आने वाले 7 सालों तक मेष राशि पर रहेगा शनि का प्रभाव, इस उपाय को करने से होगा फायदा
Shani Sade Sati Mesh Rashi Mein : ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार हर व्यक्ति पर जीवन में एक न एक बार शनि की साढ़ेसाती जरूर लगती है। मेष राशि पर 2032 तक यानी आने वाले 7 सालों तक शनि की साढ़ेसाती रहेगी। 2032 में ही मेष राशि वालों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी।

Shani Sade Sati Mesh Rashi Mein : ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार हर व्यक्ति पर जीवन में एक न एक बार शनि की साढ़ेसाती जरूर लगती है। मेष राशि पर 2032 तक यानी आने वाले 7 सालों तक शनि की साढ़ेसाती रहेगी। 2032 में ही मेष राशि वालों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी। शनि सभी ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलते हैं, जिस कारण से ज्योतिषीय प्रभाव सभी राशियों के जातकों के ऊपर काफी समय तक रहता है।
शनि की साढ़ेसाती कब लगती है?
जब शनि राशि परिवर्तन करते हैं तब तीन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और दो राशियों पर शनि की ढैय्या लग जाती है। शनि जिस राशि में राशि परिवर्तन करते हैं उस पर और उससे एक राशि आगे और एक राशि पीछे पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाती है।
शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव- शनि की साढ़ेसाती लगने पर व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शनि की साढ़ेसाती के दौरान व्यक्ति को अपना खास ध्यान रखना चाहिए।
शनि की साढ़ेसाती से बचने के लिए करें ये उपाय-
हनुमान जी की पूजा- हनुमान जी की पूजा करने से शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव कम हो जाता है। शनिदेव ने हनुमान जी को वरदान दिया है कि हनुमान जी के भक्तों पर शनि का अशुभ प्रभाव नहीं पड़ेगा। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करें और भगवान श्री राम और माता सीता के नाम का सुमिरन करें।
शिवलिंग पर जल अर्पित करें- भगवान शिव की कृपा जिस व्यक्ति पर होती है उस पर शनि का अशुभ प्रभाव नहीं पड़ता है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर जल अर्पित करें।
शनिवार को शनिदेव की पूजा करें- शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है। इस दिन विधि-विधान से शनिदेव की पूजा-अर्चना करें। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिदेव को तेल अर्पित करें।
पीपल पर जल चढ़ाएं- पीपल पर जल चढ़ाने से भी शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
डिस्क्लेमर- (इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)