क्या कथा कहने पर चोटी काट दोगे? इटावा की घटना को अखिलेश ने बताया सोची-समझी साजिश
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इटावा में भागवताचार्यों के साथ हुई अभद्रता को सोची समझी साजिश बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा कानून लेकर आए कि भागवत कथा कहने का एकाधिकार किसका है? क्या भागवत कथा सुनाने पर किसी के बाल और चोटी काट दी जाएगी।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इटावा में भागवताचार्यों के साथ हुई अभद्रता को सोची समझी साजिश बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा कानून लेकर आए कि भागवत कथा कहने का एकाधिकार किसका है? कौन भागवत कथा कह सकता है? उन्होंने कहा कि क्या भागवत कथा सुनाने पर किसी के बाल और चोटी काट दोगे। चोटी तो सम्मान का प्रतीक कही जाती है। भाजपा एक तरफ विकसित भारत और विश्व गुरु बनने का सपना दिखा रही है, दूसरी तरफ इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। कोई कुछ कहता है तो उसे सनातन विरोधी मान लिया जाता है। भगवान को जातियों में बांटने का काम किया जा रहा है, यह उचित नहीं है।
पूर्व सांसद छोटे सिंह यादव के तेरहवीं संस्कार में आए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जो वर्चस्ववादी शोषण करने वाले लोग हैं, उनकी समाज में कोई जगह नहीं होनी चाहिए। भाजपा जातियों को लड़ाने का काम कर रही है। अभी यादवों को भड़काया है। अब दूसरे समाजों को भड़काने का काम होगा।
सपा प्रमुख ने उत्तर प्रदेश के हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि जो घटनाक्रम हो रहे हैं, वे ठीक नहीं हैं। भाजपा चाहती है कि धर्म और जातियां आपस में लड़ें। यही भाजपा की नकारात्मक राजनीति करने का तरीका है। भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। हमें याद रखना होगा कि जय प्रकाश नारायण ने भ्रष्टाचार और महंगाई को लेकर संपूर्ण क्रांति का बिगुल फूंका था। उसके बाद ही हमें, आपको इमरजेंसी देखने को मिली। अखिलेश यादव ने कहा कि हम आज आपातकाल को याद कर रहे हैं, पर इस समय जो भाजपा की अघोषित इमरजेंसी चल रही है, उसे भी याद रखना चाहिए। आज के हालात ये हैं कि सच पर पाबंदी है।
इससे पहले अखिलेश यादव ने कहा था कि इटावा की घटना को शोषण करने वाले वर्चस्ववादी लोगों ने अंजाम दिया। भाजपा सपना दिखाती हैं कि हम विश्व गुरु हो गए हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी मेरी बात मानते हैं, लेकिन इटावा जैसी घटनाएं समाज में बेहद निंदनीय है। ऐसी सभी घटनाये भाजपा सरकार में हो रहीं हैं।