एम्स लाइक: बीएचयू के लिए सौ करोड़ रुपये स्वीकृत
Varanasi News - वाराणसी में बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के लिए 100 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। इसमें 20 करोड़ रुपये हॉस्पिटल मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम के लिए और 80 करोड़ रुपये चिकित्सा उपकरणों की खरीद के...

वाराणसी, कार्यालय संवाददाता। ‘एम्स लाइक के तहत बीएचयू के चिकित्सा विज्ञान संस्थान (आईएमएस) के लिए सौ करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। दिल्ली में सोमवार को स्टैंडिंग फाइनेंस कमेटी (एसएफसी) की चेयरमैन और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पर मुहर लगी। इसमें 20 करोड़ रुपये से हॉस्पिटल मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) और 80 करोड़ रुपये से मेडिकल उपकरणों की खरीद होगी। इसके साथ अब सर सुंदरलाल अस्पताल में मरीजों को नि:शुल्क भोजन मिलेगा। बैठक के दौरान एसएफसी चेयरमैन ने एम्स लाइक के तहत तैयार प्रस्ताव पर चर्चा की। उन्होंने क्रिटकल केयर, कैंसर मरीज और नवजात बच्चों के संबंध में बात की।
उन्होंने कहा कि एचएमआईएस (हॉस्पिटल मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम) को बेहतर बनाना है। 20 करोड़ रुपये से ई-सुश्रुत एचममआईएस सिस्टम डेलवप किया जाएगा। सी-डैक इसे डेवलप करेगी। वहीं मंगलवार को बीएचयू के अधिकारियों संग दिल्ली में शिक्षा विभाग के सचिव बैठक करेंगे। इसके बाद तीन महीने बाद फिर से एसएफसी की बैठक होगी। इसमें दूसरे चरण में मिलने वाले पैसे पर चर्चा होगी। बैठक में आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रो. एसएन संखवार, प्रो. विशंभर सिंह, प्रो. आरएन चौरसिया, प्रो. एसपी मिश्रा, डॉ. एके द्विवेदी, डॉ. हरिशंकर, आनंद विक्रम, डिप्टी रजिस्ट्रार ब्रजेश मौजूद थे। एम्स के नियमों के तहत खरीदे जाएंगे उपकरण एसएफसी की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बीएचयू किसी भी मेडिकल उपकरण की खरीद नहीं करेगा। खरीदारी में एम्स दिल्ली के नियमों का पालन होगी। इसके साथ ही इसकी जानकारी भी एम्स को दी जाएगी। ऑनलाइन होगी सभी सुविधा ई-सुश्रुत एचएमआईएस साफ्टवेयर से पंजीकरण होने पर रोगी और तीमारदारों को काउंटर पर होने वाली असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस साफ्टवेयर के माध्यम से रोगियों को अस्पताल में किस दिन, कौन से डाक्टरों की उपलब्धता होगी, सारी जानकारी भी उपलब्ध होगी। जांच और भर्ती के लिए यूपीआई, नेट बैंकिंग से भुगतान करने से समय की बचत होगी। रोगी के मोबाइल में होगा हेल्थ रिकार्ड एचएमआईएस के तहत दवाइयों के पर्चे खो जाने की स्थिति में रोगी साफ्टवेयर से अपना हेल्थ रिकार्ड स्वयं अपने मोबाइल से पुनः प्राप्त कर सकेगा। अस्पताल में भर्ती रोगियों को उपलब्ध होने वाली सुविधाएं जैसे एम्बुलेंस, बेड एलॉटमेंट, लिनेन, भोजन आदि का रिकार्ड भी ई-सुश्रुत साफ्टवेयर के माध्यम से किया जायेगा। इस मशीन की पहले खरीदी होगी 1- लीनियर एक्सीलेटर : यह मरीज में कैंसर सेल को सीधे लक्षित करके नष्ट करती है। मरीज के शरीर पर साइड इफेक्ट का खतरा भी कम रहता है। 2- मेमोग्राफी : मैमोग्राफी का इस्तेमाल स्तन कैंसर परीक्षण के लिए किया जाता है। 3- एंडोब्रोनकियल अल्ट्रासाउंड : फेफड़ों और आसपास के ऊतकों की जांच के लिए किया जाता है। 4- वीडियो यूरोडायनिमिक सिस्टम : मूत्राशय और मूत्रमार्ग के कार्य का मूल्यांकन की जांच में सहूलियत होगी। यह परीक्षण मूत्राशय में दबाव को मापता है। एक्स-रे छवियों के साथ मूत्र प्रणाली के काम करने के तरीके को दर्शाता है। 5- फीटल इको: अल्ट्रासाउंड परीक्षण है जो गर्भावस्था के दौरान भ्रूण (अजन्मे बच्चे) के दिल की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है। बनारस सहित पूर्वांचल के लोगों के लिए गौरव का पल है। पहले चरण में सौ करोड़ रुपये स्वीकृत हुआ है। इसे मरीजों के हित में खर्च किया जाएगा। अस्पताल व्यवस्थाएं बढ़ाईं जाएंगी। प्रो. एसएन संखवार, निदेशक, आईएमएस बीएचयू
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