जिले में 12 घंटे से लगातार बरसते रहे मेघ
सावन-भादो के महीनों में उफनाने वाली सरयू नदी इस बार जून में उफान पर आ गई है, जिससे लोग दहशत में हैं। लगातार बारिश के कारण जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया। प्रशासन ने नदी किनारे जाने से मना किया है।...

सावन-भादो में उफनाने वाली सरयू इस बार जून में उफान पर आ गई। नदी के किनारे रह रहे लोग दशहत में आ गए हैं। शनिवार को लोगों ने एक दूसरे को आवाज लगाकर जागरूक रहने को कहा। नदी का जलस्तर लगभग खतरे के निशान तक पहुंच गया है। बारिश थमने के बाद जब जलस्तर घटा तो लोगों ने राहत की सांस ली। शुक्रवार शाम करीब आठ बजे से बारिश हुई हुई तो शनिवार की सुबह आठ बजे तक लगातार होती रही। तेज बारिश के चलते सरयू नदी उफान पर आ गई। इस कारण नदी किनारे रह रहे लोग दहशत में आ गए।
रात में ही नदी का जल स्तर बढ़ने लगा था, लेकिन सुबह होते-होते नदी ने रौद्र रूप ले लिया। लोगों ने उफनाती नदी का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा करना शुरू कर दिया। लगातार बढ़ रहे जलस्तर से लोग दहशत में आ गए। उन्होंने इसकी सूचना आपदा कंट्रोल रूम और पुलिस को दी। पुलिस तथा प्रशासन ने लेागों से नदी के किनारे नहीं जाने की हिदायत दी। नौ बजे बाद नदी का जलस्तर कम होना शुरू हो गया। तब जाकर लेागों ने राहत की सांस ली। जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार बागेश्वर में 40, कपकोट में 118 और गरुड़ में 19 एमएम बारिश हुई। सरयू का जलस्तर 869 मीटर तक चला गया, जबकि गोमती का जलस्तर 863 था। बैजनाथ झील से 335.78 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। लोगों का कहना है कि सावन-भादो में सरयू के इस तरह उफान पर आना कई बार देखा है, लेकिन जून के महीने में ऐसा रौद्र रूप पहली बार देखने को मिला है।
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