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बोले काशी : स्वामीजी की यादें हों जीवंत, जाम-अतिक्रमण से मिले निजात

Varanasi News - वाराणसी के अर्दली बाजार में स्वामी विवेकानंद के प्रवास स्थल पर स्मारक बनाने की मांग की जा रही है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि पिछले 12 वर्षों से इस दिशा में प्रयास चल रहे हैं, लेकिन काम आगे नहीं...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीSun, 22 June 2025 02:47 AM
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बोले काशी : स्वामीजी की यादें हों जीवंत, जाम-अतिक्रमण से मिले निजात

वाराणसी। कोई मोहल्ला सिर्फ नागरिकों की रिहाइश नहीं होता। उससे इतिहास भी लिपटा होता है। अर्दली बाजार भी इतिहास का वह अध्याय है जिसके बिना पुरातन, दिव्य-भव्य काशी का संस्करण अधूरा रहेगा। यहां अंग्रेजी जमाने की अदालतों के अर्दली बसे तो मोहल्ला आबाद हुआ। 123 वर्ष पहले के ‘निछद्दम वातावरण में स्वामी विवेकानंद प्रवास करने पहुंचे तो मोहल्ले के इतिहास में अविस्मणीय पृष्ठ जुड़ गया। स्थानीय वाशिंदे चाहते हैं कि स्वामीजी के प्रवास स्थल पर भव्य स्मारक का जल्द से जल्द निर्माण हो। क्षेत्र को अतिक्रमण और जाम से मुक्ति मिले। बनारस के पक्के महाल के बाहर, दो से ढाई सौ वर्ष पहले जिन इलाकों में आबादी बसी, उनमें अर्दली बाजार भी है।

कई कॉलोनियों को समेटने वाले इस मोहल्ले के मूल स्वरूप में समय के साथ काफी बदलाव आ चुका है। किसी जमाने का छोटा-सा बाजार आज मल्टी ब्रांड कंपनियों का मुख्य वाणिज्यिक केन्द्र बन चुका है। शोरूम और आकर्षक दुकानों की संख्या बढ़ती गई मगर पांच दशक पुरानी सड़क की चौड़ाई नहीं बढ़ी। इस नाते जाम और अतिक्रमण यहां की गंभीर समस्याएं भी हैं मगर इन सबसे अलग स्थानीय लोगों का फोकस दूसरे मुद्दे पर है। एलटी कॉलेज परिसर में जुटे नागरिकों ने ‘हिन्दुस्तान से बातचीत में परिसर स्थित उस प्राचीन भवन के भग्वावशेष की ओर संकेत किया जिसमें स्वामी विवेकानंद ने प्रवास किया था। यह गोपाललाल विला है। एडवोकेट रंजीत राय ने बताया कि स्वामीजी यहां 4 फरवरी 1902 को आए थे। सात मार्च को काशी से कोलकाता लौटे। एक माह से अधिक समय तक उनके प्रवास के कारण इस स्थान का महत्व है। उन्होंने बताया कि इस स्थल को स्मारक के रूप में विकसित करने के लिए विगत 12-13 वर्षों से प्रयास चल रहे हैं। उन्हें दिशा देने के लिए स्वामी विवेकानंद प्रवास स्थल संरक्षण समिति बनी है। सिमिति के संयोजक एडवोकेट विनोद पांडेय ने कहा कि 12 वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री समेत सभी प्रमुख लोगों को ज्ञापन-पत्रक दिए जा चुके हैं। बताया कि क्षेत्रीय विधायक एवं वर्तमान में प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल ने पिछले वर्ष स्वामी विवेकानंद की जयंती पर यहां स्मारक से जुड़े कार्यों का शिलान्यास किया था। मगर तब से काम आगे नहीं बढ़ सका है। स्मारक पर 25 करोड़ रुपये खर्च की योजना है। 23.66 एकड़ में बची है 13 एकड़ जमीन स्मारक संरक्षण समिति के सदस्य एवं बनारस बार के पूर्व पदाधिकारी नित्यानंद राय के मुताबिक विला का क्षेत्रफल कभी 23.66 एकड़ था। अलग-अलग कारणों से जमीन छीजती गई, अब 13 एकड़ के आसपास बची है। यहां हाल समेत 35 कमरे बने थे। परिसर में 431 फल के पौधे, 13 लकड़ी के पौधे, 12 बांस के झुरमुट थे। एक तालाब भी बनवाया गया था। उन्होंने जोर दिया कि यहां विवेकानंद धाम बने और उसकी देखरेख पुरातत्व विभाग करे। विपुल कुमार पाठक ने कहा कि राष्ट्र संत स्वामी विवेकानंदजी का इस क्षेत्र में प्रवास हमारे लिए गौरव की बात है। इसलिए हमने क्षेत्र का नाम अर्दली बाजार की जगह स्वामी विवेकानंद बाजार और जिला पुस्तकालय का नामकरण स्वामी विवेकानंद जिला पुस्तकालय करने की मांग रखी है। मनोज दुबे ने कहा कि स्वामीजी की स्मृति में स्मारक बनने से भव्य काशी में पूर्णता आ जाएगी। एलटी कॉलेज में बने पार्किंग अर्दली बाजार में लगभग चार सौ छोटी-बड़ी दुकानें हैं। शोरूमों और नर्सिंग रूम-पैथालॉजी सेंटरों की संख्या अलग है। विकास बरनवाल, आकाश श्रीवास्तव ने कहा कि सभी का ट्रैफिक लोड मुख्य रूप से भोजूबीर-कचहरी वाया अर्दल बाजार पर ही रहता है। इस रोड पर हाल के वर्षों में अतिक्रमण भी खूब होते गए हैं। शिवप्रकाश सिंह ने कहा कि आए दिन के जाम की सबसे बड़ी वजह अतिक्रमण ही हैं। जाम लगने पर बाजार से सटी कॉलोनियों की रोड वैकल्पिक मार्ग बन जाती हैं। वहीं, अर्दली बाजार पुलिस चौकी के पास चायपान और बुके की दुकानों के चलते रास्ता संकरा हो जाता है। सुबह लेबर सट्टी भी लगती है। संजय श्रीवास्तव ने कहा कि बाजार में आने वाले वाहनों के लिए एलटी कॉलेज परिसर में पार्किंग स्थल बनना चाहिए। अतिक्रमणकारियों पर हो कड़ी कार्रवाई मनीष गुप्ता, शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि खास त्योहारों, किसी वीआईपी आगमन के समय अर्दली बाजार में नगर निगम का अतिक्रमण विरोधी दस्ता सक्रिय दिखता है। बाकी दिनों में झांकने नहीं आता। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण के खिलाफ प्रभावी अभियान चले। साथ ही, दोबारा अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी होनी चाहिए। उनके मुताबिक यह क्षेत्र मेडिकल और कामर्शियल केन्द्र के रूप में दिनोंदिन विकसित होता जा रहा है। इसलिए नगर निगम के साथ प्रशासन को भी जिम्मेदारी तय करनी पड़ेगी। वनवे से दिक्कत, सड़क पर ठोकर संजय बरनवाल, विपुल पाठक ने ध्यान दिलाया कि एलटी कॉलेज से कचहरी चौराहा और कॉलेज से पुलिस लाइन चौराहा तक सड़क लंबे समय से खराब है। इस पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। एलटी कॉलेज से कचहरी चौराहा की सड़क पर दुकानें बंद होने के बाद अंधेरा छा जाता है। तब आवागमन के दौरान संभल कर न चले तो ठोकर-झटके लगना तय है। आकाश श्रीवास्तव ने ध्यान दिलाया कि एलटी कॉलेज से कचहरी चौराहा के बीच वनवे ट्रैफिक का प्रतिबंध का दुरुपयोग भी हो रहा है। मिष्ठान्न एवं चाट की दुकानों में आने वाले ग्राहक अपने वाहन सड़क पर ही खड़ा कर देते हैं। इससे अक्सर जाम लगता है। वहीं, वनवे के चलते कई दुकानों पर सन्नाटा नजर आता है। मनोज दुबे ने कहा कि वनवे का प्रतिबंध क्यों लगा है, इससे किसे लाभ हो रहा है-यह ट्रैफिक पुलिस ही बेहतर जानती है। स्ट्रीट लाइटों की दरकार विपुल पाठक, विनोद सिंह ने ध्यान दिलाया कि भोजूबीर तिराहा से अर्दली बाजार पुलिस चौकी होते हुए पुलिस लाइन चौराहा और इधर कचहरी चौराहा के बीच एक दर्जन से अधिक खंभों की स्ट्रीट लाइटें नहीं जलतीं। इनमें कई हेरिटज लाइट हैं। बाजार बंद होने के बाद पूरी सड़क अंधेरे से घिर जाती है। इस बाबत क्षेत्रीय पार्षद से लेकर नगर निगम के अधिकारियों का ध्यान दिलाया जा चुका है। कॉलेज परिसर में असामाजिक तत्वों का अड्डा नागरिकों के मुताबिक शाम के बाद एलटी कॉलेज परिसर में भी अंधेरा छा जाता है। वह माहौल असामाजिक तत्वों-नशेड़ियों के लिए मुफीद होता है। प्राय: हर शाम से रात तक परिसर में नशा करने वाले जुटते हैं। टोकने पर कई बार विवाद की स्थिति बनी तो अब लोग मौन ही रहते हैं। सुझाव 1. एलटी कॉलेज परिसर में स्वामी विवेकानंद स्मृति स्मारक का निर्माण जल्द से जल्द शुरू कराया जाए। परिसर स्थित जिला पुस्तकालय का नामकरण स्वामीजी के नाम से हो। 2. कॉलेज परिसर स्थित तालाब का भी सुंदरीकरण कराया जाए। जलसंरक्षण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा। य 3. एलटी कॉलेज परिसर में मल्टीलेवल पार्किंग स्थल बनवाया जाए। इससे नगर निगम को आय भी होगी। 4. एलटी कॉलेज के सामने से कचहरी चौराहा और पुलिस लाइन चौराहा तक की सड़कों की मरम्मत कराई जाए। बंद पड़ीं स्ट्रीट लाइटें चालू कराई जाएं। 5. अर्दली बाजार क्षेत्र में अतिक्रमण के खिलाफ प्रभावी अभियान चले। दोबारा अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो। शिकायतें 1. स्वामी विवेकानंद स्मारक के 25 करोड़ के कार्यों का पिछले साल शिलान्यास हुआ मगर अब तक काम नहीं शुरू हो सका है। 2. अर्दली बाजार क्षेत्र में अतिक्रमण और जाम की समस्या दिनोंदिन गंभीर होती जा रही है। इससे सामान्य आवागमन बाधित हो रहा है। 3. एलटी कॉलेज परिसर में असामाजिक तत्वों और नशेड़ियों का हर शाम को जमावड़ा माहौल खराब कर रहा है। 4. भोजूबीर तिराहा से कचहरी एवं पुलिस लाइन चौराहा तक सड़क पर कई जगह गड्ढे बन गए हैं। स्ट्रीट लाइटें भी बंद पड़ी हैं। 5. एलटी कॉलेज परिसर में एक प्राचीन तालाब उपेक्षित है। वह कूड़ा-कचरा से पटता जा रहा है। कभी वह पशु-पक्षियों का बड़ा सहारा था। बोल का मोल एलटी कॉलेज परिसर में शिलान्यास के बाद भी स्वामी विवेकानंद स्मारक का निर्माण शुरू न होना समझ से परे है। -विनोद पांडेय भैयाजी गोपाललाल विला को विवेकानंद धाम के रूप में विकसित किया जाए। इससे भव्य-दिव्य काशी की परिकल्पना पूर्ण होगी। -विपुल कुमार पाठक अर्दलीबाजार को अतिक्रमण एवं जाम से मुक्ति दिलाने के लिए ठोस प्लानिंग एवं प्रभावी कार्रवाई की जरूरत है। -मनोज दुबे एलटी कॉलेज परिसर स्थित जिला पुस्तकालय का नामकरण स्वामी विवेकानंदजी के नाम से होना चाहिए। -रंजीत राय अर्दली बाजार बड़े वाणिज्यिक केन्द्र के रूप में विकसित हो चुका है। इसके सापेक्ष ट्रैफिक होनी जरूरी है। -विकास बरनवाल एलटी कॉलेज परिसर को असामाजिक तत्वों का अड्डा बनने से रोकने के लिए पुलिस प्रभावी कार्रवाई करे। -शिवप्रकाश सिंह अर्दली बाजार तिराहा से कचहरी चौराहा के बीच वनवे ट्रैफिक के नियम से परेशानियां अधिक हैं, लाभ कम। -संजय श्रीवास्तव एलटी कॉलेज से कचहरी एवं पुलिस लाइन चौराहा के बीच सड़कों की तत्काल मरम्मत कराई जाए। इससे आवागमन सुगम होगा। - मनीष गुप्ता दोबारा अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं होगी तो अर्दली बाजार में हमेशा समस्या रहेगी। -शैलेन्द्र सिंह एलटी कॉलेज से कचहरी चौराहा के बीच वनवे ट्रैफिक का दुरुपयोग भी हो रहा है। सड़क पर ही वाहन खड़े हो रहे हैं। -आकाश श्रीवास्तव

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