मंडुवाडीह थाने का दरोगा-दीवान घूस लेते गिरफ्तार
Varanasi News - वाराणसी में एंटी करप्शन टीम ने मंडुवाडीह थाने के उप निरीक्षक अभयनाथ तिवारी और दीवान शक्ति सिंह यादव को 15 हजार रुपये घूस लेते गिरफ्तार किया। शिकायतकर्ता आकाश ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसके भाई को गवाह...

वाराणसी, हिन्दुस्तान टीम। एंटी करप्शन टीम ने शुक्रवार दोपहर मंडुवाडीह थाने के उप निरीक्षक अभयनाथ तिवारी, दीवान शक्ति सिंह यादव को 15 हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। मारपीट-धमकी के मुकदमे में आरोपी के भाई को नामजद न करने और गवाह बनाने के एवज में 15 हजार रुपये मांगे थे। दरोगा और दीवान के खिलाफ कैंट थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। बौलिया (लहरतारा) के आकाश गुप्ता उर्फ गोलू ने एंटी करप्शन टीम से शिकायत में बताया है कि उसकी सैलून के बगल में स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान के मैनेजर मनीष गुप्ता से 16 जून को उसका विवाद हो गया।
मंडुवाडीह पुलिस ने 17 जून को आकाश के खिलाफ मारपीट, धमकी एवं अन्य धारा में केस दर्ज किया। विवेचना उप निरीक्षक अभयनाथ तिवारी कर रहे थे। 25 जून को विवेचक उसके घर पहुंचे। कहा कि अगर अपने भाई का भला चाहता है तो 15 हजार रुपये दे। जो भी होगा, उनकी कलम से ही होगा। निर्णय तुम्हारे हाथ में है कि तुम भाई विकास गुप्ता को गवाह बनाना चाहते हो या मुल्जिम। पैसा दे दोगे तो गवाह बना दूंगा, नहीं तो उसे भी मुल्जिम बना दूंगा। यही नहीं लूट की धारा भी बढ़ा देगा। शिकायत के आधार पर एंटी करप्शन टीम थाने के पास पहुंची। दरोगा अभयनाथ तिवारी ने आकाश गुप्ता को थाने के पास बुलाया। दोपहर 1.26 बजे आकाश थाने के पास पहुंचा, तभी दरोगा अभयनाथ तिवारी दीवान शक्ति सिंह यादव को लेकर पहुंचा। 15 हजार रुपये दीवान शक्ति सिंह यादव को देने के लिए कहा। जैसे ही दीवान ने घूस के रुपये लिये, एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। रिश्वत के दिये रुपये बरामद कर लिये। दोनों को गिरफ्तार कर कैंट थाने लाया गया, जहां मुकदमा दर्ज कराया गया। गिरफ्तारी करने वाली टीम में निरीक्षक मुकेंद्र कुमार, नीरज कुमार सिंह, उमाशंकर यादव, मैनेजर सिंह, हेड कांस्टेबल विनोद कुमार, सुमित कुमार, अजीत सिंह, आरक्षी आशीष शुक्ला, विश्वजीत, चंदन उपाध्याय, अखिलेश कुमार थे। थाना प्रभारी पर भी 35 हजार घूस लेने का आरोप एंटी करप्शन टीम ने बताया कि शिकायतकर्ता आकाश ने शुक्रवार को अपने बयान में बताया कि थाना प्रभारी निरीक्षक भरत उपाध्याय ने भी 35 हजार रुपये घूस लिये हैं। बताया कि जिस दिन केस दर्ज हुआ, उसी दिन उसे थाने ले जा कर थाना प्रभारी के कक्ष में सिपाहियों ने पीटा और दूसरे पक्ष से भी पिटवाया। तलाशी के दौरान जेब में पिस्टल और कारतूस रख दिये। अगले दिन उसके भाई विकास को बुलाकर थाना प्रभारी ने 50 हजार रुपये मांगे। कहा कि यदि रुपये नहीं दिये तो असलहा रखने के आरोप में जेल भेज देंगे। नहीं तो चालान जैसी ही कार्रवाई करेंगे। काफी मिन्नतों के बाद थाना प्रभारी ने 35 हजार रुपये घूस लिये और उसका चालान किया गया। एंटी करप्शन टीम ने बताया कि शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर जांच की जाएगी।
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