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पितृ और कालसर्प दोषों से मुक्ति के लिए अमावस्या पर करें ये खास उपाय

हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है। अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान के बाद दान करने पर पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण भी किया जाता है। अमावस्या के दिन कुछ उपाय करने से पितृ और कालसर्प दोष से भी मुक्ति मिल जाती है।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तानMon, 23 June 2025 04:31 PM
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पितृ और कालसर्प दोषों से मुक्ति के लिए अमावस्या पर करें ये खास उपाय

Amavasya Ke Upay : हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है। अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान के बाद दान करने पर पुण्य फल की प्राप्ति होती है। हर माह में एक बार अमावस्या तिथि पड़ती है। अमावस्या तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण भी किया जाता है। अमावस्या के दिन कुछ उपाय करने से पितृ और कालसर्प दोष से भी मुक्ति मिल जाती है। आइए जानते हैं अमावस्या के दिन पितृ और कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए क्या करना चाहिए-

पितृ दोष से क्या है- ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार कुंडली में दूसरे, चौथे, पांचवें, सातवें, नौवें और दसवें भाव में सूर्य राहु या सूर्य शनि की युति बनने पर पितृ दोष लग जाता है। सूर्य के तुला राशि में रहने पर या राहु या शनि के साथ युति होने पर पितृ दोष का प्रभाव बढ़ जाता है। इसके साथ ही लग्नेश का छठे, आठवें, बारहवें भाव में होने और लग्न में राहु के होने पर भी पितृ दोष लगता है। पितृ दोष की वजह से व्यक्ति का जीवन परेशानियों से भर जाता है।

उपाय-

पितृ दोष की वजह से व्यक्ति का जीवन परेशानियों से भर जाता है। इस दोष से मुक्ति के लिए अमावस्या के दिन पितर संबंधित कार्य करने चाहिए। पितरों का स्मरण कर पिंड दान करना चाहिए और अपनी गलतियों के लिए माफी मांगें।

कालसर्प दोष से क्या है- ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुंडली में जब राहु और केतु के मध्य सभी ग्रह आ जाते हैं तो कालसर्प दोष का निर्माण हो जाता है। कालसर्प दोष की वजह से व्यक्ति को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

उपाय- कालसर्प दोष की वजह से व्यक्ति को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दोष से मुक्ति के लिए अमावस्या के पावन दिन विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा- अर्चना करनी चाहिए। इस दिन दूध, गंगा जल, इत्यादि से भोलेनाथ का अभिषेक करें। भोलेनाथ को भोग भी लगाएं और उनकी आरती करें। भगवान शिव की पूजा- अर्चना करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है।

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