पंचायतीराज को स्वच्छ भारत मिशन का जिम्मा देने का विरोध
स्वजल कर्मचारी संघ ने कैबिनेट के फैसले का विरोध किया है, जिसमें पंचायतीराज विभाग को स्वच्छ भारत मिशन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। संघ ने इसे कर्मचारियों के लिए हानिकारक बताया और सरकार से तत्काल फैसले को...

स्वजल कर्मचारियों ने कैबिनेट ने फैसले पर उठाए सवाल फैसले को बताया स्वजल कर्मचारियों को नुकसान पहुंचाने वाला देहरादून, मुख्य संवाददाता। पंचायतीराज विभाग को स्वच्छ भारत मिशन की जिम्मेदारी देने के कैबिनेट के फैसले का विरोध शुरू हो गया है। स्वजल कर्मचारी संघ ने इस फैसले को कर्मचारी विरोध फैसला करार दिया। सरकार से तत्काल इस फैसले को वापस लेने की मांग की। कर्मचारी संघ के महामंत्री अरविंद पयाल ने कहा कि ढाई दशक से भी अधिक समय से स्वजल कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। राजीव गांधी पेयजल कार्यक्रम, स्वैप प्रोग्राम से लेकर जल जीवन मिशन कार्यक्रम में लगातार कर्मचारी साल दर साल अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं।
पेयजल योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ ही हर घर शौचालय योजना का सफल क्रियान्वयन कराया। राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड की पहचान बनाई। इसके बावजूद स्वजल कर्मचारियों के भविष्य पर संकट खड़ा कर दिया गया है। कहा कि स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम की जिम्मेदारी पंचायतीराज विभाग को मिलते ही स्वजल कर्मचारियों के पास कोई काम नहीं रहेगा। पहले भी मई 2024 से एक साल से स्वजल कर्मचारी बिना वेतन के काम कर रहे हैं। सरकार ने स्वजल कर्मचारियों को 31 मई 2026 तक सेवा विस्तार दिया है, लेकिन आज तक कैबिनेट के इस फैसले पर विधिवत आदेश जारी नहीं हो पाया है। न ही वेतन भुगतान को 18 करोड़ का बजट जारी किया गया है।
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