यमुनोत्री-बद्रीनाथ मार्ग पर तीर्थयात्रियों पर काल बनकर बरस पड़े पत्थर, तीन की गई जान
इन घटनाओं में तीन तीर्थयात्रियों की मौत हो गई तो वहीं, एक के लापता होने की खबर है और तीन अन्य घायल हो गए। इस वजह से चारधाम यात्रा भी बाधित हुई। ड़े-बड़े पत्थर पैदल रास्ते पर गिर गए, जिससे रेलिंग टूट गई और कई तीर्थयात्री फंस गए।

उत्तराखंड में सोमवार को भारी बारिश के बाद यमुनोत्री और बद्रीनाथ मार्गों पर अलग-अलग भूस्खलन की घटनाएं हुईं। इन घटनाओं में तीन तीर्थयात्रियों की मौत हो गई तो वहीं, एक के लापता होने की खबर है और तीन अन्य घायल हो गए। इस वजह से चारधाम यात्रा भी बाधित हुई। यमुनोत्री मार्ग पर भैरव मंदिर से लगभग 1.5 किलोमीटर दूर नौ कैंची के पास शाम करीब 4 बजे भूस्खलन हुआ। बड़े-बड़े पत्थर पैदल रास्ते पर गिर गए, जिससे रेलिंग टूट गई और कई तीर्थयात्री फंस गए। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और स्थानीय पुलिस की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। शाम को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के जवान भी बचाव कार्य में शामिल हो गए।
मुंबई के एक तीर्थयात्री रसिक को मलबे के नीचे से चोटिल हालत में निकाला गया और जानकीचट्टी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। उनकी हालत स्थिर बताई गई है। रसिक के बयान के आधार पर,दिल्ली की 12 वर्षीय भाविका और एक अन्य पुरुष तीर्थयात्री लापता हो गए थे, जिनमें से बाद में एक शव बरामद कर लिया गया। अभी भी तलाशी अभियान जारी है। बचाव दल को बाद में एक किशोर लड़की का शव और एक अन्य अज्ञात व्यक्ति का शव मिला – शव इतना क्षत-विक्षत था कि उसे पहचान पाना भी कठिन हो रहा था।
सोमवार सुबह,चमोली जिले में बद्रीनाथ हाईवे पर पाताल गंगा सुरंग के पास एक चलती कार पर पत्थर गिर गए। इस घटना में एक महिला की मौत हो गई और एक बच्चे सहित दो अन्य घायल हो गए। हरियाणा के फतेहाबाद का यह परिवार बद्रीनाथ से लौट रहा था तभी यह हादसा हुआ। शिल्पा (36) की मौके पर ही मौत हो गई,जबकि अंकित लाल (39) और 10 वर्षीय ख्वाहिश को पास के अस्पताल ले जाया गया। महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
SDRF के इंस्पेक्टर कर्ण सिंह ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर बचाव अभियान का नेतृत्व किया। SDRF के एक अधिकारी ने बताया,"हाल ही में इस इलाके में पत्थरों के गिरने की कई घटनाएं हुई हैं,इसलिए यात्रियों को सावधान रहना चाहिए।" सोमवार सुबह,बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-54) पिपलकटी के पास भूस्खलन और पत्थरों के गिरने से छह घंटे से अधिक समय तक बंद रहा। अधिकारियों ने दोपहर तक सड़क साफ कर दी, और स्थिरीकरण का काम जारी रखते हुए इसे एकतरफा यातायात के लिए फिर से खोल दिया। चमोली तहसील में जिले में सर्वाधिक 93.66 मिमी बारिश दर्ज की गई,जिससे भूस्खलन का खतरा काफी बढ़ गया है। पिछले 24 घंटों में राजमार्ग पर दो बार जाम लगा। शनिवार को गौचर और कर्णप्रयाग के बीच चतवापीपल के पास पत्थर गिरने से हैदराबाद के दो पर्यटकों (36 और 50 वर्ष) की मोटरसाइकिल पर मौत हो गई थी।
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