यूपी का एक ऐसा गांव, जहां आजादी के बाद पहली बार पुलिस में भर्ती हुआ युवक, ट्रेनिंग से पहले मना जश्न
ज्वाइनिंग लेटर मिलने के बाद यूपी पुलिस भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों के घरों में इन दिनों खुशी का माहौल है। सबसे ज्यादा खुशहाली वहां है, जिसे गांव से पहला युवक यूपी पुलिस में भर्ती हुआ है।
ज्वाइनिंग लेटर मिलने के बाद यूपी पुलिस भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों के घरों में इन दिनों खुशी का माहौल है। सबसे ज्यादा खुशहाली वहां है, जिसे गांव से पहला युवक यूपी पुलिस में भर्ती हुआ है। यूपी के बदायूं जिले के दियोहरा शेखपुर गांव का नजारा भी इन दिनों कुछ ऐसा ही है। यहां आजादी के बाद पहली बार एक युवक का पुलिस भर्ती में चयन हुआ तो परिवार के अलावा पूरा गांव ही खुशी से झूम उठा। पूरे गांव के लोगों ने युवक के पुलिस भर्ती चयन का जश्न मनाया। पुलिस में चयनित युवक जब ट्रेनिंग के लिए हरदोई रवाना हुआ तो गांव के लोगों ने नोटों संग फूलों की माला पहनाकर विदाई दी। युवक के चयन को लेकर गांव में खुशी का माहौल है।
गांव दियोहरा शेखपुर निवासी किसान चंद्रप्रकाश सिंह के दो बेटे हैं। बड़े बेटे राहुल का यूपी पुलिस में चयन हो गया है। मंगलवार को जब वह हरदोई ट्रेनिंग के लिए रवाना हो रहा था तो परिवार के साथ-साथ गांव के लोगों ने फूलमाला संग नोटों का हार पहनाकर व बैंडबाजे के साथ गांव में घुमाकर विदा किया। राहुल ने हाईस्कूल की परीक्षा मां शारदा इंटर कॉलेज पड़रिया एवं इंटर की परीक्षा प्रमोद इंटर कॉलेज सहसवान से पास की। राहुल की सफलता पर गांव में जश्न का माहौल है। गांव के लोगों का कहना है कि यह पुलिस की नौकरी करने वाला पहला युवक होगा, क्योकि अभी तक इस गांव में यूपी पुलिस में कोई नहीं लगा है।
युवाओं के लिए प्रेरणाश्रोत राहुल
राहुल के पुलिस में भर्ती होने से अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा मिलेगी। ग्रामीणों का कहना है कि राहुल के पुलिस में भर्ती होने से गांव के अन्य युवा प्रेरणा लेंगे और इसी तरह कामयाबी हासिल करेंगे।
मेहनत और लगन से मिलेगी मंजिल
राहुल का कहना है कि मैं एक छोटे से गांव से आता हूं। मैं जब पढ़ता था तब मेरे मन में पुलिस में भर्ती होने की इच्छा जागृत हुयी थी। मेरी कड़ी मेहनत के बाद मुझे सफलता मिल गयी है। किसान का बेटा होने के बाद भी मैंने कामयाबी हासिल की है। युवा लक्ष्य प्राप्त न होने तक प्रयास जारी रखें। मेहनत और लगन से हर मंजिल पा सकते हैं। राहुल ने माता, पिता के साथ ही अपनी कामयाबी का श्रेय गांव के लोगों को दिया है।