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अंकल बचा लो, मेरी मां मुझसे धंधा कराती है...बच्ची के शरीर पर निशान देखकर पुलिस की भी कांप उठी रूह

मां बच्चों के लिए सबकुछ होती है। वह हर कष्ट सहकर भी उन्हें पालती-पोसती है। बच्चों को अच्छा नागरिक बनाने के लिए भी मेहनत करने में पीछे नहीं रहती। मां बच्चों पर आने वाली हर मुसीबत को भी अपने सिर लेने में संकोच नहीं करती, लेकिन यूपी के आगरा में इससे उलट देखने को मिला है।

Dinesh Rathour आगरा, मुख्य संवाददाताMon, 23 June 2025 08:48 PM
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अंकल बचा लो, मेरी मां मुझसे धंधा कराती है...बच्ची के शरीर पर निशान देखकर पुलिस की भी कांप उठी रूह

मां बच्चों के लिए सबकुछ होती है। वह हर कष्ट सहकर भी उन्हें पालती-पोसती है। बच्चों को अच्छा नागरिक बनाने के लिए भी मेहनत करने में पीछे नहीं रहती। मां बच्चों पर आने वाली हर मुसीबत को भी अपने सिर लेने में संकोच नहीं करती, लेकिन यूपी के आगरा में इससे उलट देखने को मिला है। यहां एक महिला अपनी ही बेटी के लिए हैवान बन गई। अपनी नौ वर्षीय बेटी को देह व्यापार के धंधे में फेंक दिया। दरिंदों के बीच घिरी मासूम ने जब देह व्यापार के धंधे का विरोध किया तो उसे बेरहमी से पीटा गया। सिगरेट से भी दागा जाता था। भूखा रखा जाता था। रविवार की दोपहर बालिका खुद ही चंगुल से भाग निकली। एक राहगीर से मदद मांगी। राहगीर उसे बुंदूकटरा पुलिस चौकी पर ले गया। बालिका के शरीर पर निशान देखकर पुलिस कर्मियों की भी रूह कांप उठी। मुकदमा लिखा गया है। कथित मां को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है। दिल दहला देने वाले मामले का मुकदमा सदर थाने में लिखा गया है।

पुलिस ने न्यू सीता नगर, रामबाग (एत्मादुद्दौला) निवासी अजय सिंह उर्फ कृष्णा मोहन की तहरीर पर देह व्यापार निवारण अधिनियम, पॉक्सो की धाराओं के तहत मुकदमा लिखा है। इसमें गीता (कथित मां), मोहित, दिलीप कुमार, शोहिल नामजद हैं। अजय सिंह ने पुलिस को बताया कि ग्वालियर रोड पर एक बालिका मिली। रोने लगी। हाथ जोड़ने लगी। कहने लगी अंकल बचा लो। मेरी मां मुझसे धंधा कराती है। मुझे पुलिस के पास ले चलो। वह बालिका को चौकी लेकर आ गए।

डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि घटना को बेहद गंभीरता से लिया गया। बालिका से पूछताछ के आधार पर खत्ता कालोनी निवासी गीता को पकड़ा गया। गीता ने पूछताछ में बताया कि उसने दो साल पहले शालू व कुनाल से बालिका को 60 हजार रुपये में खरीदा था। उसे घर पर रख लिया। उससे देह व्यापार कराती थी। पुलिस को छानबीन में पता चला कि गीता ने तीन शादियां की हैं। वर्तमान में अपने तीसरे पति मानिक चंद के साथ रहती है। तीन बच्चे हैं। बालिका से सबसे पहली बार गीता के बेटे अमित ने दुराचार किया था। गीता की एक बेटी विवाहित है। पुलिस उस तक पहुंच गई। उसने भी अपनी मां को कठघरे में खड़ा किया। बताया कि रुपयों के लालच में मां कुछ भी कर सकती है। पीड़िता से पूछताछ में पता चला कि मोहित, दिलीप कुमार और शोहिल वे लड़के हैं जिन्होंने उसके साथ गंदा काम किया था। डीसीपी सिटी ने बताया कि इस मामले में एसीपी सदर हेमंत कुमार के नेतृत्व में टीमें लगाई गई हैं। पुलिस इस मामले में शामिल एक-एक आरोपित को जेल भेजेगी।

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बालिका के माता-पिता का पता नहीं

नौ वर्षीय बालिका के असली माता-पिता कौन हैं, यह फिलहाल किसी को नहीं पता। बालिका को भी कुछ याद नहीं। जब उसकी खरीद-फरोख्त हुई वह महज सात साल की थी। महिला पुलिस कर्मियों ने बालिका से बातचीत का प्रयास किया। शायद वह अपने असली माता-पिता के बारे में कुछ बता सके। उसे सिर्फ इतना याद है कि उसके घर पर बड़ा सा गेट है। पुलिस कड़ियों को जोड़ने का प्रयास कर रही है। ताकि बालिका के असली माता-पिता का पता लगाया जा सके। दो साल में उसका इतना उत्पीड़न हुआ है कि वह अनजान चेहरे को देखते ही कांपने लगती है।

जयपुर में महेंद्र से खरीदी थी बच्ची

सदर क्षेत्र निवासी शालू और कुनाल जयपुर में महेंद्र से बालिका को खरीदकर लाए थे। पुलिस की एक टीम महेंद्र को पकड़ने के लिए रवाना हो गई है। इस मामले में पुलिस एक-एक आरोपित को सलाखों के पीछे पहुंचाना चाहती है। बच्ची के शरीर पर चोटों के निशान देखकर पुलिस कर्मियों की भी रूह कांप उठी है। उन्हें लग रहा है कि बालिका के साथ ऐसा करने वालों को सख्त से सख्त सजा दिलाना बेहद जरूरी है। सभी आरोपित पकड़े जाएंगे तभी बालिका के जख्मों पर मरहम लगेगा।

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पूरे शरीर पर चोटों के निशान

बालिका के शरीर पर जगह-जगह चोट के निशान हैं। उसने पुलिस को बताया कि उसे सिगरेट से दागा जाता था। डंडे से पीटा जाता था। गीता के बेटे भी उसे बेरहमी से पीटते थे। पूरे घर का काम कराते थे। वह घर से बाहर नहीं जा सकती थी। उसे कैद करके रखा जाता था। वह चीखती थी तो गीता उसका मुंह बांध देती थी। यह बोलती थी कि उसे कोई बचाने नहीं आएगा। पुलिस ने बालिका को हिम्मत दी। मेडिकल के लिए भेजा। इलाज के बाद उसकी काउंसलिंग कराई जाएगी।

21 साल पहले मुक्त हुई थीं दो बालिकाएं

ताजनगरी में मासूमों से देह व्यापार कराने का कोई पहला मामला नहीं है। आगरा देह व्यापार के लिए खरीद-फरोख्त की बड़ी मंडी है। कई इलाके ऐसे हैं जहां बेड़िया समाज के लोग रहते हैं। पहले उनकी बस्तियां थीं। अब बस्तियों से गलीच धंधा पॉश इलाकों तक पहुंच गया है। किराए पर मकान लेकर देह व्यापार कराया जाता है। आरोपित मासूम बच्चियों को खरीदते हैं। मुंबई और कोलकाता में उनके देह व्यापार के बड़े अड्डे हैं। बच्चियों को बड़ी होने पर वहां भेज दिया जाता है। 21 साल पहले ऐसा ही सनसनीखेज घटना सदर थाना क्षेत्र में हुई थी। शहीद नगर स्थित एक घर में दो बच्चियां कैद थीं। पड़ोसियों की सूचना पर उन्हें मुक्त कराया गया था। उन्हें देह व्यापार के लिए खरीदा गया था। बड़ी बच्ची को याद था कि वह दिल्ली की रहने वाली है। पुलिस दिल्ली गई थी। वहां उसके माता-पिता को खोज निकाला था। उस समय पुलिस ने उस बालिका को चांदनी नाम दिया था। दूसरी बालिका महज पांच साल की थी। उसे यह नहीं पता था कि उसके असली माता-पिता कौन हैं। आरोपित महिला ने बालिका को अपनी बेटी बताया था। पुलिस ने सुनीता बेड़िया का डीएनए कराया था। बच्ची उसकी नहीं निकली थी। बालिका को शिशु सदन भेजा गया था।

सात साल की उम्र में हुआ दुराचार

पीड़ित बालिका वर्तमान में नौ साल की है। जब उसे खरीदकर आगरा लाया गया तब वह महज सात साल की थी। गीता के बेटे अमित ने उसके साथ दुराचार किया था। यह खुलासा पूछताछ में हुआ है। पुलिस अमित को भी आरोपित बना रही है। इतना ही नहीं गीता का दूसरा बेटा नाबालिग है। वह भी बालिका के साथ मारपीट करता था। उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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