अच्छी खबर: बनारस को ट्रिपिंग से बचाने को लगेगा स्काडा

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम शहर की बिजली व्यवस्था को हाईटेक व नो-ट्रिपिंग करने की तैयारी में जुटा है। विदेशों की तर्ज पर बनारस में भी बिजली व्यवस्था अब स्काडा (सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्वेजीशन)...

वाराणसी। कार्यालय संवाददाता Wed, 15 Aug 2018 01:20 PM
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अच्छी खबर: बनारस को ट्रिपिंग से बचाने को लगेगा स्काडा

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम शहर की बिजली व्यवस्था को हाईटेक व नो-ट्रिपिंग करने की तैयारी में जुटा है। विदेशों की तर्ज पर बनारस में भी बिजली व्यवस्था अब स्काडा (सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्वेजीशन) सिस्टम से कंट्रोल होगी। पॉवर कॉरपोरेशन ने इसके लिए निगम को स्काडा लगाने के लिए अनुमति दे दी है। इसके तहत अगर किसी फीडर के अंतर्गत फॉल्ट या कटौती होती है तो स्काडा उसे ऑटोमैटिक दूसरे फीडर से जोड़कर आपूर्ति शुरू कर देगा। 

छोटी सी छोटी खराबी होने पर भी फाल्ट लोकेट न होने से घंटों बिजली गुल रहती है। वर्तमान में फाल्ट आने पर सब स्टेशन या फीडर बंद हो जाता है। क्योंकि ट्रिपिंग सिस्टम उपकेन्द्र या फीडर पर लगा होता है। इससे निजात दिलाने के लिए विभाग ने वायरलेस सिस्टम के जरिए फाल्ट पकड़ने की कवायद शुरू की। हालांकि स्काडा की तैयारी इसके पहले 2011 में भी हुई थी। उस दौरान मुख्य अभियंता कार्यालय के समीप कस्टमर केयर सेंटर भवन के प्रथम तल पर स्थापित किया जाना था। लेकिन किन्हीं कारणों में परियोजना अधर में लटक गई। इसे शुरू कराने के लिए एमडी अतुल निगम काफी दिनों से प्रयासरत थे। पिछले सप्ताह पावर कॉर्पोरेशन ने 76.3 करोड़ की परियोजना को हरी झंडी दे दी।

क्या है स्काडा सिस्टम 
- स्काडा सिस्टम एक कंट्रोल रूम से चालित होगा 
- सिस्टम से उपकेन्द्रों, फीडरों, ट्रांसफॉर्मरों एवं पोल के साथ वितरण लाइनों को आरएमयू से एक-दूसरे में जोड़ा जाएगा
- शहर के 1400 स्थानों आरएमयू लगाए जाएंगे 
- हर आरएमयू का अलग-अलग कोड नंबर होगा 
- इन्ही चिह्नित स्थानों पर दर्जनों टॉवर लगेंगे 
- कम्यूनिकेशन, सर्वर, यूपीएस आदि रूम बनाए जाएंगे

क्या होगा फायदा 
इसके तहत ऐसा सर्किट बनाया जाएगा ताकि किसी भी फीडर के अंतर्गत कोई फॉल्ट आने पर वह पड़ोस के फीडर या उपकेंद्र से स्वत: जुड़ जाएगा और आपूर्ति बाधित नहीं होगी। 

ऐसे होगी मॉनीटरिंग
स्काडा में स्थापित बंद कमरे ही कम्प्यूटर स्क्रीन पर उपभोक्ताओं की गतिविधियों और बिजली व्यवस्था पर पैनी नजर रखी जाएगी। किसी क्षेत्र में फॉल्ट आने पर उसकी जानकारी कम्प्यूटर स्क्रीन पर तत्काल दिखेगी। एमडी अतुल निगम ने बताया कि स्क्रीन पर यह भी दिखेगा कि किस कोड नंबर के आरएमयू वाले क्षेत्र में फाल्ट है। तब तैनात कंट्रोल अफसर क्षेत्र के संबंधित अभियंता को इसकी सूचना देगा और जब तक फाल्ट दूर नहीं हो जाएगी तब तक मानीटरिंग करता रहेगा।

निर्बाध आपूर्ति के लिए स्काडा को अतिशीघ्र चालू कराने का प्रयास है। कॉर्पोरेशन की अनुमति मिलने के बाद स्काडा की मदद से पूरे शहर को नो-ट्रिपिंग करने में काफी मदद मिलेगी। 
- अतुल निगम, प्रबंध निदेशक-पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि.

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