले के चार विधान सभा क्षेत्रों में यह संख्या डेढ़ लाख से ज्यादा है। फिर भी वे बुनियादी सुविधाओं के आभाव में हैं। हिन्दुस्तान के बोले जमुई संवाद के दौरान वैश्य समाज के लोगों ने कहा कि उनकी मांग है कि 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए। वैश्य समाज के विकास के लिए आयोग का गठन किया जाए । शेष बची वैश्य उप जातियों को पुन: राष्ट्रीय ओबीसी सूची में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि वैश्य समाज के ज्यादातर लोग व्यवसाय से जुड़े हैं। लूट, रंगदारी और छिनतई जैसी घटनाओं से उनके रोजगार पर असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन सख्ती से इस पर रोक लगाए, तभी व्यवसाय में वृद्धि होगी और विकास की रफ्तार पकड़ेगी। यह समाज सदियों से देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहा है।
आधुनिक समय में वैश्य समाज को भी कई सामाजिक और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। विशेषकर नौकरी, शिक्षा और सामाजिक पहचान को लेकर। समाज के लोगों का कहना है कि वैश्य समाज को समृद्ध वर्ग में गिना जाता है, लेकिन वैश्य समाज के सभी लोग संपन्न नहीं हैं। छोटे दुकानदार, मध्यमवर्गीय व्यापारी और निम्न आय वर्ग के लोग भी इस समाज का हिस्सा हैं। जिनको अनदेखा किया जाता है, जबकि उनको भी मुख्य धारा में शामिल किया जाना चाहिए, ताकि समाज की दशा और दिशा को नया मुकाम मिले। वैश्य समाज के लोगों का कहना है कि आज समाज के युवा सेना में शामिल हो रहे हैं। आइएएस बन रहे हैं, लेकिन उन्हें सरकारी नौकरियों में आरक्षण नहीं मिलता, जिससे योग्य युवा प्रतियोगी परीक्षाओं में पिछड़ जाते हैं। समाज के युवाओं की उपेक्षा ना की जाए, उन्हें भी बेहतर अवसर प्रदान किए जाएं ताकि समाज के युवा खुद को साबित कर सकें। पूरा समाज चाहता है कि सभी जगहों पर हमारे युवाओं की भागीदारी होनी चाहिए। वह अपना प्रतिनिधत्व करें ताकि समाज का नाम हो। जिले में वैश्य समाज की 30 प्रतिशत आबादी है। केंद्र से राज्य में वैश्य समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले जनप्रतिनिधि हैं। बावजूद इसके इनकी मांगें पूरी नहीं हो पाती। लोगों ने कहा कि वैश्य समाज में 54 उपजातियां हैं। उनमें खेती से जुड़े, छोटे दुकानदार सहित दिहाड़ी मजदूर भी हैं। लोगों को लगता है कि वैश्य समाज के लोग अमीर ही होंगे। लेकिन, इस समाज के 10 प्रतिशत ही उच्च वर्ग के हैं। वहीं, 25 प्रतिशत मध्यम और 65 प्रतिशत बेरोजगार और गरीब हैं। ऐसे लोगों को सरकार की ओर से ऋण देकर मदद करनी चाहिए।
ऋण के बोझ तले दबते जा रहे हैं लोग, मिले सहायता
वैश्य समाज में बड़ी संख्या में छोटे दुकानदार और व्यवसायी हैं। वे आर्थिक रूप से कमजोर हैं और अक्सर ऋण के बोझ तले दबे रहते हैं। इसलिए, उनकी 10 लाख तक की ऋण माफी की जाए। कई कारोबारी कोरोना काल एवं विभिन्न कारणों से नुकसान झेल रहे हैं। इन्हें ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करायी जाए।
सांसद कोटे से फंड आवंटित किए जाएं
वैश्य समाज अपनी सुरक्षा और सम्मान की मांग कर रहा है। उनका कहना है कि उन्हें सामाजिक भेदभाव और उत्पीड़न से बचाया जाना चाहिए। इसके अलावा, वे अपने युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने की भी मांग कर रहे हैं। केंद्र सरकार से ओबीसी को 27% आरक्षण और सांसद कोटे से वैश्य समाज के क्षेत्र फंड आवंटित किए जाएं।
नौकरियों में 27% का मिले आरक्षण
वैश्य समाज का मानना है कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 27% आरक्षण मिलना चाहिए। उनका कहना है कि यह आरक्षण सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को समान अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने वैश्य आयोग के गठन की भी मांग की है। वैश्य समाज अपनी विशिष्ट समस्याओं और जरूरतों को समझने और उनका समाधान निकालने के लिए एक अलग वैश्य आयोग के गठन की मांग कर रहा है। जिसस में उनके सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाए।
इनकी भी सुनिए
27 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की जाए। इस आरक्षण से सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को समान अवसर मिलेगा।
-प्रकाश कुमार भगत
राजनीतिक सहभागिता सुनिश्चित की जाए। साथ ही वैश्य समाज के लिए आयोग का गठन किया जाए, जिससे समाज का विकास हो सके।
-मनोहर प्रसाद
ओबीसी को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 27% आरक्षण मिलना चाहिए। इससे समान अवसर मिलेगा। -अनिल साह
विशिष्ट समस्याओं और जरूरतों को समझने और उनका समाधान निकालने के लिए एक अलग वैश्य आयोग का गठन होना चाहिए।
-राजकुमार साह
छोटे दुकानदार और व्यवसायी आर्थिक रूप से कमजोर हैं और अक्सर ऋण के बोझ तले दबे रहते हैं। पूर्व के 10 लाख रुपये तक की ऋण माफी की जाए।
-शंभु प्रसाद
वैश्य समाज के हितों की रक्षा एवं समुचित विकास के लिए यथाशीघ्र वैश्य आयोग का गठन किया जाए, जिससे सुविधा होगी।
-सुभाष साह
ऑनलाइन मार्केटिंग से राज्य के दुकानदारों और व्यवसायियों सहित राज्य सरकार को राजस्व की क्षति हो रही है।
-विजय कुमार भगत
वैश्य समाज के विस्थापितों को एक समान मुआवजा, नौकरी एवं पुर्नवास की व्यवस्था की जाये।
-परमेश्वर साह
10 लाख रुपये तक की ऋण माफ की जाए। ऑनलाइन मार्केटिंग पर रोक लगे और इसके पालन करने के लिए सख्त कानून बनाए जाएं।
-औंकारनाथ बर्णवाल
कोराना काल के प्रभाव से जूझ रहे कारोबारियों को इससे बाहर निकालने का प्रयास किया जाए। उन्हें ऋण देकर सरकार आर्थिक मदद करे।
-निशि वर्मा
राज्य में जातियों के सामाजिक-आर्थिक स्थिति पता नहीं, इसके लिए राज्य में जाति आधारित जनगणना जल्द करायी जाए।
-मदन साह
गवैश्य समाज के महापुरुषों का भी सम्मान होना चाहिए, उनको भी इतिहास में पढ़ाया जाए, ताकि युवा पीढ़ी उन्हें जान सकें।
- कार्तिक वर्मा
समाज के युवा आज व्यापार से हटकर सरकारी नौकरियों में भी अपना नाम कमा रहे हैँ, उनकी प्रतिभा का सम्मान होना चाहिए।
- हीरा कुमार गुप्ता
कई कारणों से वैश्य समाज के गरीब वर्ग के बच्चे अच्छी शिक्षा से वंचित रह जाते हैं, उनको भी सरकारी सहायता मिलनी चाहिए। जिससे समाज में आगे बढ़ सकें।
- बालकरण कुमार साह
सरकारी संस्थाएं हमारे महापुरुषों के बारे में सोचे, उनका सम्मान होना चाहिए, किताबों में उनका इतिहास शामिल किया जाए। जिससे बच्चे पढ़ें।
- बलभद्र शर्मा
वैश्य समाज के 80 फीसदी लोग व्यापारी हैं, उन्हें विभागों में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जो सही नहीं। इसका निदान हो।
- अंकित केशरी
बोले जिम्मेदार
सरकार की योजनाओं का लाभ सभी वर्ग के लोगों को मिल रहा है। सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है। जिसमें मुख्यमंत्री उद्यमी योजना समेत कई प्रकार के योजनाएं केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित है। इस योजना का लाभ जिले के काफी लोग ले रहे हैं। युवा इनका लाभ उठा सकते हैं। उद्योग विभाग हर समय लोगों की मदद और सलाह देने के लिए तत्पर है।
मितेश कुमार शान्डिल्य, उद्योग विभाग पदाधिकारी, जमुई
शिकायत
1. शिक्षा और आर्थिक अवसरों की कमी, राजनीतिक प्रतिनिधित्व का अभाव और सामाजिक भेदभाव। इससे परेशानी।
2. कई वैश्य परिवारों के लिए शिक्षा एक चुनौती बनी हुई है। उचित मार्गदर्शन और संसाधनों की कमी के कारण वे उच्च शिक्षा प्राप्त करने और बेहतर आर्थिक अवसरों का लाभ उठाने में असमर्थ हैं।
3. वैश्य समुदाय के कुछ वर्गों को पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े रहने के कारण आर्थिक रूप से संघर्ष करना पड़ता है।
सुझाव
1. सरकारी नौकरियों में युवाओं को बेहतर अवसर मिले, शहर में व्यापारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
3. व्यवसायियों को आसानी से लोन मिले, विभागों में काम के नाम पर व्यापारियों का शोषण रोका जाए, छोटे व्यापारियों को 10 लाख रुपये तक की ऋण माफ योजना शुरू की जाए।
3. आधुनिक अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए उन्हें नए कौशल और ज्ञान की आवश्यकता है, सरकार इस पर आवश्यक कदम उठाए।
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