काशी में जल संरक्षण का संदेश देंगे शिव
Varanasi News - वाराणसी के दुर्गाकुंड स्थित क्षेत्रपालेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव की एक ध्यान मूर्ति बनाई जा रही है, जो जल संरक्षण का संदेश देती है। इसमें जटाओं से निकलने वाला गंगाजल संग्रहीत किया जाएगा। पुजारी...

वाराणसी, मुख्य संवाददाता। काशी के दुर्गाकुंड स्थित क्षेत्रपालेश्वर महादेव मंदिर में बनाई जा रही भगवान शिव की ध्यान मूर्ति जल संरक्षण का संदेश देती नजर आएगी। हरिद्वार की विशाल शिवमूर्ति की इस लघु प्रतिकृति में शिव की जटाओं से निकलने वाली गंगधार की एक-एक बूंद संचित करने की व्यवस्था की गई है। दूसरी खास बात यह कि मंदिर के पुजारी वर्ष में दो बाद गंगोत्री और त्रिवेणी संगम से गंगा जल लाएंगे जो मूर्ति की जटाओं से प्रवाहित होती दिखेगी। नगर के वरिष्ठ मूर्ति शिल्पी अभिजीत विश्वास ने भगवान शिव की यह मूर्ति बनाई है। इसमें भगवान शिव ध्यानावस्था में कैलाश पर्वत पर बैठे दिख रहे हैं।
निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। अब सिर्फ रंग-रोगन का कार्य ही शेष है। अभिजीत विश्वास ने बताया कि काशी में अपने तरह की यह इकलौती कृति है। भगवान शिव की मूर्ति के नीचे जल संचय के लिए एक टंकी बनाई गई है। इसमें लगी पाइप से गंगोत्री और त्रिवेणी संगम का जल भगवान शिव की जटा से निकलता दिखेगा। यह जल प्रतीकात्मक कैलाश पर्वत पर गिरेगा। पर्वत के निचले हिस्से को ऐसे घेरा गया है कि इसमें गिरने वाला जल पुन: टंकी में चला जाएगा और वही जल पुन: शिव की जटाओं से बाहर आएगा। मंदिर के पुजारी पं. परमानंद पाठक ने बताया कि वह 24 वर्षों से लगातार प्रत्येक चैत्र और शारदीय नवरात्र में गंगोत्री की यात्रा पर जाते हैं। अब वह जाएंगे तो वहां से बड़े गैलन में गंगोत्री का जल लाएंगे। लौटते समय प्रयाग संगम का जल भी लेकर आएंगे। उन्होंने बताया कि सावन के प्रथम सोमवार पर 14 जुलाई को मूर्ति की चल प्रतिष्ठा कराई जाएगी। ताकि भविष्य में किसी कारण से मूर्ति को उसके स्थान से हटानी पड़े तो कोई धार्मिक बाधा न हो। इस अवसर पर 15 जुलाई को विशाला भंडारा भी होगा।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।