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एम्स ऋषिकेश ने सर्जरी कर हटाया 35 किलो का बोन ट्यूमर

एम्स ऋषिकेश ने 27 वर्षीय सलमान के पैर से 35 किलो का ट्यूमर सफलतापूर्वक हटाया। यह देश में सबसे बड़े ट्यूमर की सर्जरी का रिकॉर्ड है। सलमान को छह साल पहले ट्यूमर का पता चला था, जिससे उसे उठने-बैठने में...

Newswrap हिन्दुस्तान, रिषिकेषTue, 24 June 2025 04:36 PM
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एम्स ऋषिकेश ने सर्जरी कर हटाया 35 किलो का बोन ट्यूमर

एम्स ऋषिकेश ने एक 27 वर्षीय व्यक्ति के पैर से 35 किलो के ट्यूमर को सर्जरी की मदद से हटाने में सफलता हासिल की है। चिकित्सकों का दावा है कि इतने बड़े ट्यूमर की सफल सर्जरी अभी तक अपने देश में पहला रिकॉर्ड है। सर्जरी के बाद उत्तर प्रदेश के संभल जिले के 27 वर्षीय सलमान के चेहरे पर फिर से मुस्कान लौट आई है। चिकित्सकों के मुताबिक सलमान को बाएं पैर में ट्यूमर का पता छह साल पहले लगा था। समय बढ़ने पर धीरे-धीरे उसे उठने-बैठने में परेशानी होने लगी। तकलीफ बढ़ने पर रोगी ने पहले मुरादाबाद और फिर दिल्ली के कई अस्पतालों के चक्कर काटे।

दवाओं के साथ जांचें चलती रहीं, लेकिन मर्ज बढ़ता गया। कद्दू के साइज से बड़ा ट्यूमर होने की वजह से सलमान उठ-बैठ नहीं पा रहा था। किसी ने उसे एम्स ऋषिकेश जाने की सलाह दी। यहां विभिन्न जांचों के बाद ऑर्थोपेडिक्स विभाग के डाक्टरों ने नौ जून को सर्जरी कर ट्यूमर को हटा दिया। इस उपलब्धि के लिए संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह और चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बीसत्या श्री ने डॉक्टरों की टीम को बधाई दी है। एम्स के ऑर्थोपेडिक्स विभाग के सर्जन डॉ. मोहित धींगरा ने बताया कि अप्रत्याशित साइज और वजन होने कारण कैंसर ग्रसित ट्यूमर को हटाना बहुत ही मुश्किल था। ट्यूमर के कैंसर में बदलने और साइज बढ़ने की वजह से उस स्थान पर खून का दौरा और रक्त वाहनी में भी बदलाव हो गया था। ऐसे में सर्जरी के दौरान जरा सी लापरवाही रोगी की जान ले सकती थी। इसलिए इन चुनौतियों से निपटने के लिए ऑर्थो के अलावा सीटीवीएस विभाग और प्लास्टिक सर्जरी विभाग के सर्जन को भी टीम में शामिल किया गया। 41 किलो के पैर में 35 किलो का ट्यूमर रोगी के पैर में बने 34 किलो 700 ग्राम के ट्यूमर ने न केवल डाक्टरों को हैरत में डाला अपितु इसका विशाल साईज एमआरआई करने में भी बाधा बन गया। ऑर्थो विभाग के हेड प्रो पंकज कंडवाल ने बताया कि रोगी के बांए पैर का कुल वजन सर्जरी से पहले ट्यूमर सहित 41 किलो था। ट्यूमर निकाल दिए जाने के बाद पैर का वजन मात्र 6 किलो 300 ग्राम रह गया। टीम में यह रहे शामिल सर्जरी करने वाली टीम में अस्थि रोग विभाग के सर्जन डा मोहित धींगरा के अलावा सीटीवीएस विभाग के हेड व प्रमुख सर्जन डा अंशुमान दरबारी, प्लास्टिक सर्जरी विभाग की डा मधुबरी वाथुल्या मुख्य तौर पर शामिल थे। जबकि एनेस्थेसिया के डा प्रवीण तलवार, रेडियोलॉजी के डा उदित चैहान, डा अविनाश प्रकाश,डॉ विशाल रेड्डी, डॉ राहुल, डॉ धवल व डॉ प्रशांत आदि ने सहयोग दिया।

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