बोले काशी : ‘विकास ढूंढ़ रहा कॉलोनी में पहुंचने का रास्ता
Varanasi News - वाराणसी के शिवाजी नगर कॉलोनी में नागरिकों को बुनियादी सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। सड़कें खस्ताहाल हैं, सीवर लाइन और पेयजल की व्यवस्था नहीं है। इसके चलते बीमारियां बढ़ रही हैं और सुरक्षा...
वाराणसी। वाराणसी के नवशहरी इलाके अजीब त्रासदी से गुजर रहे हैं। बुनियादी सुविधाएं हैं नहीं। इनके लिए योजनाएं बनती हैं तो धनाभाव बड़ी बाधा बन जाता है। फिर, किसी कॉलोनी में बाकी सुविधाएं छोड़िए, कायदे की सड़क भी न हो तो नागरिकों की दिक्कतें, उनका क्षोभ समझा जा सकता है। यह हाल छित्तूपुर (लंका) क्षेत्र की शिवाजी नगर कॉलोनी का भी है। वहां उबड़-खाबड़ सड़क के चलते कई लोगों को पीठ एवं कमर दर्द की बीमारी हो गई है। नागरिकों का सवाल है कि सड़क ही नहीं तो ‘विकास यहां तक पहुंचेगा कैसे? तीन फेज में बसी शिवाजी नगर कॉलोनी में 600 से अधिक मकान हैं।
लगभग 300 मकान तीसरे फेज में हैं। यहां की आबादी लगभग दो हजार है। कॉलोनी में ही श्री स्वामी नारायणानंद तीर्थ वेद विद्यालय भी है। यहां 180 बटुक वेद की शिक्षा ले रहे हैं। यहां सड़क बनी ही नहीं है। ‘हिन्दुस्तान के साथ परेशानियां साझा करने को जुटे नागरिकों ने कहा कि नगर निगम में शामिल होने के बाद सड़क बनने की उम्मीद थी लेकिन आज भी इंतजार ही हो रहा है। जमुना प्रसाद दुबे ने कहा, कहने को हमारी कॉलोनी शहरी है। बुनियादी सुविधाएं कोसों दूर हैं। सतीश कुमार ने बताया कि कॉलोनी की कच्ची एवं असमतल सड़क पर आवागमन बीमार बना रहा है। लोगों में पीठ दर्द की शिकायतें बढ़ गई हैं। हर घर में हड्डी का कोई न कोई रोगी मिल जाएगा। किसी बीमार को अस्पताल ले जाने में झटका लगता है। रिंकू पांडेय, वरुणेशचंद्र दीक्षित, पिंटू श्रीवास्तव ने ध्यान दिलाया कॉलोनी में न पेयजल की सुविधा है, न सीवर लाइन बिछी है। बिजली के पर्याप्त पोल नहीं हैं। बारिश के दिनों में जलजमाव की विकट समस्या खड़ी हो जाती है। पुर्णेंदु दीक्षित, मनोज सिंह, सुनील पाठक ने कहा कि मेयर-पार्षद के साथ ही विभाग से सड़क बनवाने की मांग की गई, लेकिन अब तक आश्वासन ही मिला है। पानी की पाइप लाइन नहीं पहुंची अजित मिश्रा, अनिल सिंह, विजय पाठक ने बताया कि कॉलोनी में पेयजल की पाइप लाइन नहीं है। सबमर्सिबल और हैंडपंप के सहारे पानी की जरूरत पूरी होती है। जो लोग सबमर्सिबल नहीं लगवा सके हैं, वे पानी के लिए पड़ोसियों पर निर्भर रहते हैं। अशोक सिंह, संजय त्रिपाठी ने कहा कि शहर का विस्तार कर नए वार्ड बना दिए गए लेकिन सुविधाओं की प्लानिंग नहीं हुई। अगर शुद्ध पानी भी न मिल पाए तो कैसा विकास। मार्कंडेय पांडेय ने कहा कि शहर में सबसे उपेक्षित शायद यही कॉलोनी है। बरसात में साथ नहीं देते सोकपिट शिवाजी नगर में सीवर लाइन नहीं है। सोकपिट के सहारे मलजल का निस्तारण होता है। यह व्यवस्था बारिश के दिनों में धराशायी हो जाती है। जलजमाव का असर सोख्ता टैंकों तक पहुंच जाता है। फिर, 10 दिन या कभी-कभी एक माह तक गंदगी और बदबू से कॉलोनी की हर गली परेशान दिखती है। पिंटू श्रीवास्तव, मनोज सिंह ने बताया कि कई बार जिम्मेदारों के सामने यह समस्या रखी गई लेकिन समाधान नहीं हुआ। विजय पाठक ने कहा कि कॉलोनी के सैकड़ों मकानों के लिए सीवर लाइन न होना बड़ी समस्या है। गांवों से भी बदतर स्थिति है। मच्छर बजाते हैं बंसी शिवाजी नगर में मच्छर हर शाम न अपनी सरगम छेड़ते हैं बल्कि चैन की बंसी भी बजाते हैं क्योंकि चौतरफा गंदगी के चलते उन्हें मुफीद माहौल मिलता है। जमुना प्रसाद दुबे ने कहा कि कभी झाड़ू लगती नहीं। कूड़ा-कचरा उठाने और उनके निस्तारण की कौन सोचे? सतीश कुमार ने कहा, कॉलोनी की गलियों में घूम लीजिए। नगर निगम की संवेदनशीलता का अंदाज लग जाएगा। दीनदयाल, तारा सिंह सेठ ने कूड़ा रखने के लिए कॉलोनी में कंटेनर की व्यवस्था कराने पर जोर दिया। दिखाया कि अभी खाली प्लाट से राहत है। जब यहां भी मकान बन जाएंगे, तब मुश्किल होगी। नशेड़ी फलाते हैं अराजकता कॉलोनी में नशेड़ियों का जमावड़ा लगता है। नशेड़ी अराजकता फैलाते हैं। अशोक सिंह, संजय त्रिपाठी, रतनेश कुमार ने बताया कि कॉलोनी के आसपास की दुकानों पर नशे की सामग्रियां बिकती हैं। कई बार पुलिस से शिकायत भी हुई है लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। त्रिलोकीनाथ चतुर्वेदी, प्रमोद पांडेय ने बताया कि पुलिस गश्त नहीं होती है। इससे चोरी की घटनाएं भी बढ़ गई हैं। आए दिन कहीं न कहीं चोरी होती है। अगर प्रतिदिन पुलिस गश्त हो तो अराजकता और चोरी की घटनाओं में कमी आएगी। पर्याप्त पोल और स्ट्रीट लाइटें नहीं कॉलोनी में बिजली के पर्याप्त पोल नहीं हैं। तार इधर-उधर लटक रहे हैं। बारिश के दिनों में करंट फैलने का खतरा रहता है। अजित मिश्रा, अनिल, विजय ने बताया कि अक्सर शॉर्ट-सर्किट होती है। इससे बिजली आपूर्ति भी बाधित होती है। अनिल सिंह, विजय पाठक, सतीश ने आशंका जताई ढीले तारों से हादसा हो सकता है। उन्होंने बताया कि कॉलोनी में स्ट्रीट लाइटें भी पर्याप्त संख्या में नहीं हैं। कुछ लोगों ने अपने घरों के सामने लाइट लगवाई है मगर उनसे पूरा रास्ता जगमग नहीं हो पाता। दर्द भरे बयां सड़क न होने से सुगम आवागमन बड़ी समस्या है। लोगों को बाहर निकलने के लिए सोचना पड़ता है। - रिंकू पांडेय नगर निगम में शामिल होने के बाद भी ज्यों की त्यों बनी हैं। बुनियादी सुविधाओं के लिए चक्कर लगाना पड़ रहा है। - मार्कंडेय पांडेय किसी बीमार को अस्पताल ले जाना हो तो उसे सड़क से झटके लगते हैं। वाहनों के पलटने का खतरा रहता है। - जमुना प्रसाद दुबे कॉलोनी में पेयजल की पाइपलाइन नहीं है। सबमर्सिबल सभी नहीं लगवा पाए हैं। हैंडपंप बहुत उपयोगी नहीं हैं। - अशोक सिंह कॉलोनी में सीवर लाइन नहीं बिछी है। सोकपिट के सहारे मलजल का निस्तारण होता है। यह व्यवस्था पर्याप्त नहीं है। -अरविंद पाठक स्वच्छता अभियान केवल सड़कों पर ही दिखता है। कॉलोनियों और गलियों में सफाई लुंज-पुंज है। -नरेंद्र पांडेय कॉलोनी के खाली प्लॉटों में नशेड़ियों का जमावड़ा लगता हैं। कई बार शिकायत के बाद भी पुलिस ध्यान नहीं देती। -सुनील पाठक कई लोगों के घरों से तार गुजर रहे हैं। बारिश के दिनों में करंट का खतरा रहता है। शॉर्ट-सर्किट भी होती है। -मनोज सिंह पुलिस गश्त न होने से चोरी की घटनाएं भी बढ़ गई हैं। आए दिन कहीं न कहीं चोरी होती है। - पुर्णेंदु दीक्षित प्रतिदिन पुलिस गश्त हो तो अराजकता और चोरी की घटनाओं में कमी आएगी। लोगों में सुरक्षा का भाव जगेगा। - पिंटू श्रीवास्तव ............................ सुझाव और शिकायतें शिकायतें 1- नगर निगम में शामिल होने के बाद भी सड़क नहीं बन रही है। इस रास्ते से चलना लोगों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। 2-कॉलोनी में सीवर लाइन नहीं है। अभी सोकपिट के सहारे गंदा पानी निस्तारित होता है। बरसात में यह व्यवस्था काम नहीं करती। 3- बिजली के पर्याप्त पोल नहीं हैं। स्ट्रीट लाइटें भी नहीं हैं। रात के अंधेरे में आवागमन मुश्किल होता है। 4- कॉलोनी में न झाड़ू लगती है, न ही कूड़ा उठान होता है। इससे न सिर्फ गंदगी फैल रही है, बल्कि बीमारियां भी हो रही हैं। 5- कॉलोनी में अराजकतत्वों का जमावड़ा होता है। कई बार पुलिस से शिकायत हुई लेकिन समाधान नहीं निकला। कॉलोनीवासी परेशान हैं। सुझाव 1-कॉलोनी में जल्द से जल्द सड़क का निर्माण कराया जाए ताकि लोगों को आवागमन में सहूलियत हो। बटुकों को भी राहत मिलेगी। 2- सीवेज समस्या का समाधान हो। इसके लिए सीवरलाइन बिछाई जानी चाहिए। इससे कॉलोनीवासियों को राहत मिलेगी। 3- कॉलोनी में जरूरत के अनुसार पोल लगाया जाए। घरों से तार हटाया जाए। इसके साथ ही पोल पर पर्याप्त स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था हो। 4- प्रतिदिन झाड़ू लगे और कूड़ा उठान भी हो। इससे स्वच्छता अभियान को बल मिलेगा। लोग खुले में कूड़ा फेकेंगे से बचेंगे। 5-अराजक तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो। कॉलोनी में प्रतिदिन पुलिस गश्त होनी चाहिए। जाए। इससे नागरिकों में सुरक्षा का भाव आएगा और शांति भी रहेगी।
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