क्षेत्रफल के आधार पर हो उत्तराखंड में परिसीमन
उत्तराखंड में राज्य आंदोलनकारियों ने परिसीमन जनसंख्या के आधार पर करने का विरोध किया है। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि क्षेत्रफल के आधार पर परिसीमन नहीं किया गया, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।...

राज्य आंदोलनकारियों ने उत्तराखंड में परिसीमन जनसंख्या के आधार पर किए जाने को लेकर विरोध जताया है। उन्होंने सरकार को उग्र आंदोलन की चेतावनी देते हुए परिसीमन क्षेत्रफल के आधार पर करने की मांग की है। रविवार को राज्य आंदोलनकारियों ने नगर निगम परिसर स्थित स्व. इंद्रमणि बडोनी हॉल में बैठक आयोजित की। राज्य आंदोलनकारियों ने कहा कि प्रदेश सरकार सिर्फ अपना हित साधने में लगी हुई है। प्रदेश के जनमानस की मूल अवधारणा से हटकर काम किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रदेश में नया परिसीमन होने वाला है। इस परिसीमन को जनसंख्या के आधार पर करने की तैयारी है।
जबकि राज्य आंदोलनकारी और प्रदेश के मूल निवासी चाहते हैं कि परिसीमन क्षेत्रफल के आधार पर किया जाए। क्योंकि उत्तराखंड एक पर्वतीय राज्य है और इसका बार्डर चीन, नेपाल से लगा हुआ है। हिमालयी राज्यों की तर्ज पर ही इसका परिसीमन भी होना चाहिए। अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो राज्य आंदोलनकारी सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे। इस दौरान दो मिनट का मौन रखकर अहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना और केदारनाथ में हेलीकॉप्टर दुर्घटना के मृतकों की आत्मशांति की प्रार्थना की गई। मौके पर बलवीर सिंह नेगी, डीएस गुसाईं, गंभीर मेवाड़, युद्धवीर सिंह चौहान, रूकम पोखरियाल, राजेंद्र कोठारी, हरि सिंह नेगी, प्रेम सिंह रावत, विशंभर दत्त डोभाल, जगदीश प्रसाद भट्ट, महादेव, रोशनी देवी, रामेश्वरी चौहान, उर्मिला डबराल, पूर्णा राणा, सीमा पाल, पूर्णिमा बडोनी, उषा गुप्ता, प्रमिला रमोला, भगवती चमोली, रूपा धस्माना, शीला ध्यानी, रविंद्र कौर, शोभा बिजल्वाण, उर्मिला डबराल, विजयलक्ष्मी आदि उपस्थित रहे।
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