शिशु के समग्र विकास के लिए प्रशिक्षण लिया
सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में सात दिवसीय शिशु वाटिका प्रांतीय प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण में शिक्षकों को नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार बच्चों के समग्र विकास पर जोर दिया गया।...

सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में सात दिवसीय शिशु वाटिका प्रांतीय प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन हुआ। जिसमें शिक्षकों को नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार शिशु के समग्र विकास पर जोर दिया गया। शुक्रवार को आवास-विकास स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में सात दिवसीय शिशु वाटिका प्रांतीय प्रशिक्षण वर्ग के अंतिम दिन का शुभारंभ अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री यतेंद्र ने किया। उन्होंने कहा कि शिशु वाटिका, जिसे बच्चों के निर्माण की प्रयोगशाला भी कहा जाता है। शिक्षकों को बच्चों का सर्वांगीण विकास करने के लिए प्रशिक्षित करता है। इस प्रशिक्षण में खेल, गीत, कहानी, भाषा कौशल, विज्ञान अनुभव, रचनात्मक कार्य, हस्तकला आदि के माध्यम से शिक्षा प्रदान करने पर जोर दिया जाता है।
शिशु वाटिका प्रांत प्रभारी मुरलीधर चंदोला ने सभी को विद्या भारती की रीति-नीति से अवगत कराया। वक्ताओं ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिशु शिक्षा में शिशु का समग्र विकास का ध्यान देते हुए उसकी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से पंचकोशात्मक विकास करने को प्रेरित किया। प्रशिक्षण वर्ग में विभिन्न शिशु मंदिर स्कूलों के 50 से अधिक शिक्षकों ने शिरकत की। मौके पर क्षेत्रीय संगठन मंत्री डोमेश्वर साहू, शिशु वाटिका के क्षेत्रीय प्रभारी शिव कुमार, सुधा, ईश्वर दत्त जोशी, सह प्रदेश निरीक्षक शिशु शिक्षा समिति उत्तराखंड विनोद सिंह रावत, प्रांत सेवा प्रमुख पुरुषोत्तम दत्त बिजल्वाण, पूनम अनेजा, शालिनी सिंघल, सोवन थलवाल, गुरू प्रसाद उनियाल, सुरेंद्र सिंह नेगी, राजेंद्र प्रसाद पांडेय आदि उपस्थित रहे।
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