यूपी के 16 शहरों में 51 स्मार्ट सड़कों का काम अटका, शिलान्यास टालने की सिफारिश; जानें वजह
यूरिडा ने चेताया है कि यदि बिना तैयारियों के शिलान्यास कर दिया गया तो निर्माण कार्य में अनावश्यक देरी और विवाद उत्पन्न होंगे। इस कारण सुझाव दिया है कि सभी शहरों में पहले टेंडर प्रक्रिया पूरी की जाए, अतिक्रमण हटाया जाए।उसके बाद ही कार्य का शुभारंभ हो। इन सड़कों पर कुल 1847 करोड़ रुपये खर्च होने हैं।

उत्तर प्रदेश के 16 शहरों में सीएम ग्रिड योजना के तहत प्रस्तावित 1847 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली 51 स्मार्ट सड़कों का काम अटक गया है। कहीं टेंडर प्रक्रिया में देरी हो रही है तो कहीं अतिक्रमण ने निर्माण में बाधा डाली है। अर्बन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एजेंसी (यूरिडा) ने इस स्थिति को देखते हुए इन सड़कों के शिलान्यास कार्यक्रम को कम से कम दो महीने टालने की सिफारिश की है।
यूरिडा के डिप्टी सीईओ अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने 29 मई को निर्देश दिया है कि जब तक टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक शिलान्यास न कराया जाए। यदि बिना टेंडर पूरा किए शिलान्यास हुआ, तो कार्य समय पर शुरू नहीं हो सकेगा।
यूरिडा ने कहा, पहले टेंडर प्रक्रिया पूरी हो
यूरिडा ने चेताया है कि यदि बिना तैयारियों के शिलान्यास कर दिया गया तो निर्माण कार्य में अनावश्यक देरी और विवाद उत्पन्न होंगे। इस कारण एजेंसी ने सुझाव दिया है कि सभी शहरों में पहले टेंडर प्रक्रिया पूरी की जाए, अतिक्रमण हटाया जाए और उसके बाद ही कार्य का शुभारंभ हो। इन सड़कों पर कुल 1847 करोड़ रुपये खर्च होने हैं।
इन शहरों को मिला है स्मार्ट रोड के लिए बजट
योजना के तहत 16 शहरों में कुल 51 स्मार्ट सड़कों का निर्माण प्रस्तावित है। जिन शहरों को ये सड़कें मिली है उनमें गाजियाबाद, मुरादाबाद को 6- 6, आगरा 5, अलीगढ़ 4, बरेली, झांसी, शाहजहांपुर, सहारनपुर,वाराणसी को एक-एक,फिरोजाबाद 2, गोरखपुर3, कानपुर 5, लखनऊ को 3, मथुरा 4, मेरठ 4 तथा प्रयागराज को 4 शामिल हैं।
लखनऊ को मिलीं तीन सड़कें
लखनऊ को 108 करोड़ रुपए की तीन सड़कें मिली हैं। इनमें एक सड़क महात्मा गांधी मार्ग से मोती महल तक है। इसके लिए 18.04 करोड़ स्वीकृत हुआ है। दूसरी सड़क अयोध्या मार्ग सर्विस रोड से अवध बस स्टेशन तक बनेगी। इसके लिए 23.83 करोड रुपए मिला है। जबकि तीसरी सड़क विभूति खंड मंडी परिषद के बगल से टेक्नो टावर के सामने तक, पिकप के पीछे से चंद्रा क्लिनिक तक तथा डीएलएफ से समिट बिल्डिंग तक बनाई जानी है।