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वाइब्रेंट विलेज के 882 घरों को ग्रिड से मिलेगी बिजली

उत्तराखंड के चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ के आठ वाइब्रेंट विलेज के 882 घरों को सीधे ग्रिड से बिजली मिलेगी। यूपीसीएल ने इस योजना को तैयार किया है, जिसमें आईटीबीपी की 43 चौकियों को भी बिजली मुहैया कराई...

Newswrap हिन्दुस्तान, देहरादूनWed, 18 June 2025 08:30 PM
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वाइब्रेंट विलेज के 882 घरों को ग्रिड से मिलेगी बिजली

वाइब्रेंट विलेज के 882 घरों को ग्रिड से मिलेगी बिजली यूपीसीएल ने सीधे ग्रिड से बिजली पहुंचाने का प्लान किया तैयार आईटीबीपी की 43 चौकियों को भी सीधे ग्रिड से मिलेगी बिजली देहरादून, मुख्य संवाददाता। उत्तराखंड के चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ के आठ वाइब्रेंट विलेज के 882 घरों को सीधे ग्रिड से बिजली मिलेगी। इसके लिए यूपीसीएल ने प्लान तैयार कर लिया है। इन जिलों में आईटीबीपी की 43 चौकियों को भी ग्रिड से बिजली उपलब्ध कराने का इंतजाम किया जाएगा। एमडी यूपीसीएल अनिल कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देश के अनुसार सीमांत जिलों के वाइब्रेंट विलेज को बिजली से रोशन किया जाएगा।

भारत चीन सीमा से सटे आठ गांवों के 882 घरों को सीधे ग्रिड से बिजली पहुंचाने को कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। अत्यंत दुर्गम और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों तक बिजली पहुंचाने पर विशेष फोकस किया गया है। इसका लाभ आईटीबीपी की 43 चौकियों को भी मिलेगा। बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने को टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गई है। कहा कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत उत्तरकाशी जिले के पुराली गांव, पिथौरागढ जिले के नवी, कुटटी, गूंजी, गरबयांग, शीला, बलिंग और तिडांग गांव के कुल 882 घरों तक ग्रिड से बिजली पहुंचाने को चिन्हित किया गया हैं। वर्तमान में सर्वेक्षण कार्य प्रगति पर है। इसमें तकनीकी आंकलन, लाइन रूट निर्धारण, पोल लोकेशन, परिवर्तक प्लानिंग समेत अन्य बुनियादी तैयारियां की जा रही हैं। इन पहाड़ी इलाकों में मौसम की विषम परिस्थितियाँ और सीमित पहुंच होने के बावजूद, यूपीसीएल क्षेत्रीय दलों के साथ युद्धस्तर पर काम कर रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा एवं ग्रामीण सशक्तिकरण के लिहाज से ये योजना बेहद अहम है। सीमा से लगे क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता से अब न केवल आईटीबीपी चौकियों की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय नागरिकों को भी शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार समेत डिजिटल कनेक्टिविटी जैसी सुविधाओं से जोड़ा जा सकेगा। चाहे दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र हों या सीमावर्ती गांव, हर नागरिक तक विकास की रोशनी पहुंचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। अनिल कुमार, एमडी यूपीसीएल

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