‘पहाड़ में औषधीय, सुगंधित फसलों की अपार संभावनाएं
भाकृअनुप-विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने पर्वतीय क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा हेतु उन्नत कृषि तकनीकों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में किसानों को औषधीय व सुगंधित फसलों,...
भाकृअनुप-विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की ओर से ‘पर्वतीय क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा हेतु उन्नत कृषि तकनीकें विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ। वैज्ञानिकों ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में औषधीय व सुंगधित फसलों की अपार संभावनाएं हैं। संजीवनी विकास व जनकल्याण समिति और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की ओर से प्रायोजित कार्य्रमम में बेतालघाट के किसानों ने प्रतिभाग किया। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में संस्थान के वैज्ञानिकों की ओर से व्याख्यान व प्रदर्शन प्रस्तुत किए गए। मंडुआ, चुआ व विभिन्न प्रकार की मक्का की वैज्ञानिक खेती, मोटे अनाजों की उन्नत सस्य क्रियाओं, बीज उत्पादन तकनीक, कीट व रोग प्रबंधन, संरक्षित तकनीक से सब्जियों के उत्पादन, जल प्रबंधन, मशरूम उत्पादन, जैविक खेती व मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन के बारे में बताया।
मशरूम उत्पादन, पर्वतीय क्षेत्रों में औषधीय व सुगंधित फसलों की संभावनाएं, ड्रोन तकनीक व कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) के गठन और प्रबंधन के बारे में भी बताया। किसानों को विभिन्न फसलों के उन्नत बीज भी वितरित किए गए। यहां डॉ अमित ठाकुर, डॉ. नवीन चंद्र गहत्याड़ी, डॉ. राजेंद्र प्रसाद मीणा आदि रहे।
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