संजय निषाद बोले- सपा ने दरवाजा बंद किया तो भाजपा के पास आया, बीजेपी बंद करेगी तो…
योगी सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने शुक्रवार को अगले विधानसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर दो टूक कहा कि सपा ने दरवाजा बंद किया तो भाजपा के पास आया था। भाजपा दरवाजा बंद करेगी तो कहीं न कहीं जाएंगे।

यूपी की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने पंचायत चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है। अगले विधानसभा चुनाव को लेकर उन्होंने दो टूक कहा कि समाजवादी पार्टी ने दरवाजा बंद किया तो भाजपा के पास आया था। अगर भाजपा दरवाजा बंद करती है तो कहीं न कहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि सतयुग में भगवान राम ने निषाद समाज की सहायता ली थी, उनकी सेना का इस्तेमाल किया था। उसी तरह भाजपा ने निषाद समाज को अपनाया है।
कानपुर में मीडिया से बात करते हुए संजय निषाद ने कहा कि भाजपा ने राम की तरह गले लगाया है। अब लक्ष्मण की तरह भाजपा का साथ दूंगा, जब तक वह अपना दरवाजा बंद न करें। 2027 और 2029 का चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ भी की। कहा कि जो काम कांग्रेस ने नहीं किया। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर दिखाया है। जनगणना हो रही है। इससे पिछड़ी व उपेक्षित जातियों को न्याय मिलेगा। उनका उत्पीड़न बंद होगा।
इटावा कथावाचक विवाद पर मंत्री ने कहा कि यह घटना अत्यंत निंदनीय है। जिसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। भारतीय संविधान सभी नागरिकों को पूजा-पाठ करने और करवाने का समान अधिकार देता है, किसी भी जाति को इससे वंचित नहीं किया जा सकता। उन्होंने अपील की कि इस मामले में अनावश्यक राजनीति न हो और दोषी किसी भी पक्ष का हो, उसे सख्त सजा दी जाए ताकि समाज में सौहार्द बना रहे।
समाजवादी और पंथनिरपेक्ष पर संसद में हो बहस
संविधान से समाजवादी और पंथनिरपेक्ष शब्द हटाने के विषय पर उन्होंने कहा कि संविधान में किसी भी संशोधन के लिए संसद का बहुमत अनिवार्य होता है, लेकिन आपातकाल के दौरान जब लोकतंत्र लगभग निलंबित था, तब कांग्रेस ने ये शब्द किस आधार पर जोड़े, यह गंभीर सवाल है। इस विषय पर संसद में बहस होनी चाहिए और यदि संसद की राय में ये शब्द आवश्यक हैं तो बने रहें, अन्यथा हटाए जाएं। लोकतंत्र में ऐसा कोई भी संशोधन जनता और संसद की सामूहिक सहमति के बिना नहीं होना चाहिए। इतिहास किताबों में नहीं लिखा गया, उसे हम अपने लहू से दोबारा लिखेंगे। मछुआ समाज को सम्मान और समृद्धि देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। कोई पीछे नहीं रहेगा।