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बोले गढ़वाल : बड़कोट के शास्त्रीनगर में सड़क 5 वर्ष बाद भी पक्की नहीं हो पाई

बड़कोट के शास्त्रीनगर वार्ड में हैलीपैड तक पहुँचने वाली सड़क की स्थिति बेहद खराब है, जिससे लोगों को कठिनाई हो रही है। पेयजल संकट और भूस्खलन जैसी समस्याएँ भी हैं। स्थानीय लोग सरकारी लापरवाही को लेकर...

Newswrap हिन्दुस्तान, उत्तरकाशीMon, 23 June 2025 07:34 PM
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बोले गढ़वाल : बड़कोट के शास्त्रीनगर में सड़क 5 वर्ष बाद भी पक्की नहीं हो पाई

किसी सड़क को यदि वीआईपी या वीवीआईपी लोग प्रयोग में ला रहे हों और उसके बावजूद वो बेहद खस्ताहाल हो तो फिर सामान्य सड़कों की स्थिति की कल्पना ही की जा सकती है। दरअसल इसकी तस्वीर नुमायां हो रही है बड़कोट के शास्त्रीनगर वार्ड में जहां हैलीपैड तक आवाजाही वाली सड़क को आजतक पक्का नहीं किये जाने के कारण उसकी स्थिति इस कदर खराब है कि उस पर पैदल चलना भी आसान नहीं है। ऐसे में हैलीपैड की वजह से वीआईपी सड़क पर बेहद महत्वपूर्ण लोगों की आवाजाही के दृष्टिगत भी यदि उसकी हालत को सुधारा नहीं जा रहा हो तो फिर सवाल उठने लाजिमी है। ‘बोले गढ़वाल’ अभियान के तहत परेशान लोगों ने हिंदुस्तान से अपनी समस्याओं को साझा किया......

धार्मिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण और चारधाम यात्रा का अहम पड़ाव बड़कोट में नगरपालिका बनने के 8 वर्षो बाद भी मूलभूत सुविधाओं की कमी बनी हुई है। इसका उदाहरण देखने को मिलता है लगभग 3000 की आबादी वाले शास्त्रीनगर वार्ड में जहां हैलीपैड जैसी महत्वपूर्ण सुविधा होने के बावजूद उस तक पहुंचने वाली सड़क को ही आज तक पक्का नहीं किया जा सका है। ऐसे में तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों के साथ वीआईपी और वीवीआईपी लोगों की आवाजाही के बावजूद आज भी हैलीपैड पहुंचने वाला मार्ग कच्चा ही पड़ा है।

दूसरी तरफ वार्ड संख्या 6 के अंतर्गत आने वाले इस वार्ड में हैलीपैड से जुड़े आसपास के क्षेत्रों में पेयजल संकट ने भी लोगों को परेशान किया हुआ है। स्थिति का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि सामान्य काल में भी लोगों के सामने मौजूद इस समस्या को पेयजल टैंकरों से दूर किया जाता है तो गर्मियों में स्थिति और भी खराब हो जाती है। यमुना नदी के तटवर्ती क्षेत्र और वार्ड से गुजने वाले उपराड़ी गदेरे से जुड़े होने के कारण किनारों पर मौजूद आवासीय भवनों पर भूकटाव से भूस्खलन का खतरा भी मंडरा रहा है और हर बरसाती सीजन लोगों के डर को कई गुना ज्यादा बढ़ा देता है, लेकिन इसके बावजूद आज तक भी कोई प्रभावी सुरक्षा इंतजामात नहीं किये जा सके है।

इलाके में पार्किंग सुविधा के नाम पर कोई व्यवस्था नहीं होने की वजह से लोगों को मजबूरन अपने वाहनों को सड़कों के किनारों पर ही पार्क करना पड़ता है जिस वजह से जाम लगना आम बात है। दूसरी तरफ वार्ड के अधिकांश हिस्से में तंग सम्पर्क मार्गों की वजह से या तो वो पैदल आवाजाही के लिये ही है या फिर किसी तरह उन पर दोपहिया वाहनों का आवागमन हो पाता है। जिस कारण पहले से तंग इन्हीं रास्तों के किनारों पर दोपहिया वाहनों के पार्क होने के बाद वो बहुत संकरे हो जाते हैं, इस कारण इस मार्ग पर पैदल आवाजाही भी मुश्किल हो जाती है।

इस समस्या को बढ़ाने का काम कर रहे हैं नालियों में बिखरा पेयजल लाइनों का मकड़जाल, जिसके कारण नालियों की सफाई तो नहीं ही हो पा रही है साथ ही कचरा फंसने और सफाई नहीं हो पाने की वजह से उनसे ओवरफ्लो होता पानी रास्तों पर ही बहने लगता है। इलाके के सीवरलाइन व्यवस्था से नहीं जुड़े होने के कारण लोगों को घनी आबादी के बीच बने अपने घरों के सीवर टैंकों से बड़ी मुश्किलें उठाते हुए और आर्थिक नुकसान झेलकर उनकी सफाई करवानी पड़ती हैं। बरसात में स्थितियां बेहद खराब हो जाती हैं ।

-प्रस्तुति:- द्वारिका सेमवाल

सरकारी तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा

सरकारी मशीनरी किस तरह बेहद जरूरी मामलों में भी लापरवाह रूख अख्तियार करके चैन की बंसी बजाती नजर आती है, इसका अजब गजब उदाहरण देखने को मिलता है वार्ड के हैलीपैड क्षेत्र में मौजूद वीआईपी सड़क पर। दरअसल हैलीपैड होने के कारण तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए तो उसका इस्तेमाल होता ही है लेकिन विशिष्ट और अति विशिष्ट श्रेणी के लोगों की आवाजाही के बावजूद हैलीपैड तक पहुंचने वाली सड़क की स्थिति इस कदर बुरे हाल है कि उसे आज तक कच्चा ही रखा गया है। ऐसे में सरकारी तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल उठता ही है कि आखिरकार जब इतने महत्वपूर्ण मामले पर भी लापरवाही बरती जा रही हो तो फिर अन्य नागरिक सुविधाओं के मामले पर हाल क्या होंगे। बताते चलें कि तिलाड़ी रोड़ से हेलीपैड तक जाने वाली करीब आधा किलोमीटर की सड़क पर बेहद छोटा हिस्सा होने के बावजूद उसे इस कदर बदहाली में छोड़ दिया गया है कि उसपर हर जगह गड्ढे ही गड्ढे हैं। वर्ष 2019 में इस सम्पर्क मोटरमार्ग का निर्माण किया गया था लेकिन 5 वर्षों बाद भी उसकी स्थितियों को पक्का करना तो दूर उसे सुधारा तक नहीं जा सका है।

पानी के टैंकरों से प्यास बुझाने को मजबूर लोग

हैलीपैड समेत आसपास के क्षेत्रों में पेजजल समस्या ने भी क्षेत्रवासियों को परेशान किया हुआ है। पर्याप्त पेयजल आपूर्ति नहीं होने की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना रोज करना पड़ रहा है। इस वजह से उनके रोजमर्रा की दिनचर्या भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। स्थिति की गंभीरता को इस बात से ही लगाया जा सकता है कि परेशान लोगों को टैंकरों के भरोसे अपनी प्यास तो बुझानी पड़ रही है लेकिन उसपर भी गजब हाल ये है कि टैंकर भी रोज क्षेत्र में नहीं पहुंचता। ऐसे में जब पीने का पानी ही पर्याप्त मात्रा में लोगों को मयस्सर न हो पा रहा है तो आखिरकार अन्य कामों के लिए कैसे पानी उन्हें मिल पा रहा होगा और कैसे लोग अपने जरूरी कार्यों को कर पा रहे होंगे। ऐसा नहीं है कि लोगों ने इस मामले पर जल संस्थान से मांग या शिकायत न की हो लेकिन इस सबके बावजूद हाल जस के तस ही बने हुए हैं। ऐसा नहीं है कि नगर के अन्य क्षेत्रों में स्थितियां बहुत अच्छी हों बल्कि वहां भी स्थिति कमोबेश इससे जुदा नहीं हैं।

यमुना और उपराड़ी गदेरे ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें

यमुना नदी के किनारे बसे शास्त्रीनगर वार्ड और निकटवर्ती क्षेत्र के लोग दोहरी मुसीबत में जी रहे हैं। दरअसल यमुना नदी के तटवर्ती आबादी क्षेत्रों में हर वर्ष बरसात में यमुना नदी तो भू कटाव कर ही रही है लेकिन क्षेत्र के बीच से बहता उपराड़ी गदेरा भी इसी मुसीबत को कोढ़ में खाज की कहावत को साबित करते हुए उनकी सरदर्दी बढ़ा रहा है। लगातार हर बरसात में बढ़ते भूकटाव की वजह से भूस्खलन की समस्या से निपटना भी लोगों के लिए दर्दनाक स्थिति है। लम्बे समय से जारी इस समस्या के प्रभावी समाधान नहीं होने और सुरक्षा इंतजामातों पर लापरवाही बरतने की वजह से ही हर बरसात लोगों के लिए जी का जंजाल बन जाता है। इस दौरान लोगों का सुख चैन तो छीनता ही है लेकिन ऐसे वक्त पर जनप्रतिनिधियों और सरकारी तंत्र के कोरे आश्वासन और नामभर की फुर्ती बरसाती सीजन निकलते ही गायब हो जाती है। यमुना नदी की ओर से भी और उपराड़ी गदेरे से भी इनके किनारों पर रहने वाले आवासीय भवनों पर इस कारण ढहने का खतरा बना रहता है।

बोले अधिकारी

पिक्चरहॉल रोड से पौंटी मोटरमार्ग डंपिंग ग्राउंड तक सड़क का कार्य चल रहा है तथा आईटीआई चौक से सरस्वती शिशु मंदिर होते हुए हेलीपैड तक रोड का सर्वे पूर्ण हो चुका है, जिस पर जल्दी ही कार्य शुरू हो जाएगा। साथ ही हैलीपैड में पानी की दिक्कत के मद्देनज़र रखते हुए यहां हैंडपंप प्रस्तावित है, जिससे पेयजल की समस्या को कम किया जा सके।

-विनोद डोभाल, अध्यक्ष, नगरपालिका, बड़कोट।

नगरपालिका अध्यक्ष के सहयोग से शास्त्रीनगर के विकास के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। हैलीपैड में आज भी पेयजल की किल्लत बनी हुई है। उनके द्वारा यहां पेयजल आपूर्ति के लिए नगर पालिका तथा जल संस्थान के टैंकरों के माध्यम से लोगों को पानी पहुंचाया जा रहा है, जिससे लोगों की पेयजल समस्या को कम किया जा सके।

-पदवेंद्र राणा, सभासद, नगरपालिका।

पार्किंग के अभाव में आईटीआई गेट के सामने लोग अपने वाहनों को आड़े-तिरछे खड़े कर जाते हैं, जिससे लोगों को आवागमन करने में बड़ी परेशानी होती है इसलिए इस क्षेत्र में पार्किंग बनाई जाए।

-रमेश नौटियाल

वार्ड का बड़ा हिस्सा यमुना नदी के कटाव तथा उपराड़ी गदेरे के कटाव से भूस्खलन की जद में है, जिससे आवासीय भवनों को खतरा पैदा हो गया है। भूस्खलन रोकथाम का स्थायी ट्रीटमेंट हो।

-दिनेश रावत

हैलीपैड के नीचे सड़क के किनारे नालियां नहीं बनी जिससे बरसात में हैलीपैड तथा सड़क से पानी बहते हुए लोगों के घरों में घुस रहा है, जिससे परेशानी हो रही है। यहां नालियां बनाई जानी चाहिए।

-मदन जोशी

वार्ड के एक ओर से निकलने वाले उपराड़ी गदेरे से हो रहे भूस्खलन के कारण कई आवासीय भवनों को खतरा बना हुआ है। सुरक्षात्मक इंतजाम किये जाने बेहद जरूरी हैं।

-गंगोत्री जोशी

पार्किंग सुविधा नहीं है। मेन चौराहा से आईटीआई रोड़ व तहसील रोड़ पर दोपहिया तथा चार पहिया वाहनों का भारी दबाव रहता है और पार्किंग नही है, जिससे जाम जाम लगता है।

-उपेंद्र सिंह असवाल

तिलाड़ी रोड़ से हैलीपैड तक की सड़क पर पेंटिंग नही होने से सड़क बदहाल स्थिति में है। गड्ढेयुक्त सड़क पर चलना मुश्किल हो रखा है। लोगों को बेहद दिक्कतें उठानी पड़ती हैं।

-सरदार सिंह रावत

वार्ड अंतर्गत कई आवासीय भवनों की छतों से बिना डाउन पाईप गिर रहे पानी की वजह से आवाजाही में लोगों को बहुत परेशानी होती है। आवश्यक कार्यवाही करनी चाहिए।

-चंचल राणा

क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरे बंद पड़े हुए हैं। बंद पड़े सीसीटीवी कैमरों को ठीक किया जाए तथा जिन आवश्यक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हुए हैं वहां नए कैमरे लगाए जाएं।

-रामप्रकाश रतूडी

वार्ड के अंदर आईटीआई रोड़ के किनारे जाने वाली नालियां कुछ जगहों से लीकेज हैं, और पानी घरों के अंदर घुस रहा है। बारिश होने पर पानी सड़क पर बहने लगता है। नालियों को ठीक किया जाए।

-अमर शाह

नालियों में जल संस्थान के पाइपलाइनों के बिछे जालों के कारण आये दिन नालियां चोक होती रहती हैं और इस कारण नालियों की सफाई भी नही हो पाती है। लाइनों को हटाया जाना चाहिए।

-प्रवीण रावत

क्षेत्र में सीवरेज निस्तारण एक प्रमुख समस्या है। वार्ड अंतर्गत कुछ स्थानों पर चौपहिया वाहन नहीं जा पाने के कारण सीवर सफाई वाहन भी नहीं पहुंच पाता है, जिससे दिक्कतें हो रहीं हैं।

-रोहन चौहान

आईटीआई रोड़ के दोनों ओर की नालियों तथा बरसाती पानी आईटीआई तथा जल संस्थान कार्यालय के बीच से निकलकर गदेरे में अधिक ऊंचाई भूकटाव हो रहा है, जिसे ठीक किया जाए।

-हंसपाल बिष्ट

सुझाव

1. क्षेत्र को सीवरलाइन व्यवस्था से जोड़ा जाये व क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत हो।

2. संकरी चोक नालियों को ठीक कर उनकी सफाई हो और पेयजल लाइनों के जाल उनसे हटाये जायें।

3. यमुना नदी और उपराड़ी गदेरे से हो रहे भूकटाव के खतरे से आवासीय भवनों को बचाया जाय।

4. नालीविहीन स्थानों पर नालियों का निर्माण हो और क्षतिग्रस्त नालियां ठीक हों। कूड़ेदानों की व्यवस्था हो।

5. पार्किंग सुविधा के इंतजाम हों जिससे जाम न लगे। पर्याप्त पेयजल आपूर्ति के हों इंतजाम।

शिकायत

1. क्षेत्र में सीवरलाइन नहीं होने व क्षतिग्रस्त सड़कों से हो रही दिक्कतें।

2. संकरी चोक नालियों व रास्तों में पेयजल लाइनों के मकड़जाल से और पेयजल समस्या से भी स्थानीय लोग परेशान हैं।

3. यमुना नदी और उपराड़ी गदेरे से हो रहे भूकटाव से आवासीय भवनों पर भी खतरा है।

4. कई जगह नालियां नहीं हैं तो कई जगह तंग नालियों से लीकेज समस्या। कूड़ेदान नहीं होने से भी हो रही दिक्कतें।

5. पार्किंग सुविधा नहीं होने से रास्तों पर लगते जाम से आवाजाही में परेशानियां।

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