अगले महीने मुंबई में खुल जाएगा टेस्ला का पहला शोरूम, एलन मस्क भारत में बेचेंगे मेड-इन-चाइन इलेक्ट्रिक कार
टेस्ला जुलाई के मध्य में मुंबई में अपना पहला शोरूम खोलने के लिए तैयार है, जिसके बाद नई दिल्ली में भी एक शोरूम खोला जाएगा। ब्लूमबर्ग द्वारा शेयर किए गए डॉक्युमेंट से पता चलता है कि इसने अमेरिका, चीन और नीदरलैंड से सुपरचार्जर कम्पोनेंट, कार एक्सेसरीज, मर्चेंडाइज और स्पेयर भी आयात किए हैं।

टेस्ला इंक भारतीय बाजार में अपना पहला शोरूम जुलाई में खोलेगी। इस मामले से जुड़े लोगों के मुताबिक, यह दुनिया के तीसरे सबसे बड़े ऑटोमोबाइल बाजार में औपचारिक ऑपरेशंस की शुरुआत करेगा, क्योंकि एलन मस्क की अगुवाई वाली फर्म यूरोप और चीन में बिक्री में गिरावट के बीच विकास की तलाश कर रही है। इलेक्ट्रिक व्हीकल दिग्गज की कारों का पहला सेट देश में आ गया है। मॉडल Y रियर-व्हील ड्राइव SUV टेस्ला की चीन फैक्ट्री से भेजी गई है। ET की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले से जुड़े लोग जिन्होंने पहचान न बताने का अनुरोध किया उन्होंने इस जानकारी को शेयर किया है। मॉडल Y दुनिया की सबसे ज्यादा बिकने वाली इलेक्ट्रिक कार भी है।
लोगों के अनुसार टेस्ला जुलाई के मध्य में मुंबई में अपना पहला शोरूम खोलने के लिए तैयार है, जिसके बाद नई दिल्ली में भी एक शोरूम खोला जाएगा। ब्लूमबर्ग द्वारा शेयर किए गए डॉक्युमेंट से पता चलता है कि इसने अमेरिका, चीन और नीदरलैंड से सुपरचार्जर कम्पोनेंट, कार एक्सेसरीज, मर्चेंडाइज और स्पेयर भी आयात किए हैं। इस शुरुआत के साथ ही टेस्ला के भारत में एंट्री को लेकर सालों से चले आ रहे इंतजार को भी खत्म कर देगी। भारत एक ऐसा बाजार है जिस पर मस्क की लंबे समय से नजर थी, लेकिन टैरिफ और लोकल मैन्युफैक्चरिंग पर असहमति के कारण वे इसमें एंट्री करने से पीछे हट गए थे। टेस्ला को भारत लाने में सफलता तब मिली जब फरवरी में मस्क ने अमेरिका में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
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फरवरी में ब्लूमबर्ग न्यूज ने बताया कि टेस्ला मुंबई के पास एक बंदरगाह पर कुछ हजार कारें भेजने के लिए तैयार है। टेस्ला के स्पोक्सपर्सन ने भारत में शोरूम खोलने और चल रही तैयारियों पर टिप्पणी मांगने वाले ईमेल का तुरंत जवाब नहीं दिया। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में रिव्यू किए डॉक्युमेंट के अनुसार, टेस्ला के शंघाई प्लांट से पांच मॉडल Y कार पहले ही मुंबई आ चुकी हैं। कारों की कीमत 2.77 मिलियन रुपए ($31,988) घोषित की गई। इन पर 2.1 मिलियन रुपए से अधिक का आयात शुल्क लगाया गया। यह शुल्क भारत के 40,000 डॉलर से कम कीमत वाली पूरी तरह से निर्मित आयातित कारों पर 70% टैरिफ प्लस सरचार्ज के अनुरूप है।
योजनाओं से परिचित लोगों के अनुसार, टैक्स और बीमा से पहले मॉडल की बिक्री 56,000 डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है। हालांकि, टेस्ला अपने मार्जिन और पोजिशनिंग स्ट्रैटजी के आधार पर फाइनल स्टिकर प्राइस को तय करेगी। इसकी तुलना अमेरिका में इसी मॉडल के लिए एक्स-शोरूम कीमत 44,990 डॉलर से की जाती है, जो टैक्स क्रेडिट लागू होने के बाद 37,490 डॉलर में बिकता है। प्रीमियम प्राइस टैग टेस्ला की योजनाओं के लिए एक बड़ी बाधा होगी, क्योंकि ऑटोमेकर को प्राइस-ड्राइव कंज्यूमर्स को बड़ा अमाउंट खर्च करने के लिए राजी करना होगा। भारत में नए पैसेंजर व्हीकल की बिक्री में ईवी का हिस्सा केवल 5% से अधिक है, लेकिन प्रीमियम कारें अभी भी बाजार के 2% से कम का प्रतिनिधित्व करती हैं।
टेस्ला के भारत आने वाले मामले से परिचित लोगों के अनुसार, कंपनी ने प्रशांत मेनन के जाने के बाद कोई नया कंट्री हेड नियुक्त नहीं किया है, लेकिन चार्जिंग, रिटेल और पॉलिसी टीमों में नियुक्तियों को बढ़ावा दे रही है। मॉडल Y इम्पोर्ट बाजार में शुरुआती कदम है और टेस्ला अपनी उपस्थिति का विस्तार करने की योजना बना रही है, जिसमें और मॉडल पेश करना शामिल है। लोगों ने बताया कि कंपनी कर्नाटक में गोदाम की जगह किराए पर ले रही है। वही, नई दिल्ली के बाहर गुरुग्राम में भी जगह जोड़ रही है। दूसरे देशों से टेस्ला के अधिकारी साप्ताहिक रूप से मुंबई और नई दिल्ली के शोरूमों का दौरा भी कर रहे हैं।
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