पशुधन प्रसार अधिकारियों के प्रशिक्षण अवधि में कटौती पर रोष
चिन्यालीसौड़, संवाददाता। उत्तराखंड सरकार द्वारा पशुधन प्रसार अधिकारी संवर्ग के प्रशिक्षण काल को दो वर्ष से घटाकर एक वर्ष किए जाने के निर्णय पर डिप्लोम

उत्तराखंड सरकार द्वारा पशुधन प्रसार अधिकारी संवर्ग के प्रशिक्षण काल को दो वर्ष से घटाकर एक वर्ष किए जाने के निर्णय पर डिप्लोमा पशु चिकित्सा सेवा संघ ने कड़ा विरोध जताया है। संघ के पदाधिकारियों ने इस निर्णय को पशुपालन सेवाओं की गुणवत्ता पर कुठाराघात बताया है। कहा है कि वे शीघ्र ही मुख्यमंत्री से मिलकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे। जनपदीय अध्यक्ष उपेन्द्र सिंह जयाड़ा ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते बुधवार को आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पशुधन प्रसार अधिकारियों का प्रशिक्षण अब केवल एक वर्ष का होगा। यह कार्यक्रम बीते चार दशक से दो वर्षीय रहा है और इसके तहत अधिकारियों को विभाग की सभी आवश्यक सेवाओं का गहन प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
जिला सचिव मनोज सिंह ने कहा कि विभाग में पहले से ही पदों की भारी कमी है और प्रशिक्षण के स्तर को घटाने से नवनियुक्त अधिकारियों की दक्षता प्रभावित होगी। पशु सेवा केंद्रों पर नियुक्त अधिकारी न केवल प्राथमिक उपचार, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, बधियाकरण, दवा स्नान जैसे कार्यों को अंजाम देते हैं, बल्कि विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन भी इन्हीं के माध्यम से किया जाता है। उन्होंने चेताया कि यदि प्रशिक्षण अवधि घटाई जाती है, तो इसका प्रतिकूल प्रभाव पशुपालकों की आय और पशुधन स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ेगा।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।