हरे रामा-हरे कृष्णा की गूंज से सराबोर हुई गेवाड़ घाटी
भटकोट जगन्नाथ मंदिर से भगवान जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा की रथ यात्रा निकाली गई। यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। इस्कॉन द्वारा आयोजित यात्रा का शुभारंभ नारियल तोड़कर किया गया। भक्तों ने...
भटकोट जगन्नाथ मंदिर से भगवान जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा की रथ यात्रा निकाली गई। रथ यात्रा में काफी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। हरे रामा-हरे कृष्णा की गूंज से पूरी गेवाड़ घाटी सराबोर हो गई। शुक्रवार को इस्कॉन की ओर से आयोजित यात्रा का शुभारंभ नारियल तोड़कर किया गया। इसके बाद भगवान जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा की रथ यात्रा भटकोट के जगन्नाथ मंदिर से प्रभुनाद ध्वजों के साथ शुरू हुई। यात्रा चांदीखेत, गनाई चौखुटिया बाजार होते हुए करीब अगनेरी मंदिर पहुंची। रथ को दो विशाल मोटी रस्सियों से बांधा गया था। इसे खींचने के लिए लोगों में काफी उत्साह रहा। लोग जय-जय जगन्नाथ स्वामी, हरे रामा हरे कृष्णा जैसे भजन गाते नजर आए।
देश के विभिन्न जगहों से आए संत हारमोनियम, मृदंग, करताल, झाली के अलावा घंटा व शंख बजाते हुए यात्रा के साथ चल रहे थे। लोगों ने घरों की छतों और अन्य जगहों से भी भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए। वहीं, अगनेरी मंदिर परिसर में सुबह से ही भजन-कीर्तनों की धूम रही। मंदिर में भंडारे के साथ यात्रा का समापन हुआ। भगवान जगन्नाथ के लिए तैयार किए गए 56 भोग चौखुटिया। यात्रा शुरू होने से पहले मंदिर में भगवान जगन्नाथ ,बलदेव और सुभद्रा का शृंगार किया गया। इसके बाद शुद्ध देसी घी से बनाए गए 56 भोग परोसे गए। इसमें जीरा चावल, लेमन चावल, नारियल चावल, पालक चावल, खीर, पनीर के विभिन्न व्यंजन, फ्रूट चटनी, मीठी चटनी, टमाटर चटनी, खाजा, रसगुल्ला, पीठा लड्डू, गुलाब जामुन, बेसन लड्डू, बालूशाही, जलेबी, आटा लड्डू आदि शामिल रहे। ये रहे मौजूद जगन्नाथ यात्रा में मुख्य संयोजक संत गोविंद दास, वृंदावन से अभिराम दास, उड़ीसा से मोहन कृष्ण दास, हरियाणा से सुभानु दास, निखिल, मनीष, मनोज, निर्वतमान प्रधान गीता बिष्ट, ईश्वर खत्री, नरेश खत्री, नवीन सती, भगवत तडियाल, आनंदी, पुष्पा देवी, सौम्या, गीता काण्डपाल, दीप पंत, सीमा, जगत बौरा, गणेश काण्डपाल, आरडी नैनवाल, सुंदर तड़ियाल, मंजु भंडारी आदि रहे।
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