Sawan shivratri: जुलाई में सावन शिवरात्रि कब है? जानें तारीख, महत्व, शिव पूजन मुहू्र्त व विधि
Sawan Shivratri Kab hai 2025: हिंदू धर्म में सावन माह की शिवरात्रि का खास महत्व है। यह दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अति उत्तम माना गया है। जानें जुलाई में सावन शिवरात्रि कब है।

Sawan Shivratri 2025 Kab hai: सावन माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को श्रावण शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। सावन माह भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है और उनकी पूजा के लिए खास माना गया है। सावन महीने की शिवरात्रि का दिन भगवान शिव व मां पार्वती के पूजन के लिए अति उत्तम माना गया है। मान्यता है कि इस दिन देवों के देव महादेव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना, व्रत व जलाभिषेक करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। जानें जुलाई में सावन शिवरात्रि कब है और शिव पूजन का मुहूर्त-
सावन शिवरात्रि कब है 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, चतुर्दशी तिथि 23 जुलाई 2025 को सुबह 04 बजकर 39 मिनट पर प्रारंभ होगी। चतु्र्दशी तिथि का समापन 24 जुलाई 2025 को सुबह 02 बजकर 28 मिनट पर होगा। उदया तिथि में सावन शिवरात्रि का पर्व 23 जुलाई, बुधवार को है।
सावन शिवरात्रि पर बन रहे ये शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:15 ए एम से 04:56 ए एम
विजय मुहूर्त- 02:44 पी एम से 03:39 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 07:17 पी एम से 07:38 पी एम
सायाह्न सन्ध्या- 07:17 पी एम से 08:20 पी एम
अमृत काल- 08:32 ए एम से 10:02 ए एम
सावन शिवरात्रि पर शिव पूजन मुहूर्त 2025: हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा व जलाभिषेक के लिए निशिता मुहूर्त अत्यंत शुभ माना गया है। निशिता मुहूर्त 24 जुलाई को सुबह 12 बजकर 07 मिनट से सुबह 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। पूजन की कुल अवधि 41 मिनट की है।
सावन शिवरात्रि पूजा विधि- सावन शिवरात्रि के दिन सूर्योदय से पूर्व उठें और स्नान-आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को साफ करें। मंदिर में एक चौकी रखकर लाल कपड़ा बिछाएं। अब माता पार्वती व भगवान शंकर की प्रतिमा या मूर्ति चौकी पर रखें। इसके बाद शिव जी का कच्चा दूध, गंगाजल, दही व जल से अभिषेक करें। भगवान शिव को चंदन लगाएं। इसके साथ ही माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें। अब दीपक जलाएं। शिव चालीसा का पाठ करें। पूजा समाप्त होने के बाद आरती उतारें।
सावन शिवरात्रि व्रत पारण का समय: सावन शिवरात्रि व्रत का पारण 24 जुलाई 2025 को किया जाएगा। व्रत पारण का शुभ समय सुबह 05 बजकर 38 मिनट पर प्रारंभ होगा।