इटावा में भागवत कथा सुनाने वालों पर भी मुकदमा दर्ज, जाति छिपाकर धोखा देने का आरोप
यूपी में इटावा के बकेवर थाना क्षेत्र के चर्चित दांदरपुर मामले में भागवत कथा सुनाने आये दोनों लोगों के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज की गई है। उन पर फर्जी आधार कार्ड बनाने व जाति छिपा कर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है।

यूपी में इटावा के बकेवर थाना क्षेत्र के चर्चित दांदरपुर मामले में भागवत कथा सुनाने आए दोनों लोगों के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज की गई है। उन पर फर्जी आधार कार्ड बनाने व जाति छिपा कर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। बता दें कि 21 जून को दांदरपुर गांव में मुकटमणि यादव और संत सिंह यादव भागवताचार्य बन कर कथा सुनाए आए थे।दोनों को जाति छिपाने के आरोप में सिर मुंड़ाकर गांव से निकाल दिया गया था। इस मामले में चार आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं।
एसएसपी बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मंगलवार को कथा की मुख्य यजमान ने भागवताचार्यों पर जाति छुपाने और छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी। बुधवार रात पुलिस ने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है मुकुटमणि यादव अपनी जाति छुपा कर भागवत कथा सुनाने पहुंचे। इसके लिए उन्होंने एक फर्जी आधारकार्ड बनाया। संत सिंह यादव ने भी जाति छुपाई। महिला ने छेड़छाड़ का भी आरोप लगाया था, इसकी जांच की जा रही है।
गिरफ्तारी के लिए हर आने-जाने वाले पर पुलिस की नजर
वहीं, भागवताचार्यों के साथ हुई अभद्रता मामले में पुलिस अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास में लगी है। पुलिस व प्रशासन गांव व कुछ दूरी पर डेरा जमाए हुए है। इससे गांव में तनाव का माहौल है। युवा व पुरुष डरे हुए हैं। पुलिस अफसर थोड़ी-थोड़ी देर में गांव में गश्त कर रहे हैं। उधर घटना के बाद से गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है। मंगलवार को कथा स्थगित कर दी गयी थी और पुलिस बार बार गांव में चक्कर लगा रही थी। रात को भी पुलिस ने गांव में कई मर्तबा गश्त की। बुधवार को भी गांव में सन्नाटा पसरा रहा।
दोनों तरफ से सोशल मीडिया पर बयानबाजी और तीखी टिप्पणियों के चलते प्रशासन सतर्कता बरत रहा है। प्रशासन गांवों के बाहर से ही गांव में आने जाने वालों पर नजर रखता दिखा। पुलिस की जगह राजस्व विभाग को लगाया गया। ये कर्मचारी गांव वालों से बातचीत करते हुए शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं। उधर एसपी ग्रामीण श्रीष चंद्र व सीओ भरथना अतुल प्रधान बकेवर थाने में पूरे दिन डटे रहे। यहां से पल-पल की रिपोर्ट गांव में तैनात कर्मचारियों से लेते रहे।