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बोले काशी - एसटीपी के पानी से कॉलोनी बनी ताल, जनजीवन बेहाल

Varanasi News - वाराणसी के बुद्ध नगर कॉलोनी में बारिश के कारण सैकड़ों मकान पानी से घिरे हुए हैं। 200 से अधिक मकानों में रहने वाले हजारों लोग परेशान हैं। कॉलोनी में न तो पेयजल पाइपलाइन है और न ही सीवर व्यवस्था। नगर...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीFri, 20 June 2025 01:14 AM
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बोले काशी - एसटीपी के पानी से कॉलोनी बनी ताल, जनजीवन बेहाल

वाराणसी। सारनाथ दुनिया भर के पर्यटन मानचित्र का महत्वपूर्ण बौद्ध स्थल है। सारनाथ में विश्व प्रसिद्ध चौखंडी स्तूप भी ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत मायने रखता है। लेकिन इसी स्तूप से कुछ दूर बुद्ध नगर कॉलोनी में सैकड़ों मकान पानी से घिरे हुए हैं। दो दिनों से बारिश होने से समस्याएं बढ़ गई हैं। घरों में सांप निकल रहे हैं, गोह ने डेरा डाल रखा है। महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चे डरे सहमे हुए हैं। किसी अनहोनी की आशंका से हजारों लोग चिंतित हैं। साल 2009-10 में बसी इस कॉलोनी में 450 से अधिक मकान हैं। उनमें ढाई हजार से ज्यादा परिवार रहते हैं।

इस समय 200 से अधिक मकान पानी से घिरे हुए हैं। ‘हिन्दुस्तान से बातचीत में मनीष सिंह, संदीप यादव, विशाल सिंह, शशि श्रीवास्तव ने बताया कि सन-2018 से एसटीपी के पानी से कॉलोनी जलमग्न हो रही है। इन दिनों भी खाली प्लॉट समेत सड़कें डूब गई हैं। आवागमन अवरुद्ध हो गया है। उन्होंने बताया कि पार्षद से कई बार शिकायत की गई है। राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल को भी इस समस्या की जानकारी है। लेकिन अब तक समाधान नहीं मिला है। इंदु दीक्षित, पुष्पा यादव, अभय सिंह, चंदा सिंह, इंदु यादव ने एक स्वर से कहा कि हम लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो गई है। जरूरी सामान लेने बाजार नहीं जा पा रहे हैं। पानी भरा होने के कारण डोर टू डोर कूड़ा उठाने वाली गाड़ी नहीं आ पा रही है। घरों में ही कचरा पड़ा हुआ है। कॉलोनी के लोगों का यह दर्द भी है कि एक दशक से अधिक समय से नगर निगम को गृहकर दे रहे हैं। लेकिन सफाई जैसी बुनियादी सुविधा भी नहीं मिलती हैं। विशाल सिंह ने कहा कि लगता है नगर निगम हमलोगों को शहरवासी नहीं मानता, केवल करदाता के रूप में देखता है। नगर निगम का अटपटा जवाब कॉलोनी के विशाल कुमार सिंह ने नगर निगम में 18 अक्तूबर 2023 को नाला सफाई के संबंध में शिकायत की था। तब नगर निगम के सफाई निरीक्षक महेंद्र यादव ने जवाब दिया था कि कॉलोनी में नगर निगम का कोई नाला नहीं है बल्कि सिंचाई विभाग की नहर है। इसलिए इस शिकायत का निस्तारण सिंचाई विभाग करा सकता है। पेयजल लाइन का नेटवर्क नहीं विपुल यादव के मुताबिक डेढ़ दशक से शहर का हिस्सा होने के बाद भी लोगों से सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। कॉलोनी में अब तक पेयजल लाइन नहीं बिछाई गई है। लोगों ने कहा कि जल निगम ने अमृत मिशन में घर-घर नल योजना में भी यहां काम नहीं कराया जबकि वार्ड के कई हिस्सों में पानी पहुंच गया है। सीवर पाइप लाइन नहीं बिछी बुद्ध नगर कॉलोनी में सीवर लाइन नहीं बिछाई गई है। नगर निगम, जलकल विभाग के पास मकानों का पूरा डाटा है। कॉलोनी में ज्यादातर मकानों का निर्माण हो गया है लेकिन विकास अब तक यहां नहीं पहुंचा है। अजित कुमार सिंह, इंदू यादव ने कहा कि घर से कुछ दूर मुख्य मार्ग पर विकास की चमक दिखाई देती है लेकिन कॉलोनी तक उसका प्रकाश नहीं पहुंचा है। सिंचाई विभाग पर ओढ़ाया कंबल बुद्ध नगर के नागरिक जल निगम में जब भीशिकायत करते हैं तो उनको एक ही जवाब मिलता है कि सिंचाई विभाग इसमें बाधा बन रहा है। बुधवार को स्थानीय निवासियों ने गोइठहां एसटीपी परिसर में जाकर शिकायत की लेकिन उनको यही जवाब मिला। जल निगम के अधिकारियों ने कुछ कर पाने में असमर्थता और विवशता जताई। सुझाव - कॉलोनी में जल्द पेयजल पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू किया जाए। करदाता होने आभास होना चाहिए। - कॉलोनी में सीवर का पाइप बिछाया जाए। 400 से ज्यादा मकानों को यह सुविधा जल्द मिलनी चाहिए। - बुद्ध नगर में नियमित रूप से सफाई शुरू होनी चाहिए। सफाई कर्मचारी झाड़ू लगाएं और सड़कों से कूड़ा भी उठाएं। - कॉलोनी में जल्द से जल्द स्ट्रीट लाइटें लगवाई जाएं। कॉलोनी के लोगों को बहुत राहत मिलेगी। - कॉलोनी की बदहाल सड़कों की मरम्मत कराई जाए। इस बारिश में तो उम्मीद नहीं है लेकिन मानसून के बाद नगर निगम राहत दिला सकता है। शिकायतें - कॉलोनी में अब तक पेयजल पाइप नहीं बिछाई गई है। इससे पेयजल किल्लत बनी रहती है। - कॉलोनी में सीवर पाइप नहीं बिछाई गई है। इस कारण सीवेज का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। - बुद्ध नगर में सफाई कर्मचारी नहीं आते हैं। दीवाली, होली जैसे पर्वों पर भी झाड़ू नहीं लगती है। - कॉलोनी में स्ट्रीट लाइट नहीं है। कुछ जगह पोल लगे हैं लेकिन लाइटें नहीं हैं। नगर निगम में शिकायतों का फायदा नहीं मिला। - कॉलोनी की सड़कें खस्ताहाल हैं। बारिश में स्थित और खराब हो गई है। वाहन पलटने से लोग चोटिल होते हैं। किसे सुनाएं हाल सैकड़ों मकान एसटीपी से छोड़े गए पानी से घिर गए हैं, हजारों लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो गई है। मनीष सिंह गैस पाइप लाइन तो कॉलोनी में आ गई लेकिन पानी और सीवर की पाइप नहीं बिछाई गई है। रुद्र सिंह जल निगम शोधित जल शारदा नहर में पानी न छोड़ने की बात कह कर पल्ला झाड़ लेता है। संदीप यादव घर में सांप निकल रहे हैं। परिवार के लोग किसी अनहोनी से हमेशा डरे रहते हैं। विपुल यादव पहले एसटीपी का जल शारदा नहर में जाता था, अब न जाने क्यों कॉलोनी में छोड़ा जा रहा है। गिरिजाशंकर पाठक ऊपर से बारिश और नीचे एसटीपी से छोड़ा गया पानी आफत बन गया है। बहुत परेशानी हो रही है। विशाल सिंह सैकड़ों परिवार घर से बाहर ही नहीं निकल पा रहे हैं। जरूरी सामान उपलब्ध नहीं हो रहा है। शशि श्रीवास्तव कुछ दिन में स्कूल खुलने वाले हैं। बच्चों को कैसे स्कूल भेजेगें, यह गंभीर चिंता सता रही है। पुष्पा यादव कॉलोनी में स्ट्रीट लाइट नहीं लगी है। शाम को अंधेरे के कारण घर से निकलना मुश्किल होता है। चंदा सिंह हमलोग नगर निगम को वर्षों से गृहकर दे रहे हैं लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है यहां। इंदु दीक्षित कॉलोनी की सड़कें बदहाल हैं। कच्ची सड़कों के कारण अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं। अजित सिंह कॉलोनी में कभी सफाई कर्मचारी नहीं आते, स्वच्छता अभियान यहां के निवासियों के लिए नहीं है। गौरव सिसोदिया बोले जिम्मेदार किसी कॉलोनी में नहीं जा रहा पानी गोइठहां एसटीपी से ड्रेन के माध्यम से पानी ऊंदी ताल में छोड़ा जाता है। शोधित जल किसी भी कॉलोनी में नहीं जा रहा है। सिंचाई विभाग ने शारदा नहर में पानी छोड़ने से मना किया है। पूर्व में सिंचाई विभाग ने जल निगम के अधिकारी पर मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। कमल कुमार सिंह, अधिशासी अभियंता, जल निगम (नगरीय) बुद्ध नगर में गोइठहां एसटीपी से पानी छोड़ा जाता है। जल निगम के अधिकारी यहां पानी छोड़ने के संबंध में सिंचाई विभाग द्वके निर्देश का हवाला देते हैं। इस संबंध में जल निगम को फिर प्रस्ताव दिया जाएगा। समस्या समाधान का प्रयास होगा। अभय पाण्डेय, पार्षद नहर में एसटीपी का पानी नहीं छोड़ सकते शारदा सहायक नहर में गोइठहां एसटीपी का शोधित जल छोड़ने का कोई प्रावधान नहीं है। जल निगम की ओर से लगातार पानी छोड़ने से नहर किनारे के किसानों को काफी क्षति हुई थी। इसके लिए जल निगम को मना किया गया था। नगर निगम और जल निगम को कई पत्र भी लिखे गए। न मानने पर मुकदमा दर्ज कराया गया था। विपिन कुमार, एक्सईएन, शारदा सहायक नहर जौनपुर खंड, सिंचाई विभाग

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