Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Tightening grip on IAS Abhishek Prakash, middleman Nikant Jain revealed the truth about commission taking

IAS अभिषेक प्रकाश पर कसा शिकंजा, बिचौलिए निकांत जैन ने पूछताछ में उगला कमीशनखोरी का सच

  • IAS अभिषेक प्रकाश पर शिकंजा कसा। कई घंटे तक पूछताछ में निकांत ने कबूला है कि उसने अभिषेक प्रकाश के कहने पर ही यह डील हाथ में ली थी। बिचौलिए निकांत जैन ने पूछताछ में कमीशनखोरी का सच उगला है।

Deep Pandey लाइव हिन्दुस्तानMon, 24 March 2025 05:55 AM
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IAS अभिषेक प्रकाश पर कसा शिकंजा, बिचौलिए निकांत जैन ने पूछताछ में उगला कमीशनखोरी का सच

इन्वेस्ट यूपी के सीईओ अभिषेक प्रकाश पर शिकंजा कसा है। अभिषेक को निलम्बित करने से पहले एसटीएफ और पुलिस ने पीड़ित उद्योगपति के हर आरोपों की बिन्दुवार जांच की। कई घंटे तक पूछताछ में निकांत ने कबूला है कि उसने अभिषेक प्रकाश के कहने पर ही यह डील हाथ में ली थी। पहले वह बरगलाने लगा था पर जब उसे कई कॉल डिटेल दिखाई गई तो उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी। इसके बाद ही वह सच उगलने लगा। बस, इस खुलासे के बाद अभिषेक प्रकाश पर शिकंजा कसा जाने लगा ।

और आरोपों पर जांच सूत्रों के मुताबिक पुलिस की पूछताछ में निकांत ने कई और बड़ों के नाम लिए हैं। इनके बारे में भी कई चौंकाने वाली जानकारियां दी हैं। इन आरोपों पर भी एक टीम ने जांच शुरू कर दी है। विजिलेंस और ईडी जल्दी ही इस प्रकरण में जांच शुरू कर सकती हैं।

निकांत जैन के दफ्तर की पुलिस ने फाइलें खंगाली

निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश के कहने पर रिश्वत मांगने के आरोपी निकांत जैन के विराट खंड स्थित दफ्तर की रविवार को कई फाइलें खंगाली। उन फाइलों का ब्योरा पुलिस ने तैयार किया जिसमें कई कम्पनियों से बड़ा लेन-देन किया है। अब इस दफ्तर में जल्दी ही विजिलेंस और ईडी के अफसर छानबीन करेंगे। इसलिए दफ्तर को इन दोनों एजेंसियों की कार्रवाई होने तक सील रखा जाएगा। पुलिस ने निकांत के दफ्तर की कई फाइलें खंगालीं। इनमें कई लेनदेन का ब्योरा निकला है। पुलिस पहले इन फाइलों को कब्जे में लेकर जा रही थी। पर, अफसरों ने ऐसा करने से मना कर दिया। कहा गया कि शासन ने विजिलेंस जांच के आदेश दिए हैं। लिहाजा, विजिलेंस टीम दफ्तर में कार्रवाई के लिए आ सकती है। इसको देखते हुए ही फाइलों को वहीं रहने दिया गया है।

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डील बड़ी की तो मामला बिगड़ा

मूल रूप से मेरठ निवासी निकांत की कोरोना काल में लखनऊ के तत्कालीन डीएम अभिषेक प्रकाश से नजदीकियां हो गई थीं। इसके बाद उसका कई आईएएस, उद्योगपतियों के साथ नेटवर्क बढ़ने लगा था। कुछ समय में ही वह लखनऊ के कई बड़ों की पार्टियों में नजर आने लगा। सूत्रों के मुताबिक अभिषेक प्रकाश ने उसे कई अफसरों से भी मिलवाया था। इसके बाद वह बड़े ठेकों व अन्य कामों में बिचौलिये की भूमिका निभाने लगा। इस दौरान ही उसने कई लोगों से बड़ी रकम भी वसूली।

सोलर ऊर्जा से जुड़ा एक बड़ा प्रोजेक्ट लगाने के नाम पर अभिषेक के कहने पर निकांत ने उद्योगपति से डील शुरू की। इसमें छोटी रकम की डील हुई तो मामला नहीं बिगड़ा पर जब निकांत बोली बढ़ाता चला गया तो उद्योगपति ने शिकायत कर दी।

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