कमल नदी पर बहे पुल के मलबे को हटाने की मांग
कमल नदी पर चक चंदेली और खलाड़ी छानी व गांवों के बीच दशकों पूर्व बाढ़ में बह गए पुल के मलबे को हटाने और नए पुल के निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों के

कमल नदी पर चक चंदेली और खलाड़ी छानी गांवों के बीच दशकों पूर्व बाढ़ में बह गए पुल के मलबे को हटाने और नए पुल के निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उप-जिलाधिकारी मुकेश रमोला से मुलाकात कर समस्या समाधान की मांग की। ग्रामीणों ने कहा कि कमल नदी में चन्देली के समीप चन्देली व खलाड़ी छानी, पुजेली, चपटाडी व आराकोट गांव को पैदल पुल बना था जो 2011 में आयी आपदा में पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया। पुल का लोहा अभी भी नदी के बीच में पड़ा हुआ है,जिससे पैदल आवागमन में समस्या हो रही है।
प्रतिनिधि मंडल में शामिल बलदेव रावत, राजपाल, नवीन गैरोला, अंकित पंवार ने आदि बताया कि यह पुल दोनों गांवों के लिए जीवन रेखा था। 2011 में पुल के बह जाने के बाद उन्होंने विभाग को कई बार लिखित और मौखिक रूप से सूचित किया है, लेकिन डेढ़ दशक बीत जाने के बाद भी पुल का मलबा जस के तस बना है, जिस कारण से बरसात में आसपास की उपजाऊ कृषि भूमि का लगातार कटाव हो रहा है। ग्रामीणों ने चिंता व्यक्त करते हुते कहा कि अब डर है कि यदि नदी का जल स्तर बढ़ता है, तो उनकी खेती का कटाव हो जाएगा। ग्रामीणों ने उप-जिलाधिकारी से संबंधित विभाग को उनकी समस्या का समाधान करने का निर्देश देने की मांग की है जिस पर उपजिलाधिकारी ने ग्रामीणों की माँग पर शीघ्र कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।
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