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यूपी और एमपी के बीच पर्यटन सर्किट बनेगा

Varanasi News - एमपी के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि यूपी और एमपी में पर्यटन और निवेश की विशाल संभावनाएँ हैं। दोनों राज्यों के प्रमुख धार्मिक स्थलों को जोड़कर एक पर्यटन सर्किट बनाने पर विचार हो रहा है,...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीSat, 28 June 2025 04:01 AM
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यूपी और एमपी के बीच पर्यटन सर्किट बनेगा

वाराणसी, कार्यालय संवाददाता। एमपी के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश पर्यटन और निवेश की असीम सम्भावनाएं हैं। काशी विश्वनाथ, महाकालेश्वर और ओमकारेश्वर धाम समेत यूपी और एमपी के प्राचीन मंदिरों को जोड़कर पर्यटन सर्किट (पर्यटन कॉरिडोर) बनाने पर विचार चल रहा है। इसका उद्देश्य श्रद्धालुओं और पर्यटकों एक ही विजिट में सभी जगहों पर दर्शन-पूजन तथा भ्रमण करना है। उपमुख्यमंत्री शुक्रवार शाम लालपुर-पांडेयपुर स्थित एक तारांकित होटल में मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम ‘रोड-शो में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में एमओयू हुआ है।

इससे न केवल पर्यटन सर्किट के जरिए बाबा विश्वनाथ, बाबा महाकाल और ओंकारेश्वर धाम जुड़ेंगे बल्कि बुद्ध सर्किट के विकास में भी तेजी आएगी। जिससे धार्मिक पर्यटन के विस्तार के साथ ही रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। कहाकि भोपाल, ग्वालियर, माधोगढ़ समेत अन्य शहरों में स्थित नेशनल पार्कों तक हेलीकाप्टर सेवा शुरू करने पर भी विचार चल रहा है। इसी कड़ी में रीवां में 26 और 27 जुलाई को रीजनल समिट का भी आयोजन किया गया है। मध्य प्रदेश के प्रमुख सचिव (पर्यटन) और टूरिज्म बोर्ड के एमडी शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘देखो अपना देश नारा दिया है लेकिन इसमें ‘पहले उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जोड़कर पर्यटन उद्योग को नई दिशा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों की खूबियों को मिलाने, पर्यटन को बढ़ाने की सम्भावनाएं तलाशने और सुविधाएं विकसित करने की कार्ययोजना बन रही है। प्रमुख सचिव ने कहा कि 25 मई को लखनऊ में रोड-शो किया गया। जिसमें यूपी के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह समेत आला अफसर शामिल हुए। अब वाराणसी में यह आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद मध्य प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। वर्ष 2024 में यह संख्या 13.33 करोड़ से ज्यादा पहुंच गई। इस मौके पर कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव और संतोषाचार्य सतुआ बाबा, फिक्की के प्रतीक हीरा, डीडी (टूरिज्म) युवराज पटौदी, श्रीराम तिवारी समेत व्यवसायी, टूर ऑपरेटर्स, ट्रैवल एजेंट्स और होटल इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने भाग लिया। गंगा-नर्मदा कॉरिडोर से खुलेगी पर्यटन की नई राह प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के पर्यटन में काफी समानता है। प्रस्तावित गंगा और नर्मदा पर्यटन कॉरिडोर परियोजना के तहत दोनों प्रदेशों के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ा जाएगा। प्रयागराज, अयोध्या, वाराणसी, ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर से गुजरने वाले इस गलियारे में दोनों राज्यों के बीच पर्यटन सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। पर्यटकों को एक समृद्ध और विविध अनुभव मिलेगा साथ ही धार्मिक, सांस्कृतिक, स्वास्थ्य और विरासत पर्यटन को आकर्षित में सहयोग प्राप्त होगा।

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