बोले उन्नाव : सालों से झेल रहे दुश्वारी, नहीं आते सफाई कर्मचारी
Unnao News - दरोगा बाग मोहल्ले में मूलभूत सुविधाओं की कमी है। लोग टूटी नालियों, गड्ढायुक्त सड़कों और सफाई कर्मियों की लापरवाही से परेशान हैं। जलभराव और गंदगी के कारण मच्छरों का आतंक है, जिससे संक्रामक बीमारियों का...

पॉश इलाके से सटे दरोगा बाग मोहल्ले में मूलभूत सुविधाओं की कमी है। यहां के लोग टूटी नालियों, गड्ढायुक्त सड़कों और लटकते तारों से दुश्वारियां झेलने को मजबूर हैं। गाड़ी न आने से जगह-जगह कूड़े के ढेर सफाई कर्मियों की कार्यशैली को उजागर कर रहे हैं। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से लोगों ने अपनी पीड़ा साझा की। लोगों ने बताया कि सिविल लाइंस एरिया से हमारा मोहल्ला सटा हुआ है। इसके बावजूद हम बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। सालों से दुश्वारियां झेल रहे हैं, लेकिन सफाई कर्मचारी कभी नहीं आते हैं। शिकायतों के बावजूद समस्या जस की तस है। हरदोई ओवरब्रिज से नीचे उतरते ही दरोगा बाग मोहल्ले की सीमा शुरू हो जाती है।
हरदोई रोड वार्ड के बीच से होकर निकला है। इससे प्रतिदिन सैकड़ों वाहन गुजरते हैं। लिहाजा दोनों ओर मार्केट भी है। इसी मोहल्ले में नगर पालिका के निवर्तमान चेयरमैन का भी आवास है। इसके बावजूद करीब 20 साल से लोग यहां मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान अनिल ने बताया कि यहां की सबसे बड़ी समस्या पानी निकासी की है। मोहल्ले की कोई ऐसी गली नहीं है, जहां जलभराव की समस्या न हो। अब बारिश शुरू हो गई है तो हर गली में कीचड़ और गंदा पानी मिलेगा। इसका सबसे बड़ा कारण सफाई कर्मियों की उदासीनता है। मोहल्ले में सफाई कर्मी नालियां साफ करने में लापरवाही बरतते हैं। नालियों की तलहटी ठीक से साफ नहीं करते हैं। सिल्ट को उठाकर नहीं ले जाते हैं। सूखकर वह सिल्ट फिर नालियों में ही गिर जाती है। इस कारण पानी की निकासी ठीक से नहीं हो पाती है और लोगों को जलभराव की समस्या से जूझना पड़ता है। संतोष ने बताया कि जलभराव और गंदगी के कारण मोहल्ले में मच्छरों का आतंक है। वहीं फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव न होने से लोगों को संक्रामक बीमारियों का डर सता रहा है। इस पर नगर पालिका को ध्यान देने की जरूरत है। वहीं, कूड़ा गाड़ी कुछ विशेष स्थानों से होकर निकल जाती है। इस कारण खाली प्लॉटों में कचरा फेंकने को मजबूर हैं। अस्तित्व की जंग लड़ रहा तालाब दिलशाद ने बताया कि मोहल्ले में एक पुराना तालाब है, जो अपने अस्तित्व की जंग लड़ रहा है। क्योंकि, बड़ी संख्या में लोगों ने तालाब पर अपने आशियाने बना लिए हैं। पहले घरों से निकलने वाला पानी इसी तालाब में एकत्र होता था, लेकिन अब पानी निकासी की समस्या है। बारिश के मौसम में जलभराव की समस्या विकराल हो जाती है। अरविंद के मुताबिक, बिजली के खंभों से लटकते बिजली के तार हादसे का सबब बनते हैं। बारिश में तेज हवा के कारण तारों के आपस में टकराने से फाल्ट हो जाती है और लोगों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ता है। क्षतिग्रस्त सड़कों की नहीं की गई मरम्मत उस्मान ने बताया कि अमृत योजना के तहत सड़कें खोदकर पाइपलाइन डाली गई, लेकिन सड़कों की मरम्मत नहीं कराई गई। इस कारण सड़कें और जर्जर हो गई हैं। अब ये सड़कें लोगों को ‘जख्म देने का काम कर रही हैं। लोगों ने कहा, समय रहते यदि सड़कों की मरम्मत हो जाती तो हालत इतनी जर्जर न होती और लोगों की परेशानी न बढ़ती। वहीं, पाइपलाइन डाले हुए एक वर्ष से अधिक समय हो गया पर अब तक आपूर्ति शुरू नहीं की गई। भीषण गर्मी में लोगों को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। हरदोई रोड पर महिलाओं पर फब्तियां कसते नशेबाज अभय ने बताया कि हरदोई रोड पर कंपोजिट शराब की दुकान में शाम होते ही शराबियों का जमावड़ा लगने लगता है। दुकान के सामने से निकलने वाली महिलाओं पर शराबी फब्तियां कसते हैं। विरोध करने पर कई बार यहां विवाद हो चुका है। दुकान के स्थान परिवर्तन को लेकर कई बार लोगों ने अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन समस्या जस की तस बनी है। इसको लेकर यहां के बाशिंदों में रोष भी पनप रहा है। शराबियों के कारण शाम को महिलाओं को बाहर निकलने में डर लगता है। जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए। गंदगी -जलभराव से संक्रामक बीमारियों का खतरा सड़के किनारे लंबे समय से सफाई न होने से जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। शराब ठेके के आसपास भी गंदगी फैली रहती है। यहां कई खाने-पीने की दुकानों का कचरा भी सड़क पर फेंका जाता है, जबकि मोहल्ले की गलियों का भी यही हाल है। मोहल्लेवासियों का कहना है कि गंदगी से दुर्गंध फैल रही है और मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है। बारिश बाद जलभराव होने से डेंगू, मलेरिया का भी खतरा बढ़ गया है। पालिका मोहल्ले में सफाई करने के बाद फॉगिंग और एंटीलार्वा का छिड़काव कराए ताकि जिससे दुर्गंध और संक्रामक बीमारियों का खतरा खत्म हो। बोले बाशिंदे तालाब में मकान बनने से जलभराव की समस्या बनी रहती है। जलभराव से बाहर निकलना दूभर हो जाता है। बारिश के मौसम में दिक्कत और अधिक बढ़ जाती है। - रमेश नियमित कूड़ा गाड़ी आती नहीं है। कभी-कभार आती है तो चुनिंदा स्थानों से कूड़ा कलेक्ट कर वापस हो जाती है। मोहल्ले में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं। - प्रियांशु पीने के पानी की व्यवस्था ठीक नहीं है। अमृत योजना के नलों से पानी नहीं निकल रहा है। इसमें जल्द आपूर्ति शुरू कराई जाए। मोहल्ले में वाटर कूलर भी लगवाए जाएं। - शिवकुमारी अमृत योजना के तहत डाली गई पाइपलाइन के दौरान खोदी गई सड़कों की मरम्मत नहीं हुई। इस कारण लोगों का निकलना मुश्किल हो जाता है। वृद्ध गिरकर चोटिल हो जाते हैं। -वंदना द्विवेदी बोले जिम्मेदार दरोगाबाग में समस्याओं के समाधान के लिए रूपरेखा तैयार कराई जाएगी। इंस्पेक्टर को निर्देश देंगे कि वह नियमित मोहल्ले की सफाई कराएं। टूटी सड़कों और नालियों के निर्माण के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। एंटी लार्वा का छिड़काव भी किया जाएगा। एस.के. गौतम, ईओ
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